April Fool’s Day 2018: क्यों मनाते हैं 'अप्रैल फूल' डे, क्या है इसका इतिहास?
नई दिल्ली। 'अप्रैल फूल' दिवस पश्चिमी देशों में हर साल पहली अप्रैल को मनाया जाता है। ऑल फूल्स डे के रूप में मनाए जाने वाले इस दिन पर व्यावाहारिक मजाक और सामान्य तौर पर मूर्खतापूर्ण हरकतें की जाती हैं।अब सोचने वाली बात ये है कि आखिर इस दिन को मनाया क्यों जाता है।
चॉसर की किताब 'द कैंटरबरी टेल्स' में 'अप्रैल फूल' का जिक्र
तो इसका इतिहास बहुत पुराना है, इस बारे में 1392 में लिखी ब्रिटिश लेखक चॉसर की किताब 'द कैंटरबरी टेल्स' में पढ़ने को मिलता है। इस किताब में कैंटरबरी नाम के एक कस्बे का जिक्र किया गया है। इसमें इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी की सगाई की तारीख 32 मार्च, 1381 को होने की घोषणा की गई थी जिसे वहां के लोग सही मान बैठे और मूर्ख बन गए, तभी से एक अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया जाता है।
दिलचस्प कहानी
हालांकि कुछ लोग मानते हैं कि इसकी शुरुआत 17वीं सदी में हुई थी। इसके पीछे बड़ी दिलचस्प कहानी है। 1564 से पहले यूरोप के लगभग सभी देशों में एक जैसा कैलेंडर प्रचलित था, जिसमें हर नया वर्ष पहली अप्रैल से शुरू होता था। सन 1564 में वहां के राजा चार्ल्स नवम ने एक बेहतर कैलेंडर को अपनाने का आदेश दिया। इस नए कैलेंडर में 1 जनवरी को वर्ष का प्रथम दिन माना गया था।
कुछ लोगों ने नए कैलेंडर को अपनाने से इंकार कर दिया
अधिकतर लोगों ने इस नए कैलेंडर को अपना लिया, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग थे, जिन्होंने नए कैलेंडर को अपनाने से इंकार कर दिया था। वह पहली जनवरी को वर्ष का नया दिन न मानकर पहली अप्रैल को ही वर्ष का पहला दिन मानते थे।
1 अप्रैल को लोग फूल्स डे के रूप में मनाने लगे
ऐसे लोगों को मूर्ख समझकर नया कैलेंडर अपनाने वालों ने पहली अप्रैल के दिन विचित्र प्रकार के मजाक करने और झूठे उपहार देने शुरू कर दिए और तभी से आज तक 1 अप्रैल को लोग फूल्स डे के रूप में मनाते हैं।
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