नाथपंथ पर गोरखपुर विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार, कुलपति ने सीएम योगी को दी तैयारियों की जानकारी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नाथपंथ पर पूरी दुनिया में साहित्य उपलब्ध है। इसे एकत्रित कर उसके अनुवाद करने की आवश्यकता है। नेपाल, बंगाल, त्रिपुरा, ओडिशा, कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र में भारी संख्या में नाथपंथ के अनुयायी हैं। इन राज्यों में पंथ का प्रचुर साहित्य भी मौजूद है।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में 20-22 मार्च को होनेवाले सेमिनार की तैयारियों के संबंध में कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने गोरखनाथ मंदिर में सीएम से भेंट की। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री को तैयारियों के संबंध में उन्होंने अद्यतन जानकारी दी। उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री योगी के साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के भी आने की संभावना है।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित करेगा कि नाथपंथ पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार विश्वभर के नाथपंथ के अनुयायियों के लिए एक प्लेटफार्म बने। देश-विदेश में अनेक भाषाओं में उपलब्ध नाथपंथ के साहित्य को इकट्ठा कर उनके अनुवाद के लिये भी यह अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एक मंच तैयार करेगी।
सेमिनार में कुल 40 तकनीकी सत्रों का आयोजन किया जाएगा। इसका खाका तैयारी समितियों की ओर से तैयार किया जा रहा है। सेमिनार में देश के साथ विदेशों में नाथपंथ पर काम करने वाले शिक्षाविदों को शामिल करने के लिए निमंत्रण भेजा जा चुका है।
सेमिनार
में
यह
होंगे
शामिल
सेमिनार
में
स्पेन
से
भगवाननाथ
जी,
ऑस्ट्रिया
से
योगी
हॉलमननाथ
जी,
ब्राजील
से
योगिनी
देवकीनाथ
जी,
अमेरिका
के
मिसिगन
यूनिवर्सिटी
से
प्रोफेसर
माधव
देश
पांडेय,
मॉरिशस
से
डॉ
विश्वानंद
पुटिया,
मध्यप्रदेश
के
डॉ.
श्रीहरि
सिंह
गौर
विश्वविद्यालय
के
कुलाधिपति
डॉ.
बलवंत
जानी
इंडियन
काउंसिल
के
चेयरमैन
प्रो.
आरसी
सिन्हा,
अमेरिका
से
श्री
कपिलनाथ
दिल्ली
यूनिवर्सिटी
से
प्रो.
सुधीर
सिंह,
महाराष्ट्र
से
योगी
विलासनाथ
जी,
रूस
से
योगी
मत्स्येंद्र,
बांग्लादेश
से
डॉ.
कुशल
बी
चक्रवर्ती,
हिंदू
बुध
क्रिश्चियन
ओकाया
परिषद
के
अध्यक्ष
प्रो.
नीम
चंद्र
भौमिक
जेएनयू
से
प्रो.
कपिल
कपूर,
रोहतक
के
बाबा
मस्तनाथ
विश्वविद्यालय
के
प्रो.
राम
सजन
पांडेय
हिमाचल
प्रदेश
सेंट्रल
यूनिवर्सिटी
के
कुलाधिपति
प्रो.
हरमहेंद्र
सिंह
बेदी
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