Mamata Banerjee के 'खेला होबे' का भाजपा करेगी इस्तेमाल, पश्चिम बंगाल में मिड टर्म इलेक्शन के संकेत !

Mamata Banerjee खेला होबे कैंपेन के कारण खूब लोकप्रिय हुईं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2022 में टीएमसी की प्रचंड जीत के पीछे ममता की सियासी समझ और पॉलिटिकल चाल को दिया जाता है। 'अबकी बार मोदी सरकार' की तरह ही पश्चिम बंगाल में 'खेला होबे' कैंपेन ने तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में कमाल का काम किया। बीजेपी की तमाम कवायदों के बावजूद ममता ने जीत दर्ज की। अब संकेत मिल रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में समय से पहले विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। भाजपा टीएमसी के खेला होबे कैंपेन का इस्तेमाल कर सकती है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ ममता बनर्जी का ही नारा- 'खेला होबे' का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के लोकप्रिय नारे 'खेला होबे' का फिर से इस्तेमाल करने की मांग करते हुए भाजपा ने कहा है कि आने वाले चुनावों में दोनों पार्टियों के बीच खेल खेला जाएगा।
दोनों दलों के बीच खतरनाक 'खेला होबे'
पश्चिम बंगाल अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि भाजपा अहिंसा में विश्वास करती है। उन्होंने कहा, अहिंसक होने का मतलब यह नहीं है कि धक्का-मुक्की की नौबत आने पर भाजपा प्रतिक्रिया नहीं देगी। भाजपा नेता मजूमदार ने शुक्रवार को उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर में एक जनसभा में कहा, "खेल खेला जाएगा - 'खेला होबे' - बकौल मजूमदार, दोनों दल खेलेंगे। यह खतरनाक होगा।
'खेला होबे' नारा पॉपुलर हुआ, तीसरी बार सत्ता मिली
बता दें कि तृणमूल कांग्रेस ने 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले "खेला होबे" का नारा गढ़ा था। बेहद लोकप्रिय नारे का पश्चिम बंगाल के बाहर भी कई पार्टियों ने इस्तेमाल किया। लोकप्रियता और सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीजेपी ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया लेकिन ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस 2021 में लगातार तीसरी बार राज्य में सत्ता में आई।
2024 में लोक सभा के साथ विधानसभा चुनाव
सुकांत मजूमदार ने कहा, "मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि तृणमूल कांग्रेस सरकार, कुछ वर्षों में हटा दी जाएगी। TMC पश्चिम बंगाल की संपत्तियों को बेच रही है। राज्य में मिड टर्म इलेक्शन यानी जल्द चुनाव की ओर इशारा करते हुए, भाजपा नेता ने दावा किया कि "अगर पश्चिम बंगाल में 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव भी कराए जाएं तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा।"
टीएमसी कार्यकर्ताओं के खिलाफ सीबीआई जांच
उन्होंने कहा, लगभग 300 टीएमसी कार्यकर्ता 2021 में विधानसभा चुनाव होने के बाद की हिंसा से संबंधित मामलों में सलाखों के पीछे हैं। सीबीआई इन मामलों की जांच कर रही है। मजूमदार ने जोर देकर कहा कि हिंसक घटनाओं में और लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा, कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी बड़े पद पर हो, जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, तब तक गलतियों को बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस पर पक्षपात का आरोप
उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल पुलिस की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए लोकसभा में एक विधेयक लाया जाएगा। यह आरोप लगाते हुए कि पश्चिम बंगाल पुलिस सत्तारूढ़ दल- टीएमसी के प्रति पक्षपाती है, मजूमदार ने कहा, "मैं आपसे (पुलिसकर्मियों) से तटस्थता से कार्य करने का आग्रह करता हूं क्योंकि आपका वेतन करदाताओं के पैसे से दिया जाता है, कोई राजनीतिक संगठन पैसे नहीं देता।"