हरियाणा में बनेगी 100 क्यूसेक क्षमता मेवात फीडर नहर, पेयजल आपूर्ति के लिए गुरुग्राम चैनल तक जाएगी
गुड़गांव। हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली सरकार 100 क्यूसेक क्षमता मेवात फीडर नहर बनवाएगी। यह नहर बादली के पास गुरुग्राम जल आपूर्ति से पाइप्ड चैनल के रूप में निकाली जाएगी। नहर केएमपी एक्सप्रेस वे के साथ-साथ गुरुग्राम चैनल तक जाएगी। सरकार की घोषणा की जानकारी हरियाणा जनसंपर्क एवं सूचना विभाग द्वारा दी गई। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि, मेवात में जल्द ही पेयजल आपूर्ति के लिए नहर बनेगी।
एचएसआईआईडीसी
के
लिए
टर्म
लोनिंग
स्कीम
हरियाणा
में
मुख्यमंत्री
की
घोषणा
के
अनुसार
टर्म
ऋण
में
एचएसआईआईडीसी
के
डिफ़ॉल्ट
मामलों
में,
जिसमें
सिक्योरिटी
उपलब्ध
है,
का
निपटान
सेटलमैंट
राशि,
जिसमें
जिस
तारीख
पर
खाता
संदिग्ध
हो
गया
हो,
उस
दिन
तक
बकाया
राशि
(जो
मूलधन
जमा
ब्याज
है)
में
से
जिस
तारीख
पर
खाता
संदिग्ध
हुआ
हो,
उस
तारीख
तक
वसूल
की
गई
राशि
को
कम
करने
तथा
जिस
तारीख
पर
खाता
संदिग्ध
हुआ
हो
तब
से
लेकर
अंतिम
भुगतान
करने
तक
का
साधारण
ब्याज
तथा
अन्य
खर्चों
को
जोड़
कर
किया
जाएगा।
हालाँकि, ऐसे सेटलमैंट उपलब्ध सिक्योरिटी की निगम द्वारा निर्धारित मूल्य तक ही सीमित रहेंगे। उपरोक्त फॉर्मूला एचएफसी के मामले में 25 लाख रुपये से अधिक के ऋण खातों के मामले में भी लागू होंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में ओटीएस राशि का एकमुश्त भुगतान करने के लिए अतिरिक्त छूट भुगतान करने के समय के अनुसार प्रदान की जाएगी। यह जानकारी एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक अनुराग अग्रवाल ने दी। उन्होंने बताया कि इसके अनुसार यदि भुगतान 30 दिनों के भीतर किया जाता है, तो 13.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर साधारण ब्याज की गणना करके 3 प्रतिशत ब्याज की छूट मिलेगी। यह साधारण ब्याज की गणना, उस तिथि से जब ऋण को संदिग्ध के रूप में वर्गीकृत किया गया था, से की जाएगी। इसी प्रकार यदि भुगतान 60 दिनों के भीतर किया जाता है, तो 13.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर साधारण ब्याज की गणना करके 2 प्रतिशत ब्याज की छूट मिलेगी। अगर भुगतान 60 दिनों के बाद किया जाता है तो कोई छूट नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह योजना 30 सितंबर, 2021 तक लागू रहेगी।
एचएफसी
के
लिए
टर्म
लैंडिंग
स्कीम
श्री
अनुराग
अग्रवाल
ने
बताया
कि
एचएफसी
टर्म
लैंडिंग
मामलों
में
मुख्यमंत्री
द्वारा
की
गई
घोषणा
के
अनुसार,
जिनकी
ऋण
राशि
25
लाख
रुपये
से
कम
है,
ऐसे
मामलों
का
निपटारा
उस
तारीख
को,
जिस
दिन
खाता
संदिग्ध
हो
गया
था,
को
बकाया
राशि
(मूलधन
जमा
ब्याज
माइनस
ऋण
खाते
को
संदेहास्पद
के
रूप
में
वर्गीकृत
किए
जाने
के
किया
गया
कोई
भुगतान)
गिरवी
(मॉर्टगेज)
रखी
हुई
उपलब्ध
सम्पत्ति
की
निगम
द्वारा
निर्धारित
सिक्योरिटी
के
मूल्य
के
अलावा
राशि,
का
दोगुना
राशि
पर
किया
जाएगा।
निगम
द्वारा
किए
गए
अन्य
खर्चों,
यदि
कोई
है
तो,
उसको
माफ
किया
जाएगा।
उन्होंने
कहा
कि
एचएसआईआईडीसी
और
एचएफसी
दोनों
मामलों
में
जहां
पहले
से
उपलब्ध
सिक्योरिटी
निगम
द्वारा
बेची
जा
चुकी
है,
ऐसे
मामलों
का
निपटारा
केवल
बकाया
मूलधन
राशि
पर
किया
जाएगा।
इस
राशि
की
गणना
गिरवी
रखी
हुई
सिक्योरिटी
की
बिक्री
को
विनियोजित
करने
के
बाद
की
जाएगी।
अन्य
सभी
देय
राशि
जैसे
ब्याज
और
खर्चों
को
माफ
कर
दिया
जाएगा।
उन्होंने
कहा
कि
एचएसआईआईडीसी
और
एचएफसी
दोनों
के
मामलों
में
जहां
पहले
से
उपलब्ध
सुरक्षा
निगम
द्वारा
बेची
जा
चुकी
है,
ऐसे
मामलों
को
प्रमुख
बकाया
राशि
पर
निपटाया
जाएगा,
क्योंकि
गिरवी
रखी
गई
प्रतिभूतियों
की
बिक्री
आय
को
विनियोजित
करने
के
बाद
गणना
की
जाती
है।
अन्य
सभी
देय
राशि
ब्याज
और
खर्चों
को
माफ
कर
दिया
जाएगा।
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इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक श्री अनुराग अग्रवाल, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार, श्रम आयुक्त, हरियाणा श्री पंकज अग्रवाल, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के महानिदेशक श्री विकास गुप्ता, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक डॉ. साकेत कुमार और मुख्य समन्वयक, उद्योग हरियाणा-सह-विभागाध्यक्ष, इस्टेट, एचएसआईआईडीसी श्री सुनील शर्मा भी उपस्थित थे।