Varanasi को जल्द मिलेगी रोपवे की सौगात, निरीक्षण करने पहुंचे मुख्य सचिव
Varanasi : मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र आज वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और वहां उन्होंने रोपवे के लिए प्रस्तावित भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया
वाराणसी, 30 जुलाई : मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी में है। दौरे के दूसरे दिन शनिवार को वे वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और रोपवे के लिए टर्मिनल बनाने हेतु चयनित किए गए स्टेशन की भूमि का स्थलीय निरीक्षण किए। इस दौरान करीब 25 मिनट तक वे स्टेशन परिसर में रहे और अधिकारियों से बातचीत कर रोपवे और भूमि के बारे में जानकारी भी लिए। निरीक्षण के दौरान रेलवे बोर्ड के इंफ्रा सदस्य सुधांशु शर्मा, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, डीआरएम सुरेश कुमार, एडीआरएम लालजी चौधरी और वीडीए उपाध्यक्ष ईशा दुहन सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। स्थलीय निरीक्षण करने के बाद वे सर्किट हाउस चले गए जहां अधिकारियों संग बैठक किए।
मुख्य सचिव पहले पहुंचे काशी स्टेशन
मुख्य सचिव शनिवार सुबह करीब 8:30 बजे रेलवे बोर्ड के इंफ़्रा सदस्य सुधांशु शर्मा के साथ काशी स्टेशन पर पहुंचे। काशी स्टेशन पर उन्होंने रेलवे कॉलोनी, मालवीय पुल, सर्कुलेटिंग एरिया आदि का निरीक्षण किया। उसके बाद उन्होंने नमो घाट के बारे में भी जानकारी लिया। वहां से अधिकारियों संग वे वाराणसी रेलवे स्टेशन पहुंचे जहां पर उन्होंने रोपवे के लिए चयनित किए गए स्थान का निरीक्षण किया।
ओवरब्रिज की ऊंचाई के हिसाब से बनेगा बेस
निरीक्षण के दौरान उन्होंने वाराणसी कैंट स्टेशन के सामने चौकाघाट से लहरतारा के लिए बने ओवरब्रिज को देखते हुए कहा कि ओवरब्रिज की ऊंचाई को देखते हुए उसके हिसाब से ही रोपवे के बेस को तैयार किया जाए। इन सबके पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने वाराणसी रेलवे स्टेशन निदेशक कार्यालय में रेलवे के अधिकारियों के साथ इस परियोजना को लेकर मंथन भी किए।
रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक बनना है रोपवे
वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक 3.8 किलोमीटर रोपवे बनाना है। इसके लिए काफी समय से तैयारी चल रही है। पिछले दिनों रेलवे स्टेशन की भूमि पर रोपवे का पहला टर्मिनल बनाए जाने को लेकर चर्चा किया गया था। उसके बाद रेलवे द्वारा आवश्यकता अनुसार स्टेशन की भूमि को टर्मिनल बनाने के लिए सौंप दी गई। रोपवे के निर्माण के लिए शुक्रवार को टेंडर भी खोला गया जिसमें हरियाणा की गवर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड और मेरठ की कांस्टेलेशन प्राइवेट लिमिटेड नामक दो कंपनियों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। अब इन दोनों कंपनियों का तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन किया जाएगा। उसके बाद एक कंपनी के नाम के ऊपर अंतिम मुहर लगेगी।