सीएम पटनायक ने चक्रवात की स्थिति से निपटने के लिए गृह मंत्री को भेजा बालासोर
भुवनेश्वर, 25 मई: कोरोना महामारी के बीच तौकते तूफान के बाद ओडिशा और पश्चिम बंगाल में यास का खतरा आ गया है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान 'यास' में बदल गया है. इसके अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने के बाद 26 मई को 'यास' के 26 मई की दोपहर को पारादीप और सागर द्वीपों के बीच होते हुए ओडिशा-पश्चिम बंगाल तटों से गुजरने का अनुमान है। वहीं ओडिशा सरकार ने बचाव दलों को तैनात किया है। वहीं मंगलवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इनर्जी इंडस्ट्री के मंत्री दिव्यशंकर मिश्रा को बालासोर में चक्रवात की स्थिति से निपटने के लिए भेजा है।
बता
दें
ओडिशा
के
कई
जिलों
में
भारी
बारिश
की
संभावना
को
देखते
हुए
मौसम
विभाग
ने
रेड
और
ऑरेंज
अलर्ट
किया
है।
जिन
जिलों
में
भारी
बारिा
के
कारण
लैंडफॉल
होने
की
संभावना
है
उनमें
बालासोर
भी
शामिल
है।
सीएम
नवीन
पटनायक
ने
राज्य
के
गृह
और
ऊर्जा
मंत्री
को
बालासोर
पहुंच
कर
वहां
कैंप
लगाकर
निगरानी
रखने
का
आदेश
दिया
है।
मंत्री
दिव्यशंकर
मिश्राा
ओपीटीसीएल
और
डेस्कॉम
के
द्वारा
पूर्व
में
की
गई
तैयारियों
का
निरीक्षण
किया
ताकि
यास
चक्रवात
के
कारण
कोई
कोई
भी
बिजली
का
करेंट
फैलने
की
घटना
न
हो।
मंत्री
ने
मौके
पर
पहुंच
कर
पहले
से
टीपी
सेंट्रल
ओडिशा
डिस्ट्रीब्यूशन
लिमिटेड
और
टीपी
नार्दन
ओडिशा
डिस्ट्रीब्यूशन
लिमिटेड
को
दिशा
निर्देश
दिए
है।
ताकी
तूफान
से
निपटने
के
लिए
मेन
पॉवर,
मशीने
और
सामान
का
प्रबंध
हो
सके।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार यास चक्रवाती तूफान पाराद्वीप के दक्षिण और दक्षिण पू्र्वी दिशा में 320 किलोमीटर और बालासोर के दक्षिण, दक्षिण पूर्व में 430 किलोमीटर है। 26 मई की दोपहर पाराद्वीप और सागर द्वीप और चांदबाली और धामरा के बीच लैंडफॉल होने की संभावना है। इसके साथ मौसम विभाग के अनुसार केंद्रपाड़ा, भद्रक, जगतसिंहपुर, बालासोर तेज बारिश होने की संभावना व्यक्त की है जिस कारण इन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा अन्य कुछ जिलों में भी तेज बारिश होने की भविष्यवाणी की गई है।