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FIFA World Cup 2022: दुनिया का सबसे बड़ा रिलीजन क्यों बन गया है फुटबॉल?

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FIFA World Cup 2022: दुनिया के सबसे बड़े आयोजन में शुमार फीफा वर्ल्ड कप का आगाज हो चुका है। इस बार यह आयोजन कतर में हो रहा है। 29 दिनों के वर्ल्डकप के लिए कतर में पिछले 12 साल से तैयारी चल रही थी। 7 नए स्टेडियम, 100 से ज्यादा होटल, नई स्मार्ट सिटी, नया एयरपोर्ट और नई मेट्रो लाइन बनाई गई हैं।

FIFA World Cup 2022 Why has football become the biggest religion in the world?

कतर ने यह मेजबानी अमेरिका को हराकर जीती थी। 2 दिसंबर 2010 को ज्यूरिख के फीफा मुख्यालय में 2018 और 2022 के वर्ल्ड कप होस्ट का एलान होना था। उस वक्त फीफा के अध्यक्ष सैप ब्लेटर ने लिफाफे से दो नाम निकाले रूस और कतर। 2018 के फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी रूस को और 2022 की मेजबानी कतर को मिली।

कतर पर भ्रष्टाचार का आरोप

2022 के फुटबाल विश्वकप को कतर में आयोजित करने की घोषणा होते ही दुनिया के फुटबॉल प्रेमियों में आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा, क्योकि कतर ने अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जापान, साउथ कोरिया को पछाड़कर मेजबानी हासिल की थी। चौथे राउंड में सिर्फ अमेरिका और कतर बचे थे जिसमें कतर ने 8 के मुकाबले 14 वोट से अमेरिका को हराकर 2022 फीफा वर्ल्ड कप आयोजित करने का अधिकार जीता था। कतर को 2022 के फुटबाल विश्वकप का आयोजन मिलने पर तमाम प्रश्न उठे थे क्योंकि 29 लाख आबादी वाले कतर ने कभी वर्ल्ड कप क्वालिफाई भी नहीं किया था, न ही इतने बड़े आयोजन के लिए उसके पास कोई अनुभव था।

कतर से 2022 के विश्वकप आयोजन की दौड़ मेें हारने के बाद अमेरिका ने कतर पर भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाया था। 5 मई 2011 को फीफा के जनरल सेक्रेटरी के आफिस से एक ई मेल लीक हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि कतर ने वर्ल्ड कप की मेजबानी पैसा देकर खरीदी है। भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद फीफा के वाइस प्रेसीडेट जैक वार्नर को संस्पेड कर दिया गया था। हालांकि उस समय फीफा प्रेसिडेन्ट सैप ब्लेटर ने सभी आरोपों को गलत बताया था।

जून 2015 में अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने फीफा के 7 अधिकारियों को गिरफ्तार किया। इन पर आरोप था कि कतर को होस्टिंग राइट्स देने के लिए 1200 करोड़ की घूस ली गई थी। जांच शुरू हुई। उस वक्त के फीफा प्रेसिडेट सैप ब्लैटर भी दायरे में आए और उनको भी इस्तीफा देना पड़ा।

बाद में उन पर 2017 तक फीफा से प्रतिबंध भी लगा। इन सबके बावजूद फीफा ने कतर को 2022 का विश्व कप आयोजित करने का अधिकार बरकरार रखा और अब कतर में आयोजन शुरू भी हो चुका है। अब लगभग पूरी दुनिया 18 दिसंबर तक कतर में आयोजित हो रहे फुटबॉल विश्वकप के जुनून में डूबी रहेगी।

अब सिर्फ एक खेल नहीं रहा फुटबॉल

दुनिया में कोई भी खेल इतने सारे लोगों को एक दूसरे से नहीं जोड़ता जितना फुटबॉल जोड़ता है। आप कह सकते है कि आज फुटबॉल दुनिया का सबसे बड़ा रिलीजन है। दुनिया में इतने ज़्यादा नागरिक किसी और देश के नहीं, जितने फ़ुटबॉल के प्रशंसक हैं और इतने ज़्यादा अनुयायी किसी धर्म के नहीं, जितने फुटबॉल टीमों के निष्ठावान-समर्थक हैं।

1986 के साल ने अर्जेटीना के डिएगो माराडोना को देवताओं और पैग़म्बरों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया था, उसे दीयोस की संज्ञा से पुकारा गया, जो कि ईश्वर का पर्यायवाची है। तीव्र अनुभति, सघन भावना, हर्षातिरेक, उन्माद और जुनून फुटबॉल को लेकर फुटबॉल प्रेमियों के मन में जैसी उत्पन्न होती है, किसी अन्य खेल को लेकर नहीं होती। फुटबॉल तीसरी दुनिया के मज़दूरों, किसानों, ग़रीबों का खेल था जो यूरोप जाकर यूनिवर्सल-स्पोर्ट के साथ एक मजहब बन गया।

यूरोप, लैटिन अमेरिका के कुछ देशों सहित दुनिया के कई दूसरे देश फुटबॉल के साथ जीते हैं। किसी देश को फुटबॉल विश्वकप जीतने का प्रबल दावेदार बताया जा रहा हो और अगर वह देश विश्वकप जीतने से चूक जाता है तो वह समूचा राष्ट्र सामूहिक अवसाद में डूब जाता हैं। महीनों उस देश को फुटबॉल में हुई हार से उबरने में लगते हैं। ब्राजील को आज भी यह परेशान करता है कि जिस देश ने पेले सहित एक से एक महान खिलाड़ी दुनिया को दिए और जिस देश का कभी फुटबॉल में डंका बजता था, आज वह शिखर पर क्यों नहीं है?

फ़ुटबॉल एक खेल से कहीं आगे बढ़ चुका है। यूरोप, लैटिन अमरीका के कई देशों में बच्चों को जन्म के बाद मां के चेहरे के बाद फुटबॉल दिखाया जाता है। कई देशों में अभिभावक बच्चे का नाम स्कूल में लिखवाने से पहले फुटबॉल के किसी क्लब में लिखवाने के लिए दिन रात एक कर देते हैं। इन देशों के हर शहर में फुटबॉल के क्लब हैं। गली गली में फुटबॉल खेली जाती है। बर्सिलोना जैसे क्लब के प्रशंसक उस क्लब के एंथम को राष्ट्रगीत से कम नहीं मानते। इन देशों के फुटबॉल प्रेमी फुटबाल के लिए मरने मिटने को तैयार रहते हैं।

जो जीता वही सिकंदर

खेल की दुनिया में जो जीता वही सिकन्दर का नियम चलता है। 90 मिनट के इस खेल में जो टीम सामूहिक रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ देती है वह जीतती है। योहान क्रुएफ़ ने कहा था- "पैसों की गठरी कभी गोल नहीं दाग़ सकती, इसके लिए हाड़-माँस का इंसान चाहिए।" कतर में हो रहे विश्वकप में भी जो टीम टीमवर्क के रूप में सबसे बेहतर प्रदर्शन करेगी उसके जीतने की प्रबल संभावना है।

कतर का यह फीफा विश्वकप दुनिया के कई महान फुटबॉल खिलाड़ियों का अंतिम विश्व कप माना जा सकता है। जिन महान खिलाडियों का यह विश्वकप अंतिम हो सकता है उसमें अर्जेटिना के सुपर स्टार खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी, पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो, उरूग्वे के लुईस सुआरेज, पौलेड के रॅाबर्ट लेवानडोस्की, जर्मनी के मैनुअल नेउर और क्रोएशिया के लुका मोड्रिच शामिल है।

2018 के विश्वविजेता फ्रांस के सामने कतर मेें अपने खिताब को बचाने की चुनौती है, वही अर्जेटीना के लियोनेल मेस्सी, पुर्तगाल के क्रिस्टियानों रोनाल्डो जैसे खिलाड़ियों और ब्राजील, जर्मनी जैसे देशों पर अपनी श्रेष्ठता साबित कर अपने देश को खिताब दिलाने का दबाव भी रहेगा।

देखना दिलचस्प होगा कि दुनिया के सबसे मंहगे और महान खिलाडी अपने देश को विश्वकप दिलवाने में सफल होते है या कोई छोटा सा अनजाना देश छुपा रूस्तम साबित होकर पूरी दुनिया को चौकाता है। ठीक वैसे ही जैसे कतर ने फीफा वर्ल्डकप 2022 की मेजबानी लेकर सबको चौंकाया था।

यह भी पढ़ें: FIFA World Cup 2022 से जुड़ी ये खास बातें, आपको कर देंगी हैरान

(इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. लेख में प्रस्तुत किसी भी विचार एवं जानकारी के प्रति Oneindia उत्तरदायी नहीं है।)

English summary
FIFA World Cup 2022 Why has football become the biggest religion in the world?
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