शिक्षा के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाने के लिए उत्तराखंड सरकार की है मजबूत तैयारी
देहरादून, जून 5। शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में पूरे देश के अंदर उत्तराखंड का चौथा स्थान है, लेकिन अभी भी राज्य सरकार लंबी छलांग लगाने की तैयारी कर रही है, इसीलिए उच्च प्राथमिक कक्षाओं से नौवीं कक्षाओं में पढ़ाई जारी रखने से कतरा रहे करीब 11 फीसदी छात्रों पर अब विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा।
अटल उत्कृष्ट विद्यालय योजना के माध्यम से उम्मीद जताई जा रही है कि माध्यमिक कक्षाओं में स्कूल छोड़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में कमी आएगी। साथ ही माध्यमिक स्तर पर स्तरीय शिक्षा के बूते उच्च शिक्षा में भी छात्र नामांकन बढ़ाने की तैयारी है।
सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के अहम इंडीकेटर शिक्षा की गुणवत्ता में मुकाम पाने के लिए उत्तराखंड को 11 पैमाने पर परखा गया। कक्षा एक से आठवीं तक छात्रों के नामांकन की दर 96.38 फीसद है। इससे आगे यानी माध्यमिक कक्षाओं में छात्रों में स्कूल छोड़ने की प्रवृत्ति बनी हुई है। प्रति सौ में 11 छात्र आठवीं के बाद नौवीं कक्षा में दाखिला नहीं ले रहे हैं।
इसी तरह उच्च माध्यमिक यानी 11वीं व 12वीं कक्षा में नामांकन दर 66.2 फीसद है। एसडीजी को लेकर हुए सर्वे में आठवीं कक्षा तक लर्निंग आउटकम 75 फीसदी रहा है।
बिजली व पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं से 87.72 फीसद विद्यालय ठीक-ठाक हालत में हैं। 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में साक्षरता दर 79 फीसद है। प्रदेश में 15 वर्ष और इससे ज्यादा आयु वर्ग के 24.7 फीसद व्यक्ति ऐसे हैं, जिन्होंने माध्यमिक शिक्षा पूरी की है। प्रदेश सरकार का कहना है कि पिछले चार वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर किए गए कार्यों से अच्छा परिणाम सामने आया है।