दक्षिण भारत के अहम राज्य कर्नाटक में चुनावी हलचल तेज है। वहां की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 24 मई 2023 को खत्म हो रहा। हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक राज्य में चुनाव के लिए अधिसूचना नहीं जारी की है, लेकिन राजनीतिक दलों और उसके नेताओं में चुनावी सरगर्मियां काफी जोरों पर हैं। सभी पार्टियां और नेता अपनी-अपनी रणनीति पर तेजी से काम कर रहे, ताकि एक-दूसरे को चुनावी मैदान में कड़ी टक्कर दे सकें।
बात करें 2018 में हुए पिछले चुनाव की, तो राज्य में कोई भी राजनीतिक दल बहुमत का आंकड़ा नहीं हासिल कर सका। बीजेपी का प्रदर्शन चुनाव में अच्छा रहा और उसने 2013 की 64 सीटों की तुलना में 104 सीटें जीती और सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन ये संख्या बहुमत के आंकड़े से दूर थी। मौका देखकर कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन कर लिया और एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में सरकार बनी। हालांकि ये सरकार ज्यादा दिन नहीं टिक पाई और एक साल के भीतर ही गिर गई। इसके बाद राज्य में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी। जुलाई 2021 में बीजेपी हाईकमान ने कर्नाटक में बड़ा परिवर्तन किया और सीएम की कुर्सी बसवराज बोम्मई को सौंप दी।
इस बार का कर्नाटक विधानसभा चुनाव काफी खास है। राज्य में लिंगायत फैक्टर, विकास, भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण, कट्टरता, ध्रुवीकरण आदि मुद्दों को लेकर तीन प्रमुख दल बीजेपी, जेडीएस और कांग्रेस मैदान में हैं। वहीं हाल ही में हुए कुछ सर्वे में बीजेपी बैकफुट पर दिखी, जबकि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस का कायाकल्प होता दिख रहा। उनके अलावा जेडीएस चुपचाप अपना रास्ता तलाश रही है। अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या दक्षिण के इस राज्य में फिर से कमल खिलेगा या सत्ता की चाभी कांग्रेस के पास जाएगी? या फिर जेडीएस किंगमेकर बनकर आएगी? आप कर्नाटक विधानसभा चुनाव से जुड़े सभी अपडेट्स जानने के लिए बने रहें हमारे साथ।