लड़कियों के लिए अब 15 किलोमीटर के दायरे में कॉलेज खोले जाएंगे, हरियाणा के शिक्षा मंत्री की घोषणा
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार सूबे में लड़कियों के लिए 15 किलोमीटर के दायरे में कॉलेज खुलवाएगी। ये कॉलेज सरकारी या प्राइवेट दोनों तरह के हो सकते हैं। शिक्षामंत्री कंवरपाल सिंह ने यह ऐलान किया। कंवरपाल विधानसभा में बोल रहे थे, जहां उन्होंने कहा कि, हमारी सरकार बेटियों की शिक्षा के प्रति गंभीर है। प्रदेश में 15 किलोमीटर के दायरे में एक कॉलेज हो, हम इस पर काम करा रहे हैं। सोहना के 15 किलोमीटर के दायरे में एक कॉलेज पहले से चल रहा है। ऐसे कॉलेजों में स्टाफ की पर्याप्त नियुक्ति कराने की बात भी शिक्षा मंत्री ने कही।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने किसान मुद्दे पर भी बात की। कहा कि, हमारी सोच कभी टकराव की नहीं रही लेकिन विपक्ष टकराव की स्थिति पैदा करने के लिए किसानों को भ्रमित कर रहे हैं। फसलों की रिकॉर्ड खरीद हमारी सरकार ने की है। कंवरपाल आज सदन में कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विपक्ष का उद्देश्य किसानों का हित करना नहीं बल्कि टकराव की स्थिति पैदा करता है।
उन्होंने
किसानों
के
निधन
के
लिए
विपक्ष
को
सीधे
सीधे
दोषी
ठहराते
हुए
कहा
कि
वर्तमान
राज्य
सरकार
ने
किसान
समृद्धि
योजना
के
तहत
किसानों
के
खातों
में
6-6
हजार
रुपये
सीधे
भेजे
हैं।
कंवरपाल
ने
आंकड़े
प्रस्तुत
करते
हुए
कहा
कि
मैं
धान
और
गेहूं
की
खरीद
के
आंकड़ों
की
बात
नहीं
करता
क्योंकि
इन
दोनों
फसलों
की
खरीद
में
तो
हमारी
सरकार
ने
पूर्व
की
सरकारों
के
मुकाबले
बहुत
अधिक
खरीद
की
है।
उन्होंने
कहा
कि
वर्ष
2013-14
में
सरसों
का
एमएसपी
घोषित
था
लेकिन
सरसों
की
एक
किलोग्राम
भी
सरकारी
खरीद
नहीं
हुई
जबकि
2020-21
में
7.49
लाख
मीट्रिक
टन
सरसों
की
सरकारी
खरीद
4425
रुपये
के
समर्थन
मूल्य
पर
की
गई।
इसीप्रकार,
2013-14
में
चना,
सूरजमुखी,
मक्का
और
मूंग
की
भी
कोई
सरकारी
खरीद
नहीं
हुई
जबकि
2020-21
में
10636
मीट्रिक
टन
चना
की
4875
रुपये
के
एमएसपी
पर,
16207
मीट्रिक
टन
सूरजमुखी
की
5650
रुपये
के
एमएसपी
पर,
4016
मीट्रिक
टन
से
अधिक
मक्का
की
1850
रुपये
के
एमएसपी
पर
और
1099.65
मीट्रिक
टन
मूंग
की
7196
रुपये
के
एमएसपी
पर
खरीद
की
गई।
इसके
अतिरिक्त,
2020-21
में
736000
मीट्रिक
टन
से
अधिक
बाजरे
की
सरकारी
खरीद
भी
की
गई
जबकि
2013-14
में
इसकी
सरकारी
खरीद
नहीं
हुई
थी।
कंवरपाल
ने
कहा
कि
पूर्व
की
सरकारों
ने
किसानों
की
चिंता
कभी
नहीं
की।
उन्होंने
बहुत
सी
फसलों
का
एमएसपी
तक
घोषित
नहीं
किया
था।
उन्होंने
कहा
कि
भाषण
से
किसान
का
पेट
नहीं
भरेगा,
कर्म
से
किसान
का
कल्याण
होगा,
जिसके
लिए
हम
दृढ़
संकल्पित
हैं।
उन्होंने
कांग्रेस
के
सदस्यों
से
पूछा
कि
वे
बताएं
कि
कृषि
कानूनों
में
काला
क्या
है?
इसके
अतिरिक्त,
उन्होंने
कहा
कि
लाल
किले
पर
हुड़दंग
मचाने
वाले
उपद्रवियों
के
खिलाफ
कार्रवाई
की
गई
तो
कांग्रेस
ने
उन
अपराधियों
को
बचाने
के
लिए
वकीलों
की
फौज
खड़ी
कर
दी।
कैमला
के
कार्यक्रम
का
जिक्र
करते
हुए
कंवरपाल
ने
कहा
कि
हम
चाहते
तो
कार्यक्रम
में
अव्यवस्था
फैलाने
वालों
को
रोक
सकते
थे
लेकिन
हमने
लाठीचार्ज
नहीं
कराई
और
पुलिस
को
सख्ती
करने
की
अनुमति
नहीं
दी।
उन्होंने
कहा
कि
कांग्रेस
यही
चाहती
थी
कि
लाठीचार्ज
हो
और
टकराव
बढ़े
लेकिन
हमने
कांग्रेस
के
मंसूबों
को
कामयाब
नहीं
होने
दिया।
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास लाठीचार्ज का रहा है। कुलदीप बिश्नोई और उनके समर्थकों पर कांग्रेस सरकार के समय लाठीचार्ज हुआ था। उस लाठीचार्ज में न केवल प्रदर्शनकारियों को बुरी तरह पीटा गया था बल्कि 100 से ज्यादा गाडिय़ों को तोड़ दिया गया था।