योगी, धामी की सलामी जोड़ी का कमाल, आखिरी ओवर में एक और सिक्सर, जानिए क्या है मामला
परिसंपत्तियों के बंटवारे का मुद्दा सुलझाने का दावा
देहरादून, 18 नवंबर। 21 साल से लंबित पड़े मामलों को सुलझाना उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की चुनावी साल में बड़ी सियासी जीत मानी जा रही है। उत्तराखंड के लिहाज से पुष्कर सिंह धामी परिसंपत्तियों के बंटवारे का मुद्दा सुलझाने के बाद हाईकमान और भाजपा के लिए फिर से धाकड़ बल्लेबाज के रूप में निकलकर सामने आए हैं।
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योगी और धामी की धाकड़ बैटिंग
उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद भी उत्तराखंड का परिसंपत्तियों का विवाद सुलझ नहीं पा रहा था। योगी आदित्यनाथ को उत्तरप्रदेश की कमान मिली तो उत्तराखंड के लोगों की उम्मीदें बढ़ गई। योगी आदित्यनाथ मूल रुप से उत्तराखंड के पौड़ी जिले के हैं। ऐसे में भाजपा की केन्द्र और उत्तरप्रदेश के अलावा उत्तराखंड में सरकार होने से ट्रिपल इंजन की सरकार से उत्तराखंड को मिलने वाले हक को लेकर बहस शुरू हुई। लेकिन सत्ता के साढ़े 4 साल बाद जब पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड की कमान मिली तो परिसंपत्तियों को लेकर बंटवारे की संभावनाओं पर तेजी से काम होने लगा। केन्द्रीय नेतृत्व की उम्मीदों पर खरा उतर चुके धामी को पहले ही हाईकमान 20-20 मैच के आखिरी ओवर में उतारे गए धाकड़ बल्लेबाज की तरह बैटिंग करते हुए नजर आ रहे हैं। आखिरकार गुरूवार को लखनऊ में योगी आदित्यनाथ और पुष्कर सिंह धामी की युवा सलामी जोड़ी ने कमाल कर आधे से 1 घंटे के भीतर ही 21 साल पुराने मामलों पर ठोस विचार-विमर्श कर सहमति बना ली। जिसका लाभ चुनावों में भी मिलना तय है।
20 हजार करोड़ की संपत्ति का विवाद सुलझा
उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के बीच सालों से चला आ रहा परिसंपत्ती विवाद सुलझ गया है। लखनऊ के दो दिवसीय दौरे पर गए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुरुवार को शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की। वार्ता के दौरान परिसंपत्ति विवाद पर सहमति बन गई। इतना ही नहीं दोनों सरकारों के बीच सभी विवादों पर भी सहमति बनी। जिसके तहत वन विभाग, सिंचाई विभाग और परिवहन विभाग सहित विभिन्न विभागों की 20 हजार करोड़ की परिसंपत्तियों का विवाद सुलझा लिया गया। वार्ता के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि 15 दिनों में सभी लम्बित मामलों का निस्तारण हो जाएगा। सीएम योगी ने बहुत शांति से सभी बात सुनी हैं। बैठक में सभी मुद्दों पर सहमति बनी है। जो मुद्दे बचे हैं वह भी जल्द सुलझा लिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश बड़ा भाई है। हमारा मातृ प्रदेश उत्तर प्रदेश है। दोनों भाइयों में जो बंटवारे में होता है वह हो जाएगा। कहा कि मैं आभारी हूं कि सीएम योगी ने बड़ा दिल दिखाया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मैं मुख्य सेवक के रूप में पिछले चार महीने से काम कर रहा हूं। सभी लोग उत्तराखंड में सरकार को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। कहा कि अलकनंदा होटल उत्तराखंड को मिलेगा। उत्तराखंड को वन विभाग के 90 करोड़ भी मिलेंगे। इस अवसर पर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद भी उपस्थित रहे।
जानिए किन लंबित मसलों पर हुआ मंथन
- - हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और चंपावत में 379 हेक्टेयर भूमि उत्तराखंड को हस्तांतरित होनी है
- - हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर व चंपावत में 351 आवासीय भवन यूपी से मिलने हैं
- - कुंभ मेला की 687.575 हैक्टेयर भूमि को सिंचाई विभाग को हस्तांतरित होनी है
- - उत्तराखंड पर्यटन विभाग को पुरानी ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट्स की सशर्त मंजूरी दी जानी है
- - यूएसनगर में धौरा, बैगुल, नानकसागर जलाशय में पर्यटन व जलक्रीड़ा से पहले परीक्षण कराया जाना है
- - केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार, उत्तराखंड वन विकास निगम को यूपी वन निगम में संचित व आधिक्य धनरासि 425.11 करोड़ में से 229.55 करोड़ की धनराशि उत्तराखंड मिलनी हैष वाहन भंडार की 2061 की धनराशि का भी भुगतान होना है
- - यूपीसीएल को बिजली बिलों का 60 करोड़ का बकाया देना है
- - उत्तराखंड गठन के बाद 50 करोड़ मोटर यान कर उत्तराखंड परिवहन निगम को दिया जाना था। 36 करोड़ बकाया है
- - अजमेरी गेट स्थित अतिथि गृह नई दिल्ली, यूपी परिवहन के लखनऊ स्थित मुख्यालय, कार सेक्शन और कानपुर स्थित केंद्रीय कार्यशाला व ट्रेनिंग सेंटर के विभाजन का निर्णय होना है।