हरियाणा का बजट 2021-22 कैसा होगा, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आगामी बजट 2021-22 की तारीफ करते हुए उसके बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि, राज्य का बजट लोकहित का बजट होगा, जिसमें समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा, ''इस बार का बजट मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, रोजगार, स्वावलंबन तथा स्वाभिमान सहित 5 विषयों पर केंद्रित होगा। मुख्यमंत्री आज गुरुग्राम में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। आज की बैठक में कुल 12 समस्याएं रखी गई थी, जिनमें से 11 का निपटारा मौके पर ही कर दिया गया।'
मीडिया
के
सवालों
का
जवाब
देते
हुए
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
पिछली
बार
की
तरह
इस
बार
भी
सभी
हित
धारकों,
विधायकों
व
सांसदों
से
परामर्श
कर
बजट
प्रस्तुत
किया
जाएगा।
इस
बार
कोरोना
के
कारण
हितधारकों
से
भौतिक
रूप
से
बैठकें
नहीं
हो
पाई
लेकिन
सभी
संबंधित
को
पत्र
लिखा
गया
है
कि
वे
20
फरवरी
तक
अपने
सुझाव
सरकार
को
लिखकर
भेजें।
बहुमूल्य
सुझावों
को
बजट
में
शामिल
किया
जाएगा।
उन्होंने
कहा
कि
इस
बार
का
बजट
लोकहित
का
होगा
जिसमें
इस
बात
का
विशेष
तौर
पर
ध्यान
रखा
जाएगा
कि
समाज
में
प्रत्येक
वर्ग
की
समस्याओं
का
समाधान
हो।
शिक्षा
का
बजट
पिछली
बार
भी
बढ़ाया
गया
था
तथा
इस
बार
और
ज्यादा
बढाया
जाएगा।
कोविड-19
महामारी
के
चलते
स्वास्थ्य
का
बजट
भी
इस
बार
बढ़ाया
जाएगा।
उन्होंने
कहा
कि
राज्य
सरकार
ऐसा
नियम
बनाने
जा
रही
है
जिसमें
एक
प्लॉट
पर
विकास
शुल्क
एक
बार
ही
लगेगा।
यदि
किसी
प्लॉट
के
मालिक
को
विकास
शुल्क
भरने
के
लिए
नगर
निगम
या
नगरपालिका
से
नोटिस
प्राप्त
होता
है
तो
वह
पहले
भरे
गए
विकास
शुल्क
की
रसीद
दिखा
दें,
उससे
दोबारा
शुल्क
नहीं
लिया
जाएगा।
एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक एकड़ से कम कृषि भूमि की रजिस्ट्री को लेकर पिछले दिनों राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया गया था। अब ऐसा प्रावधान किया जाएगा कि कृषि भूमि अलग से चिन्हित होगी और उसकी रजिस्ट्री पर क्लेक्टर रेट भी कृषि क्षेत्र के लिए निर्धारित रेट ही लगेगा। इसी प्रकार, सरकार द्वारा प्लॉट के विभाजन को लेकर पूरे प्रदेश में पॉलिसी तैयार की जा रही है जिसके अनुसार प्लॉट के विभाजन के लिए साईज तय किए जाएंगे। निर्धारित सीमा से नीचे के साईज के प्लॉट का विभाजन नहीं होगा। दंगाईयों द्वारा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी संपत्ति प्रदेश के सभी नागरिकों की होती है और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की संपत्ति से नुकसान की भरपाई करवाने के बारे में नियम बनाने पर विचार किया जा रहा है।
कष्ट निवारण समिति बैठक में सन् 2006 में हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) द्वारा अधिग्रहित की गई गुरुग्राम जिला के 5 गांवों नामत: गाडौली खुर्द, हरसरू, मोहम्मदपुर, खांडसा तथा नरसिंहपुर के विस्थापितों का मामला मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया, जिस पर उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में आए न्यायालय के आदेशों के अनुसार पॉलिसी बनाकर लाभ पात्रों को प्लॉट अलॉट किए जाएंगे और जो नौकरी प्राप्त करने के पात्र होंगे उन्हें रोजगार के अवसर भी दिए जाएंगे। इसी प्रकार, सारे होम्स नामक सोसायटी में बिल्डर द्वारा छोड़ी गई कमियों के बारे में शिकायत भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गई थी, इस पर मुख्यमंत्री ने पुलिस आयुक्त को निर्देश दिए कि वे प्रत्येक टॉवर में रहने वाले लोगों की समस्याएं अलग-अलग सुनें और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
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इस अवसर पर गुरुग्राम की मेयर श्रीमती मधु आजाद, पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता, सोहना के विधायक संजय सिंह, बादशाहपुर के विधायक एवं हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज के चेयरमैन राकेश दौलताबाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, पब्लिक सेफटी, ग्रीवेंस तथा गुड गवर्नेंस एडवाइजर अनिल राव, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, उपायुक्त डॉ. यश गर्ग, पुलिस आयुक्त के राव सहित कष्ट निवारण समिति के सभी मनोनित और सरकारी सदस्य उपस्थित थे।