पिपली को वर्ल्ड क्लास टूरिज्म हब बनाएगी हरियाणा सरकार, मुख्यमंत्री ने की घोषणा
कुरुक्षेत्र। हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में स्थित पिपली को वर्ल्ड क्लास टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इसकी घोषणा खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की। चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई हरियाणा सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड (एचएसएचडीबी) की बैठक में फैसला लिया गया कि,पिपली को एक विश्वस्तरीय टूरिस्ट हब के रूप में विकसित करेंगे। पिपली में सरस्वती सेतु पर विकसित किया जाने वाला टूरिस्ट हब देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करेगा। यह हरियाणा को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर एक अलग पहचान देगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई हरियाणा सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड (एचएसएचडीबी) की बैठक के बाद यह बताया गया कि, पिपली में टूरिस्ट हब हरियाणा सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा विकसित किया जाएगा। बोटिंग के अलावा टूरिस्ट हब में आगंतुकों के लिए रेस्तरां, पार्क, संग्रहालय आदि जैसी कई प्रकार की सुविधाएं भी होंगी। राज्य सरकार पहले से ही यमुनानगर में आदिबद्री को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बरसात के दौरान अतिरिक्त पानी के भंडारण के लिए यमुनानगर और कुरुक्षेत्र जिलों में पांच-छह वाटर बॉडी को विकसित किया जाएगा, ताकि इस पानी का उपयोग सिंचाई और अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सके।
बैठक में बताया गया कि सरस्वती नदी राज्य सरकार की एक प्रतिष्ठित परियोजना है, इस नदी के पानी से न केवल यमुनानगर, करनाल और कैथल जिलों में ड्राक जोन क्षेत्रों की समस्या पर काबू पाने में मदद मिलेगी, बल्कि सिंचाई करने और ग्रामीण तालाबों (जोहड़) के सौंदर्यीकरण के लिए भी प्रभावी रूप से उपयोग किया जा सकता है। बैठक में यह भी बताया गया कि हरियाणा सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड 14 फरवरी से 16 फरवरी, 2021 तक आदिबद्री और पिहोवा में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव-2021 का आयोजन करने जा रहा है।
इस महोत्सव में पवित्र नदी सरस्वती की समृद्ध विरासत और इतिहास को इस नदी पर लिखे गए वेद और उपनिषद सहित सभी प्राचीन ग्रंथों के माध्यम से दर्शाया जाएगा। 15 फरवरी, 2021 को एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल मुख्य अतिथि होंगे और डिजिटल माध्यम से अपना संबोधन देंगे। इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में 16 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।