वाराणसी जिला अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद-मां शृंगार गौरी मामले में बुधवार को भी होगी सुनवाई
वाराणसी जिला अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद-मां शृंगार गौरी मामले में आज की सुनवाई हुई पूरी, बुधवार को भी होगी सुनवाई
वाराणसी, 12 जुलाई : वाराणसी जिला अदालत में चल रहे ज्ञानवापी मस्जिद-मां शृंगार गौरी मामले में आज की सुनवाई पूरी हो गई। जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में मुस्लिम पक्ष द्वारा अपनी बहस पूरी की गयी। मुस्लिम पक्ष ने दलीलें दिया कि ज्ञानवापी मामले में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट (स्पेशल प्रॉविजंस), 1991 लागू होता है। इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष द्वारा कई नजीरें भी पेश की गयीं और कहा गया कि हिंदू पक्ष का मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है। ऐसे में उसे खारिज कर दिया जाए।
मुस्लिम पक्ष की सुनवाई पूरी हो जाने के बाद हिंदू पक्ष ने अपनी बहस शुरू की। हिंदू पक्ष द्वारा कहा गया कि नमाज पढ़ने से कोई जगह मस्जिद नहीं हो जाती है। वहीं हिंदू पक्ष द्वारा यह भी कहा गया कि ज्ञानवापी प्रकरण में वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता है। उसक बाद न्यायालय द्वारा कहा गया कि आगे की सुनवाई बुधवार को दोपहर में होगी।
पिछले
साल
अगस्त
में
हुआ
था
मुकदमा
18
अगस्त
2021
को
राखी
सिंह
सहित
5
महिलाओं
ने
सिविल
जज
सीनियर
डिवीजन
की
अदालत
में
मां
शृंगार
गौरी
मंदिर
में
नियमित
पूजा-पाठ
और
ज्ञानवापी
मस्जिद
में
स्थित
अन्य
देवी-देवताओं
के
विग्रहों
की
सुरक्षा
का
केस
दाखिल
किया
था।
कोर्ट
ने
ज्ञानवापी
परिसर
के
सर्वे
का
आदेश
दिया
था।
मई
माह
में
यहां
सर्वे
किया
गया
और
कोर्ट
के
आदेश
पर
ज्ञानवापी
मस्जिद
के
वजूखाना
और
टॉयलेट
को
सील
करा
दिया
था।
सर्वे
के
बाद
हिन्दू
पक्ष
द्वारा
दावा
किया
जा
रहा
है
कि
ज्ञानवापी
मस्जिद
के
वजूखाने
में
आदि
विश्वेश्वर
का
शिवलिंग
सहित
कई
हिंदू
चिन्ह
मिले
हैं।
वहीं मुस्लिम पक्ष द्वारा इस दावे को खारिज करते हुए उसे फौव्वारा बताया जा रहा है। उसके बाद मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में सर्वे के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मुकदमे की सुनवाई जिला जज की अदालत करे। जिला जज की अदालत यह देखे कि सिविल प्रक्रिया संहिता के ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत मां शृंगार गौरी का मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं है। इसी को लेकर जिला जज की अदालत में दोनों पक्षों की सुनवाई हो रही है।
7 साल बाद पुरानी भूल सुधारने जा रहा नेपाल, यूपी-बिहार के लाखों लोगों के घरों में लौटेंगी खुशियां