डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का ऐलान, 2 हजार नवनियुक्त टीचर्स को टैबलेट देगी दिल्ली सरकार
नई दिल्ली, 26 जून। कोरोना वायरस काल में जहां ऑनलाइन क्लासेज की डिमांड बढ़ी है, वहीं शिक्षकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है। दिल्ली सरकार ने शिक्षा निदेशालय द्वारा नवनियुक्त 2,000 से अधिक शिक्षकों को टैबलेट देने का फैसला किया है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है। सिसोदिया ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि दिल्ली सरकार का नजरिया प्रत्येक बच्चे को उत्कृष्ट शिक्षा मुहैया कराना है और शिक्षकों को टैबलेट देना इस दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों द्वारा टैबलेट के उपयोग से बेहतर शिक्षण हो सकेगा और शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने में रचनात्मक तकनीकों का उपयोग करने के लिए सशक्त बनाएगा।
सिसोदिया ने कहा कि शिक्षण में नए तकनीकों को शामिल करना महत्वपूर्ण है क्योंकि टैबलेट से शिक्षक मौजूदा कोविड समय में बिना किसी परेशानी के अपना काम कर सकेंगे। उन्होंने कहा, "21वीं सदी में, शिक्षण में विभिन्न नवीन तकनीकों को शामिल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये तकनीक शिक्षण-सीखने की प्रक्रिया को सूचित करेगी और शिक्षकों को रचनात्मक और अधिक समग्र तरीकों से छात्रों को पढ़ाने में सक्षम बनाएगी।"
दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोविड के कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो, नवनियुक्त शिक्षकों को टैबलेट वितरित किए हैं ताकि शिक्षक छात्रों के साथ ऑनलाइन जुड़ सकें और बिना किसी परेशानी के पठन-पाठन की प्रक्रिया जारी रख सकें। बयान के अनुसार दिल्ली सरकार ने 2018-19 में कुल 60,555 शिक्षकों को टैबलेट दिए थे।
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दिल्ली
में
अभी
नहीं
खुलेंगे
स्कूल
दिल्ली
के
उपमुख्यमंत्री
मनीष
सिसोदिया
ने
कहा
कि
कोविड
महामारी
के
मद्देनजर
छात्रों
की
सुरक्षा
को
ध्यान
में
रखते
हुए
फिलहाल
उन्हें
स्कूल
नहीं
बुलाया
जा
रहा।
उपमुख्यमंत्री
के
कार्यालय
की
ओर
से
जारी
बयान
के
अनुसार
सिसोदिया
ने
दिल्ली
के
चार
सरकारी
स्कूलों
एसकेवी
कोंडली,
जीजीएसएस
कल्याणपुरी,
आईपी
एक्सटेंशन,
प्रीत
विहार
के
सरकारी
सह-
शिक्षा
विद्यालयों
का
दौरा
कर
172
नयी
कक्षाओं
के
निर्माण
कार्य
का
निरीक्षण
किया।
उन्होंने कहा, "बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, हम छात्रों को जल्द ही स्कूल वापस नहीं बुला रहे हैं। हालांकि, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि नयी और बेहतर कक्षाओं के लिए निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए ताकि जब बच्चे स्कूल वापस लौटें तो उनका स्वागत नयी और रंग-बिरंगी कक्षाओं में मौजूद सर्वोत्तम सुविधाओं के साथ किया जाए।"