बंगाल चुनाव 2021: भाजपा की लिस्ट में 36 ऐसे चेहरे जिन्होंने 6 महीने में बीजेपी की है ज्वाइन
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी और ममता बनर्जी को घेरने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने अबतक 282 उम्मीदवारों की लिस्ट घोषित कर दी है। भाजपा द्वारा घोषित 282 उम्मीदवारों में से 46 उम्मीदवार ऐसे हैं जो 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद दो साल से भी कम समय में बीजेपी में शामिल हुए हैं। उनमें से एक 34 उम्मीदवार तृणमूल कांग्रेस के हैं। सीपीएम के छह, कांग्रेस के चार और फॉरवर्ड ब्लॉक और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के एक-एक उम्मीदवार हैं। पिछले दो सालों में बीजेपी पार्टी में शामिल हो चुके 46 उम्मीदवारों में से 36 उम्मीदवार पिछले छह महीनों में भाजपा में शामिल हुए हैं।

टीएमसी और कांग्रेस जैसी पार्टियों से शामिल हुए नेताओं को बंगाल चुनाव में टिकट देने की वजह से बीजेपी के कार्यकर्ता काफी नाराज हैं। उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद लगभग हर जिले में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए गए हैं। सूची जारी होने के बाद भाजपा के भीतर भी विरोध छिड़ गया है।
बंगाल के कुल 294 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 282 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम जारी किए हैं, जबकि पुरुलिया जिले में एक सीट (बाघमुंडी) अपने गठबंधन सहयोगी आजसू के लिए छोड़ दी है। भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, बंगाल में केवल 294 सीटें हैं। हम सभी को टिकट नहीं दे सकते। कुछ को मिलेंग और कुछ को नहीं मिलेंगे। हमें इसे स्वीकार करना होगा। जो लोग पार्टी कार्यालयों में तोड़फोड़ कर रहे हैं, पोस्टर फाड़ रहे हैं और आग लगा रहे हैं वे किसी भी राजनीतिक पार्टी के सदस्य नहीं हो सकते। हम इस तरह के व्यवहार को मंजूरी नहीं देते हैं और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।''
बीजेपी ने जब पहले दो चरणों में उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की, जिसमें पुरुलिया, बांकुरा, पूर्व और पश्चिम मिदनापुर जैसे जिले शामिल थे, तो कार्यकर्ताओं ने उतना विरोध नहीं किया। बाद में 14 मार्च को, बीजेपी ने अपनी दूसरी सूची जारी की जिसके बाद पार्टी कार्यकर्ता और नेता निराश हुए। हुगली, दक्षिण 24 परगना और हावड़ा जिलों के पार्टी कार्यकर्ताओं ने उम्मीदवारों में बदलाव की मांग के लिए भाजपा कार्यालय के बाहर धरना दिया।
सोवन चटर्जी और उनके सहयोगी बैशाखी बनर्जी ने टिकट नहीं मिलने की वजह से बीजेपी पार्टी छोड़ दी। सोवन चटर्जी को बेहाला पुरबा से चुनाव मैदान में उतारने की उम्मीद थी, जिसे उन्होंने 2011 और 2016 में टीएमसी विधायक के रूप में जीता था। सोवन चटर्जी ने पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष को लिखे पत्र में कहा कि वह और बैशाखी बनर्जी अब पार्टी में नहीं रहना चाहते हैं। एक फेसबुक पोस्ट में बैशाखी बनर्जी ने कहा, टिकट नहीं मिलने की वजह से उन्होंने "अपमानित" महसूस किया और कहा कि "षड्यंत्र और विश्वासघात" लंबे समय तक नहीं चलेगा।
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