ग्वालियर राजघराने के वारिस ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया एक भारतीय राजनेता हैं। हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट और स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल से एमबीए, ज्योतिरादित्य कुछ शीर्ष प्राइवेट कंपनियों के लिए काम भी कर चुके हैं।
एक दुर्घटना में अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की असमय मृत्यु के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत काँग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में की और मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रीत्व वाली यूपीए-1 में सूचना प्रसारण राज्य मंत्री और यूपीए-2 में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री के बाद ऊर्जा मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री भी रहे। वे अपने परंपरागत गुणा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र का वर्ष 2019 तक बतौर काँग्रेस सांसद संसद में प्रतिनिधित्व करते रहे लेकिन 2019 के आम चुनाव में वे भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और एक समय उनके सहयोगी रहे डॉ. कृष्णपाल सिंह से गुणा क्षेत्र से संसदीय चुनाव हार गए।
उसके बाद पार्टी हाई-कमान से मतभेद के कारण उन्होने वर्ष 2020 में काँग्रेस को अलविदा कहकर 10 मार्च 2020 को भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर लिया। मध्य प्रदेश में डेढ वर्ष से चल रही कमलनाथ के नेतृत्व वाली काँग्रेस सरकार को गिराकर भारतीय जनता पार्टी की की सत्ता में वापसी में भी इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका कही जाती है।
उसके बाद ही भाजपा नेतृत्त्व द्वारा सिंधिया को पुरस्कृत करने की चर्चाएँ चल रही थी। प्रधान मंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल में प्रथम मंत्रीमंडल विस्तार में ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन का कैबिनेट मंत्री बनाया गया।.
ग्वालियर राजघराने के वारिस ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया एक भारतीय राजनेता हैं। हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट और स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल से एमबीए, ज्योतिरादित्य कुछ शीर्ष प्राइवेट कंपनियों के लिए काम भी कर चुके हैं।
एक दुर्घटना में अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की असमय मृत्यु के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत काँग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में की और मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रीत्व वाली यूपीए-1 में सूचना प्रसारण राज्य मंत्री और यूपीए-2 में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री के बाद ऊर्जा मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री भी रहे। वे अपने परंपरागत गुणा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र का वर्ष 2019 तक बतौर काँग्रेस सांसद संसद में प्रतिनिधित्व करते रहे लेकिन 2019 के आम चुनाव में वे भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और एक समय उनके सहयोगी रहे डॉ. कृष्णपाल सिंह से गुणा क्षेत्र से संसदीय चुनाव हार गए।
उसके बाद पार्टी हाई-कमान से मतभेद के कारण उन्होने वर्ष 2020 में काँग्रेस को अलविदा कहकर 10 मार्च 2020 को भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर लिया। मध्य प्रदेश में डेढ वर्ष से चल रही कमलनाथ के नेतृत्व वाली काँग्रेस सरकार को गिराकर भारतीय जनता पार्टी की की सत्ता में वापसी में भी इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका कही जाती है।
उसके बाद ही भाजपा नेतृत्त्व द्वारा सिंधिया को पुरस्कृत करने की चर्चाएँ चल रही थी। प्रधान मंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल में प्रथम मंत्रीमंडल विस्तार में ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन का कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
पूरा नाम | ज्योतिरादित्य सिंधिया |
जन्म तिथि | 01 Jan 1971 (उम्र 53) |
जन्म स्थान | मुंबई (महाराष्ट्र) |
पार्टी का नाम | Bharatiya Janta Party |
शिक्षा | Post Graduate |
व्यवसाय | समाज सेवक |
पिता का नाम | स्वर्गीय श्री माधवराव जे. सिंधिया |
माता का नाम | श्रीमती माधवी राजे सिंधिया |
धर्म | हिंदू |
वेबसाइट | jmscindia.in |
सोशल | सोशल: |
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