UP: चुनावी वर्ष में नहीं लगेगा महंगी बिजली का झटका, राज्य विद्युत नियामक आयोग ने जारी किया टैरिफ ऑर्डर
UP: चुनावी वर्ष में नहीं लगेगा महंगी बिजली का झटका, राज्य विद्युत नियामक आयोग ने जारी किया टैरिफ ऑर्डर
लखनऊ, 29 जुलाई: उत्तर प्रदेश में इस बार भी बिजली दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने गुरुवार को टैरिफ ऑर्डर जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव और कोरोना से पैदा हुए हालात को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। वहीं, बिजली कंपनियों की ओर से दाखिल किए गए स्लैब परिवर्तन, रेगुलेटरी सरचार्ज लगाने समेत अन्य प्रस्तावों को भी खारिज कर दिया गया।
जिसके बाद प्रदेश में बिजली की दरें यथावत रखी गई हैं। सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। उत्तर प्रदेश में मीटर लगाए जाने के बाद भी किसानों को अनमीटर्ड टैरिफ की सुविधा प्रदान की गई है। इस सुविधा से उनको पर्याप्त बिजली मिलने के साथ ही कोई अतिरिक्त धन भी नहीं देना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने सभी बिजली कंपनियों के स्लैब परिवर्तन के साथ ही साथ रेगुलेटरी सरचार्ज के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
बिजली दर मामले में नियामक आयोग ने 10 से 20 प्रतिशत रेगुलेटरी सरचार्ज को लगवाने का प्रस्ताव खारिज करवा दिया। इससे प्रदेश में वर्तमान बिजली दर आगे भी लागू रहेंगी। बिजली कंपनियों पर अभी भी उपभोक्ताओं का 1059 करोड़ रुपया बाकी है। बिजली दरों में कमी करने के उपभोक्ता परिषद् के प्रस्ताव पर सरकार तथा पावर कार्पोरेशन ने नहीं दिया साथ इसलिए दर को कम करने के स्थान पर यथावत ही रखा गया है। बिजली दर कम करने के लिए जल्द उपभोक्ता परिषद् पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा। इसके साथ ही बिजली कंपनी पर उपभोक्ताओ का अब तक कुल निकले करीब 20559 करोड़ के एवज में कमी का मुद्दा उठाएगा।
प्रदेश की पांच बिजली कंपनी मध्यांचल, पूर्वांचल, दक्षिणांचल व पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड एवं केस्को ने वर्ष 2021-22 के लिए दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्कता टैरिफ प्रस्ताव सहित स्लैब परिवर्तन पर विद्युत नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह के साथ सदस्यगण केके शर्मा व वीके श्रीवास्तव की पूर्ण पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुये यह आदेश जारी कर दिया है। जारी आदेश में इस वर्ष बिजली दरों में कोई भी बदलाव नही किया जायेगा वर्तमान लागू टैरिफ ही आगे लागू रहेगी। वहीं उपभोक्ता परिषद की लड़ाई भी रंग लाई। आयोग ने बिजली कम्पनियों के स्लैब परिवर्तन व रेगुलेटरी असेट को पूर्णता अस्वीकार करते हुये खारिज कर दिया। वर्ष 2021-22 व ट्रू-अप 2019-20 के लिए बिजली कम्पनियों की भारी भरकम धनराशि को समाप्त कर दिया गया है।
किसानों
को
बड़ी
राहत
इस
टैरिफ
आदेश
से
ग्रामीण
किसान
अब
उहापोह
में
नहीं
रहेंगे।
उनके
ट्यूबबेल
पर
भले
मीटर
लगे,
लेकिन
उनसे
अनमीटर्ड
170
रुपया
प्रति
हार्स
पावर
की
दर
से
ही
वसूली
की
जायेगी।
किसानों
के
निजी
टूयूबबेल
पर
मीटर
भले
लग
जाये
लेकिन
अब
उनसे
वसूली
एलएमवी
5
की
फिक्स
170
रुपया
प्रति
हार्स
पावर
प्रति
माह
की
दर
पर
ही
होगी।