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ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली सरकार ने जारी की गाइडलाइन, दवा बांटने को लेकर बनाए नियम

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नई दिल्ली, 19 मई। कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बीच देश में अब ब्लैक फंगस के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र में 2 हजार से अधिक कोविड मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले पाए गए जिसके बाद लोगों में खौफ का माहौल है। इसके चलते दिल्ली सरकार ने ब्लैक फंगस पर नियंत्रण पाने के लिए विचार किया। जिसके बाद ब्लैक फंगस के बचाव में इस्तेमाल होने वाली दवा एम्फोटेरिसिन बी (Amphotericin -b) बांटने को लेकर (टेकनिकल एक्सपर्ट कमेटी) समिति बनाई गई। इस समिति (TEC) में डॉ एम के डागा (Pulmonologist),डॉ मनीष अग्रवाल ,(Anesthesia branch)डॉ एस अनुराधा (Medicine)डॉ रवि मेहर (ENT) ये चार सदस्य शामिल हैं।

Delhi government releases guidelines amidst increasing cases of black fungus

दवा को बांटने को लेकर सरकार ने गाइडलाइन जारी की है:

  • सभी कोरोना अस्पतालों को इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन बी लेने के लिए टेकनिकल एक्सपर्ट कमेटी से संपर्क करना होगा। कोविड अस्पतालों को यह इंजेक्शन समिति की सिफारिश पर ही मिलेगा।
  • एक एप्लीकेशन जिसे प्रोफार्मा कहा जाता है तकनीकी समिति को भेजना होगा। इस पर संस्थान के एमएस (MS) को हस्ताक्षर (Signature)करके ई-मेल amphobharyana@gmail।com पर रोजाना प्रात: 9 बजे से पहले आवेदन करना होगा।
  • TEC दिन में दो बार वर्चुअल मीटिंग के जरिए अस्पतालों से संपर्क करेगी। मीटिंग दिन में एक बार (छुट्टियों सहित) दोपहर 12 बजे होगी। समिति के सदस्यों को व्हाट्सअप आदि पर भेजे गए अनुरोध नहीं माने जाएंगे
  • दैनिक बैठक का निर्णय सभी स्टेक होलडर को ईमेल के माध्यम से दिया जाएगा। साथ ही मीटिंग से जुड़ी सारी जरूरी बातें एक वेबसाइट पर भी डालने की बात कही गई है।
  • सभी संबंधित सरकारी, प्राइवेट अस्पताल मरीज को इंजेक्शन देने पर मरीज के नाम के साथ एक रिपोर्ट सबमिट करनी होगी।
  • सीएस (कंपनी सेक्रेटरी) द्वारा दवा की मांग की जाएगी और समिति के अनुमोदन के बाद संबंधित स्वास्थ्य सुविधा को जारी किया जाएगा।
  • प्रतिनिधि को इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन-बी के स्टॉक की स्थिति, मात्रा एवं कन्संट्रेशन की जानकारी देनी होगी।

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तेजी से बढ़ रहे ब्लैक फंगस के मामले
ब्लैक फंगस बीमारी में 70 किलो के मरीज को 300 मिलीग्राम यानी 42 इंजेक्शन लगाने होते हैं। वहीं कोरोना में जैसे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही थी, वैसे ही अब ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की हो रही है। अमूमन 400- 500 रूपए में मिलने वाली दवाओं की कीमत अब बढ़ाकर 800- 900 रूपए कर दी गई है।

महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के मामले करीब 2 हजार तक जा पहुंचे हैं तो वहीं गुजरात में ये आंकड़ा 1 हजार 163 हो गया है। मध्य प्रदेश में 281 मामले ब्लैक के दर्ज हुए हैं साथ ही 27 लोगों की मौत हुई है। उत्तर प्रदेश में 73 केस ब्लैक फंगस के देखने को मिले हैं वहीं 2 लोगों की ब्लैक फंगस के चलते मौत हो गई है और तेंलगना में 60 मामले ब्लैक फंगस के सामने आए हैं।

डाक्टरों का कहना है कि ब्लैक फंगस का खतरा डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा है। शुरुआती लक्षण में ही उपचार शुरू हो जाए तो मरीज को खतरा नहीं है। देरी करने पर सर्जरी की आवश्यकता होती है। स्टेरॉयड की ओवरडोज के चलते डायबिटिक कोरोना संक्रमित भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।

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Delhi government releases guidelines amidst increasing cases of black fungus
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