छत्तीसगढ़ः कलमा बैराज के प्रभावित 314 किसानों को मिला 22.78 करोड़ मुआवजा
रायपुर। कमला बैराज के प्रभावित 314 किसानों का दस वर्षों से चला आ रहा इंतजार गुरुवार को खत्म हो गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन किसानों को 22.78 करोड़ रुपये मुआवजे का चेक किसानों को दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की बेहतरी और उनके मुद्दों को प्राथमिकता से निराकृत करना, छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता है और इस काम में छत्तीसगढ़ सरकार की पूरी टीम लगी हुई है। कार्यक्रम का आयोजन वर्चुअल किया गया था।
अफसरों ने बताया कि कलमा बैराज का निर्माण जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम कलमा और रायगढ़ जिले के ग्राम बरगांव के मध्य महानदी पर 377.42 करोड़ स्र्पये की लागत से कराया गया है। इसका निर्माण फरवरी 2011 में शुरू किया गया था और मार्च 2016 में बनकर तैयार हुआ। बैराज के निर्माण से जांजगीर-चांपा जिले के 13 गांव के 682 किसानों की 97.89 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई थी। उन्होंने 314 किसानों के मुआवजा प्रकरण लंबे समय से लंबित था।
कार्यक्रम में जलसंसाधन मंत्री रविंद्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू उपस्थित थे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल, संसदीय सचिव विनोद सेवन लाल चंद्राकर, विधायक रामकुमार यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने किसानों के भू-अर्जन के लंबित प्रकरणों के निदान व मुआवजा राशि के वितरण के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। जल संसाधन मंत्री चौबे ने कहा कि इस बैराज से किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिले, इसको लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश के परिपालन में जलसंसाधन विभाग ने बैराज के दोनों तटों पर मेगा लिफ्ट एरीगेशन प्रोजेक्ट प्रस्तावित किया है। इससे 15 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में किसानों को जलापूर्ति होगी।
किसान पुत्रों को सौंपी किसानों के कल्याण की जिम्मेदारी
राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष अग्नि चंद्राकर व सदस्यों के पदभार ग्रहण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की सरकार, किसानों की सरकार है। राज्य में खेती-किसानी को समृद्ध बनाने और किसानों के कल्याण और खुशहाली की जिम्मेदारी उनकी सरकार ने किसान पुत्रों और वर्षों से कृषि से जुड़े अनुभवी लोगों को सौंपी है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इसका लाभ राज्य के किसान भाइयों को मिलेगा।