Varanasi to Dibrugarh के बीच जनवरी से संचालित होगा सबसे लंबा रिवर क्रूज
Varanasi to Dibrugarh के बीच अगले साल जनवरी माह में गंगा विला क्रूज का शुभारंभ किया जाएगा, इसे लेकर तैयारियां चल रही हैं। इसके साथ ही वाराणसी, अयोध्या और मथुरा में जलयान तैनात किए जाएंगे
वाराणसी में शुक्रवार को भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बताया गया कि Varanasi to Dibrugarh के बीच दुनिया की सबसे लंबी क्रूज सेवा प्रारंभ की जानी है। इसको लेकर तैयारियां तेजी से चल रही हैं। बताया जा रहा है कि अगले साल जनवरी माह में गंगा विलास नामक क्रूज़ वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए प्रस्थान करेगा। वाराणसी से डिब्रूगढ़ के बीच करीब 3200 किलोमीटर की दूरी को यह क्रूज मात्र 50 दिनों में तय करेगा। यह क्रूज वाराणसी से चलेगा जो पटना, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश से होते हुए करीब 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा और 50वें दिन डिब्रूगढ़ पहुंच जाएगा।
सीएम ने सात सामुदायिक जेटी का लोकार्पण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे। वाराणसी में भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा आयोजित कार्यक्रम में गंगा में तैयार किये गये जेट्टीयों का बटन दबाकर उन्होंने लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने 7 सामुदायिक जेट्टीयों का लोकार्पण तथा 8 सामुदायिक जेट्टीयों का शिलान्यास किया। वाराणसी के दीनदयाल हस्तकला संकुल में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जल मार्ग परिवहन प्रारंभ हो जाने से जहां लोगों के आवागमन में काफी आसानी होगी वहीं सामानों को भी समय से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जा सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि शून्य उत्सर्जन हाइड्रोजन फ्यूल सैल पैसेंज कैटामेरन के द्वारा जीवाश्म ईंधन इस्तेमाल में कमी आएगी और राष्ट्रीय जलमार्ग में प्रदूषण का स्तर घटाने में भी मदद मिलेगी।
वाराणसी, अयोध्या और मथुरा में तैनात होंगे कैटामेरन
शुक्रवार को वाराणसी दीनदयाल हस्तकला संकुल भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के बीच एक करार किया गया। इस करार के तहत कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा 100 पैक्स हाइड्रोजन फ्यूल सेल पैसेंजर कैटामारन जलयान का डिजाइन और विकास केपीआईटी पूणे के सहयोग से कराया जाएगा। शुक्रवार को वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाइड्रोजन एवं इलेक्ट्रिक कैटामेरन वाराणसी, अयोध्या, मथुरा हेतु अनुबंध तथा वाराणसी एवं डिब्रूगढ़ के मध्य क्रूज के समय सारणी का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर भारत सरकार में बंदरगाह, नौवहन व जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, वाणिज्य व उद्योग, उपभोक्ता मामले तथा खाद्य एवं जन वितरण हेतु केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल और भारी उद्योग मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय भी मौजूद रहे।
चार राज्यों में 62 घाटों का हो रहा निर्माण
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा गंगा नदी पर 62 लघु सामुदायिक घाटों का विकास/अपग्रेड कर रहा है। इनमें से 15 उत्तर प्रदेश में 21 बिहार में, 3 झारखंड में और 23 पश्चिम बंगाल में हैं। उत्तर प्रदेश में वाराणसी और बलिया के बीच 250 किलोमीटर में घाट विकसित किए जा रहे हैं। ये घाट यात्री एवं प्रशासनिक सुविधाओं से युक्त होंगे जिनसे नदी पर सामान एवं मुसाफिरों की आवाजाही संभव होगी और समय तथा लागत की बचत होगी। घाटों का परिचालन आरंभ हो जाने से छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में वृद्धि होगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और इस सब से समुदायों को लाभ होगा। अन्तर्देशीय जलमार्गों के विकास पर ध्यान केन्द्रित करने से विकास एवं परिचालन के मानकीकरण में मदद मिलेगी, फलस्वरूप स्थानीय समुदायों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो पाएंगी और उनकी आजीविका में भी सुधार होगा। वाराणसी से लेकर कोलकाता के बीच कुल 60 जेटी बनाए जाने हैं। इनमें उत्तर प्रदेश में सात जेटी तैयार हुए हैं, वाराणसी के तीन, बलिया में दो और चंदौली, गाजीपुर में एक-एक जेटी शामिल है। जिनमें वाराणसी के रविदास घाट, रामनगर, कैथी, चंदौली में बलुआ, गाजीपुर में कलेक्टर घाट, बलिया में उजियार घाट बरौली और शिवपुर शामिल हैं।
Varanasi: खंगाले गए सौ से अधिक कैमरे, लगाए गए तेज तर्रार दरोगा, फिर भी पुलिस के हाथ खाली