यूपी: 23 हजार लेखपाल गांव-गांव जाकर कर रहे वरासत मामलों का निपटारा, अब तक 4.16 लाख केस का समाधान
लखनऊ। राज्य में भूमि विवादों को पूरी तरह खत्म करने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शुरु हुए "विशेष वरासत अभियान" के तहत अब तक 4.16 लाख से अधिक प्रकरणों का निस्तारण किया गया है। ये सभी प्रकरण वर्षों से लंबित थे और एक माह के भीतर ही विशेष वरासत अभियान के तहत इन सभी का निस्तारण राजस्व विभाग के अफसरों ने किया है।
राज्य के राजस्व सचिव संजय गोयल के अनुसार, गत 15 दिसंबर से "आपकी जमीन, आपका अधिकार, सबको मिले अपना उत्तराधिकार" के संकल्प से शुरु हुए इस अभियान के तहत गत 17 जनवरी तक वरासत से संबंधित 4,77,014 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 4,16,207 प्रकरणों का निस्तारण कर दिया गया है। ग्रामीणों से प्राप्त शेष बचे आवेदनों को भी निस्तारित करने की प्रक्रिया चल रही है। राज्य में वरासत संबंधी विवादों को पूरी तरह से खत्म करने के लिए बीते 24 दिनों से पांच चरणों में चलाए जाने जा रहे विशेष वरासत अभियान के तहत गांव-गांव जा कर राजस्व विभाग के लेखपाल तथा अन्य अधिकारी ग्रामीणों से वरासत संबंधी प्रकरणों की जानकारी लेकर उसका निस्तारण कर रहें हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशेष वरासत अभियान को लेकर बेहद गंभीर हैं। उनकी मंशा है कि राज्य में वरासत से संबंधित सभी लंबित प्रकरणों का निस्तारण कर दिया जाए। इन प्रकरणों के लंबित रहने से भूमि के विवाद होते हैं। जिसका संज्ञान लेते हुए ही मुख्यमंत्री ने विशेष वरासत अभियान शुरू करने की योजना तैयार की थी। जिसके तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को विशेष वरासत अभियान में प्राप्त आवेदनों का शत-प्रतिशत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि राजस्व ग्राम समिति की बैठक के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि इस अभियान में अधिकतम सहभागिता सुनिश्चित की जा सके। मुख्यमंत्री के इस निर्देश पर राजस्व विभाग के करीब 24 हजार लेखपाल और 2700 राजस्व निरीक्षक गांव- गांव जाकर वरासत संबंधी लंबित प्रकरणों के आवेदन ग्रामीणों से लेकर गए उनका निस्तारण करने में जुटे हैं।
विशेष वरासत अभियान के गांवों में लोग वरासत के प्रकरणों को निस्तारित कराने में रूचि लें, इसके लिए राजस्व विभाग के अधिकारी विशेष वरासत अभियान के प्रचार प्रचार भी कर रहे हैं। सरकार के प्रयासों का ही यह नतीजा है कि वर्षों से लंबित वरासत के प्रकरणों का निस्तारण हो रहा है। अधिकारी किसानों के पास जाकर उनके लंबित प्रकरणों को निस्तारण कर रहें है। चंद दिनों में ही इतनी बड़ी संख्या में वरासत संबंधी मामलों का निस्तारण किए जाने से अब राज्य के गांव-गांव में विशेष वरासत अभियान में रूचि लेते हुए लोग निर्विवाद उत्तराधिकारों को खतौनियों में दर्ज कराने के लिए बढ़चढ़ कर आवेदन कर रहें हैं। इसे देखते हुए यह दावा किया जा रहा है कि आवेदन करने वालों की संख्या में इजाफा होगा और आगामी 15 फरवरी के बाद राज्य में वरासत से संबंधित एक भी विवाद शेष नहीं रहेगा।
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