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Buddha Purnima 2020: महात्मा बुद्ध ने कहा था -'क्रोध में गलत बोलने से अच्छा मौन रहना है'

कहा जाता है कि भगवान बुद्ध को आज ही दिन ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और आज ही उन्हें ज्ञान भी प्राप्त हुआ था।

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नई दिल्ली। पूरे देश में आज बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है, आज के दिन को बौद्ध और हिंदू दोनों ही धर्मों के लोग भगवान बुद्ध के जन्मोत्सव से रूप में मनाते हैं। बता दें कि भगवान बुद्ध ने ही बौद्ध धर्म की आधारशिला रखी थी तो वहीं हिंदू धर्म का मनना है कि बुद्ध, भगवान विष्णु का 9वां अवतार हैं, यही वजह है कि हिंदू धर्म के लोगों के लिए भी आज का दिन खास महत्व रखता है।

आज के ही दिन बुद्ध को सत्य का ज्ञान हुआ था

आज के ही दिन बुद्ध को सत्य का ज्ञान हुआ था

गौतम बुद्ध का जन्म ईसा से 563 साल पहले नेपाल के लुम्बिनी वन में हुआ था और आज के ही दिन बोधगया में बोधिवृक्ष नीचे बुद्ध को सत्य का ज्ञान हुआ था, वैशाख पूर्णिमा के दिन ही कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण हुआ, कुल मिलाकर जन्म, सत्य का ज्ञान और महापरिनिर्वाण के लिये भगवान गौतम बुद्ध को एक ही दिन यानी वैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुआ था इसलिए यह दिन बेहद ही मानक है।

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'बोधगया'

'बोधगया'

बिहार के जिस क्षेत्र में उन्होंने ज्ञान की प्राप्ति की उस जगह को 'बोधगया' के नाम से जाना जाता है। उन्होंने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया और 'बौद्ध धर्म' की स्थापना भी वहीं की थी, गौतम बुद्ध की मृत्यु, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 80 वर्ष की आयु में हुई थी।

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महात्मा बुद्ध के अनमोल विचार

महात्मा बुद्ध के अनमोल विचार

  • मनुष्य को अगर अपने जीवन में खुशियां प्राप्त करनी है तो उसे न तो अपने भूतकाल में उलझना चाहिए और न हीं अपने भविष्य की चिंता करनी चाहिए।
  • मनुष्य को अपने जीवन में क्रोध की सजा नहीं मिलती है बल्कि मनुष्य को क्रोध से सजा मिलती है।
  • मनुष्य हजारों लड़ाईयां जीतकर भी विजयी नहीं होता लेकिन जिस दिन वह अपने ऊपर विजय प्राप्त कर लेता है उसी दिन वह विजयी बन जाता है।
  • दुनियां में तीन चीजें ऐसी हैं जो कभी नहीं छिप सकती सूर्य - चंद्र और सच।
'क्रोध में गलत बोलने से अच्छा मौन रहना है'

'क्रोध में गलत बोलने से अच्छा मौन रहना है'

  • जीवन में कभी भी बुराई से बुराई को कभी खत्म नहीं किया जा सकता।
  • मनुष्य की बुराईयां उसके जीवन से प्रेम को खत्म कर देती है।
  • क्रोधित होने का मतलब है, जलता हुआ कोयला किसी दूसरे पर फेंकना, जो सबसे पहले आपके ही हाथों को जलाता है।
  • एक जलते हुए दीपक से हजारो दीपकों को जला सकते हो फिर भी दीपक की रोशनी काम नहीं होती।
  • जीवन में खुशियां बांटने से बढ़ती हैं कभी कम नहीं होती।

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English summary
Buddh Purnima is an annual festival celebrated to mark the birth anniversary of Lord Gautam Buddh-- founder of the Buddhist religion.here is his Thoughts and Importance.
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