Varanasi News : बसंत पंचमी पर हुआ बाबा का तिलक और महाशिवरात्रि पर होगा विवाह, महिलाओं ने गाया मंगल गीत
बसंत पंचमी पर्व पर गुरुवार को श्री काशी विश्वनाथ का तिलक संपन्न हुआ। इस दौरान बाबा विश्वनाथ ने दूल्हा के रूप में लोगों को दर्शन दिया। बाबा के तिलकोत्सव के दिन मंदिर परिसर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम भी हुए।
Varanasi में गुरुवार को बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान गांव से लेकर शहर तक जहां विभिन्न प्रकार के आयोजन किए गए वहीं बसंत पंचमी पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ का तिलक का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ। बाबा का तिलक चढ़ाने के लिए तिलकहरु पहुंचे तो बाबा विश्वनाथ ने बसंत पंचमी पर्व पर दूल्हा के रूप में भक्तों को दर्शन दिया। तिलकोत्सव कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया जो देर रात तक चलते रहे।
महाशिवरात्रि पर होगा बाबा का विवाह
गुरुवार को बसंत पंचमी के पर्व को ध्यान में रखते हुए भोर में ही 4 बजे मंगला आरती के बाद बाबा विश्वनाथ के तिलक का कार्यक्रम प्रारंभ हो गया था। सुबह से ही श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में तिलक को लेकर तरह-तरह की तैयारियां चल रही थी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी के अुनसार गुरुवार को बाबा का तिलकोत्सव कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस दौरान बाबा विश्वनाथ को दूल्हा के रूप में सजाया गया था, इसके अलावा मंदिर परिसर में भब्य की सजावट की गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि तिलकोत्सव कार्यक्रम संपन्न हो जाने के बाद महाशिवरात्रि पर बाबा की बारात निकलेगी और महाशिवरात्रि के दिन ही बाबा का विवाह संपन्न होगा। विवाह संपन्न हो जाने पर होली से 5 दिन पहले रंगभरी एकादशी के दिन गौना होगा।
358 साल से मनाया जा रहा कार्यक्रम
पूर्व महंत डॉ कुलपति तिवारी द्वारा यह भी बताया गया कि स्कंद पुराण और प्रसंगों के आधार पर काशी में श्री काशी विश्वनाथ बाबा का 358 साल से तिलकोत्सव और विवाह व गौना आदि का कार्यक्रम मनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि पुराणों और प्रसंगों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही राजा दक्ष ने बाबा का तिलक चढ़ा कर बाबा को अपनी पुत्री के लिए वर रूप में वरण किया था। ऐसे में ग्रंथों और पुराण के आधार पर वाराणसी में भी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में इस तरह के आयोजन किए जाते हैं। यह भी बताया गया कि 1983 में मंदिर का शासन द्वारा सरकारी तौर पर अधिग्रहण किया गया था। शासन द्वारा सरकारी तौर पर अधिग्रहण किए जाने के बाद भी इस तरह के आयोजन होते रहे।
लग्नानुसार शाम 7 बजे हुआ तिलक
बसंत पंचमी के पर्व पर बाबा विश्वनाथ के तिलक के कार्यक्रम को देखते हुए गुरुवार को बाबा कि साज सज्जा भव्य तरीके से की गई थी। बसंत पंचमी पर्व पर तिलकोत्सव के दिन दूल्हा के परिधान में बाबा श्री काशी विश्वनाथ ने भक्तों को दर्शन दिया। यह भी बताया गया कि लग्न के अनुसार सायं काल 7 बजे बाबा का तिलक कार्यक्रम संपन्न हुआ। तिलक कार्यक्रम संपन्न होने के बाद जहां महिलाओं द्वारा मंगल गीत गाए गए वहीं विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। वाराणसी ही नहीं पूर्वांचल समेत आसपास के जनपदों के रहने वाले कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दे दी गई। बाबा के तिलकोत्सव पर श्री काशी विश्वनाथ धाम परिसर में देर रात्रि तक विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलते रहे।
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