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अलगिरी एम के

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मुथुवेल करुणानिधि अलगिरि को आमतौर पर एमके अलागिरी के नाम से जाना जाता है, जो तमिलनाडु के एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और 13 जून 2009 से 20 मार्च 2013 तक रसायन और उर्वरक के कैबिनेट मंत्री थे। वह तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि और उनकी दूसरी पत्नी दयालु और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (2014 तक) के प्रमुख के दूसरे बेटे हैं।उन्होंने बहुत कम उम्र से ही अपने पिता के संरक्षण में राजनीति की भूमि पर कदम रखा। उन्हें अपने राजनीतिक जीवन में काफी कठिनाइयों और विवादों का सामना करना पड़ा।.

अलगिरी एम के जीवनी

मुथुवेल करुणानिधि अलगिरि को आमतौर पर एमके अलागिरी के नाम से जाना जाता है, जो तमिलनाडु के एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और 13 जून 2009 से 20 मार्च 2013 तक रसायन और उर्वरक के कैबिनेट मंत्री थे। वह तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि और उनकी दूसरी पत्नी दयालु और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (2014 तक) के प्रमुख के दूसरे बेटे हैं।उन्होंने बहुत कम उम्र से ही अपने पिता के संरक्षण में राजनीति की भूमि पर कदम रखा। उन्हें अपने राजनीतिक जीवन में काफी कठिनाइयों और विवादों का सामना करना पड़ा।

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By Shalini Updated: Tuesday, February 19, 2019, 12:09:52 PM [IST]

अलगिरी एम के निजी जीवन

पूरा नाम अलगिरी एम के
जन्म तिथि 30 Jan 1951 (उम्र 73)
जन्म स्थान चेन्नई
पार्टी का नाम Dravida Munetra Kazhagam
शिक्षा Graduate
व्यवसाय राजनीतिज्ञ / सामाजिक कार्यकर्ता
पिता का नाम एम. करुणानिधि
माता का नाम दयालु अम्मल
वेबसाइट http://www.mkalagiri.com/
सोशल सोशल:

अलगिरी एम के शुद्ध संपत्ति

शुद्ध संपत्ति: ₹19.4 CRORE
सम्पत्ति:₹19.4 CRORE
उत्तरदायित्व: N/A

अलगिरी एम के के बारे में रोचक जानकारी

अलगिरि का नाम तमिल लेखक, अज़हागिरिसामी के नाम पर रखा गया था, जिनसे उनके पिता बेहद प्रभावित थे और उन्हें अपना आदर्श भी मानते थे। उन्होंने अपने पिता के संरक्षण में बहुत कम उम्र से राजनीति की भूमि में कदम रखा।
अलागिरी क्रिकेट को पसंद करते हैं और अपने खाली समय में क्रिकेट मैच देखना पसंद करते हैं।
उसके पास होंडा सिटी, लैंड रोवर, टोयोटा इनोवा और बीएमडब्ल्यू जैसी कारों का कलेक्शन है।
अलगिरी का नाम विभिन्न विवादों से जुड़ा हुआ है। पूर्व डीएमके मंत्री, टी. किरुतिन की हत्या में साजिश रचने सहित 20 मई 2003 को थिरुमंगलम उप-चुनाव के लिए तमिलनाडु में एक कैश-फॉर-वोट की शुरुआत, दिनाकरन अखबार के मदुरै कार्यालय पर हमला और धाया साइबर टेक पार्क जमीन हड़पने का मामला।

अलगिरी एम के का राजनीतिक जीवन

2014
  • जनवरी 2014 में अलागिरी को डीएमके से बाहर कर दिया गया।
2009
  • अलागिरी ने मदुरै लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की। उसी साल वे रसायन एवं उर्वरक मंत्री भी बने।
2008
  • 2008 में अलागिरी की पार्टी ने तीन उपचुनाव जीते। उन्‍हें दक्षिणी राज्‍य में ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी बनाया गया।

पूर्व इतिहास

1989
  • 1989 में उन्‍होंने अधिकारिक रूप से कोई पद नहीं लिया, लेकिन लोगों के बीच में वे सक्रिय नेता के रूप में उभरे।
70 के दशक में
  • अलागिरी ने प्रेसिडेंसी कॉलेज से पढ़ाई पूरी की और अपने ही गृहजनपद चेन्‍नई में उन्‍होंने बीए किया।

अलगिरी एम के की उपलब्धिया‍ँ

अलगिरी को दक्षिणी जिलों के लिए पार्टी के आयोजन सचिव के रूप में नियुक्त किया गया।
कैबिनेट मंत्री के रूप में चुने गए और 2009 के निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव जीता।
2008 में, उन्होंंने तीन उपचुनाव जीतने के लिए अपनी पार्टी का नेतृत्व किया।

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