क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

योग पुनर्जागरण के युग पतंजलि: परमहंस माधवदास बाबा

Google Oneindia News

योग शरीर, मन और आत्मा को स्वस्थ रखने की प्राचीन भारतीय विद्या है। हड़प्पा कालीन सभ्यता में भी योगमुद्रा में बैठे सन्यासी का प्रमाण मिलना सर्वविदित है। योग कितना प्राचीन है इसका ठीक ठीक अनुमान भी हम नहीं लगा सकते। लेकिन सदियों तक कंदराओं, गुफाओं और मठों तक सिमटा रहनेवाला योग बीसवीं सदी में अचानक से जन सामान्य के बीच कैसे पहुंच गया? वो कौन था जिसने कंदराओं और गुफाओं से निकालकर उसे जन सामान्य के बीच पहुंचाया?

international yoga day 2022 history of Paramhansa Madhavdas Baba guru of yoga

आज के युग में योग को जन सामान्य तक पहुंचाने का काम किया परमहंस माधवदास ने, जिन्हें लोग बंगाली बाबा के नाम से भी जानते हैं। बंगाली बाबा का जन्म बंगाल के एक मुखोपाध्याय परिवार में वर्ष 1798 ईस्वी में हुआ था। 23 साल की उम्र तक वो पारिवारिक जीवन में रहे और पढाई के बाद वकालत शुरु की। लेकिन इस काम में उनका मन नहीं लगा। जल्द ही वो अध्यात्म मार्ग की ओर बढ गये। योग व अध्यात्म की विभिन्न परंपराओं को समझने के लिए हिमालय की ओर चले गये और लंबे समय तक हिमालय के विभिन्न हिस्सों में घूमते रहे। इसी दौरान उन्हें योग की शिक्षा-दीक्षा मिली।

करीब 35 साल हिमालय में गुजारने के बाद 12 साल तक एक गुफा में रहकर एकांतिक साधना की। इसके बाद 1869 में वो सामान्य साधु समाज के बीच वापस लौट आये। 1881 में उन्हें वृन्दावन में साधु समाज का प्रमुख नियुक्त किया गया। लेकिन साधु समाज के बीच चल रही इन गतिविधियों से माधवदास बाबा संतुष्ट नहीं थे। वो जनसमान्य के कष्टों को कम करने के लिए आतुर थे। 1880 में वो गुजरात आ गये और यहीं रहकर योग वेदान्त की शिक्षा शुरु कर दी।

अपने जीवन के उत्तरार्ध में जब वो स्वयं 118 साल के थे तब 1916 में वो मुंबई एक वार्ता करने आये थे। यहीं पर उनकी मुलाकात मणिभाई हरिभाई देसाई से हुई जो उस समय मुंबई विश्वविद्यालय में पढते थे। परमहंस माधवदास बाबा ने उन्हें योग शिक्षा के लिए चुना और इस तरह माधवदास बाबा से दो साल प्रशिक्षण लेने के बाद मणिभाई देसाई ने मुंबई में पहला योग इंस्टीट्यूट शुरु किया 1918 में। जिस समय यह योग इंस्टीट्यूट शुरु हुआ उस समय दादाभाई नौरोजी ने मुंबई में अपना एक खाली घर उन्हें दे दिया था जहां वो योग पर शोध अध्ययन और प्रशिक्षण का काम करते थे।

परमहंस माधवदास बाबा कहते थे कि योग हिमालय की गुफाओं में सदियों से सुरक्षित रहा है लेकिन अब समय आ गया है कि इसे जन सामान्य के बीच पहुंचाया जाए। ऐसा करने के लिए उन्होंने मणिभाई देसाई (योगेन्द्र जी) को शोध द्वारा योग की प्रामाणिकता सिद्ध करने के लिए कहा। परमहंस माधवदास बाबा ने कहा कि ये विज्ञान का युग है और जो बात विज्ञान से प्रमाणित नहीं होगी उसे कोई स्वीकार नहीं करेगा। इसलिए उन्होंने योग को आध्यात्मिक अनुभूति का विषय नहीं बल्कि शारीरिक और मानसिक लाभ का विषय माना। इसलिए योग पुनर्जागरण के युग पतंजलि माधवदास बाबा के प्रथम शिष्य मणिभाई देसाई ने योग पर मुंबई के अलावा अमेरिका में रिसर्च इंस्टीट्यूट स्थापित किया।

मणिभाई देसाई के अलावा माधवदास बाबा के एक और शिष्य हुए जगन्नाथ गुणे। परमहंस माधवदास बाबा से योग की शिक्षा लेने के बाद जगन्नाथ गुणे ने मुंबई के ही पास लोनावाला में दूसरा योग रिसर्च इंस्टीट्यूट बनाया 1924 में। जगन्नाथ गुणे बाद में कुवलयानंद के नाम से जाने गये और लोनावाला का उनका रिसर्च इंस्टीट्यूट आज कैवल्यधाम के नाम से जाना जाता है।

दोनों ही रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बंगाली बाबा के निर्देशानुसार योग को गुफाओं से निकालकर लैबोरेटरी का सब्जेक्ट बनाया। व्यापक स्तर पर विभिन्न रोगों पर योग के प्रभाव का शोध किया गया। तब से लेकर आज तक योग के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर लगातार शोध हो रहे हैं। उन्हीं शोध का नतीजा है कि पूरी दुनिया ने माना है कि योग का शरीर और मन पर सकारात्मक असर होता है। आज योग के नाम दुनिया का एक दिन (21 जून) निर्धारित हो गया है। लेकिन आज यह यह सब कुछ न होता अगर बंगाली बाबा न होते। कंदराओं और साधु समाज से योग को बाहर लाकर वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित करनेवाले परमहंस माधवदास आधुनिक युग में योग का पुनर्जागरण करके 1921 में शरीर छोड़कर परमतत्व में विलीन हो गये।

यह भी पढ़ें: International Yoga Day 2022: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत कब और कैसे हुई? जानें सबकुछ

(इस लेख में व्यक्त विचार, लेखक के निजी विचार हैं. आलेख में दी गई किसी भी सूचना की तथ्यात्मकता, सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति Oneindia उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं।)

Comments
English summary
international yoga day 2022 history of Paramhansa Madhavdas Baba guru of yoga
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X