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उत्तराखंड कांग्रेस में बदलाव के साथ ही बगावत, प्रीतम समेत कई विधायकों के बगावती सुर, भाजपा में जाने की अटकलें!

प्रीतम सिंह के अलावा 8 से 10 विधायक नाराज बताए जा रहे

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देहरादून, 12 अप्रैल। उत्तराखंड कांग्रेस में हुए बदलाव के साथ ही बगावत के संकेत भी देखने को मिल रहे हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत की चुप्पी और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन के खिलाफ मोर्चा खोलना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस में बहुत जल्द कुछ होने जा रहा है। इतना ही नहीं कांग्रेस के 8 से 10 विधायक नाराज बताए जा रहे हैं, जो कि भाजपा के भी संपर्क में बताए जा रहे हैं। इधर नए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने प्रीतम सिंह से मुलाकात कर मनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं।

With the change in Uttarakhand Congress, revolt, many MLAs including Pritam revolted, speculation of going to BJP

कांग्रेस में बदलाव के बाद से विरोध शुरू
प्रदेश में पहले करारी हार के बाद समीक्षा और फिर हार के कारणों पर हुई चर्चा के बाद अब सीनियर नेताओं पर लग रहे आरोपों के बीच हाईकमान का पूरी कांग्रेस में बदलाव करना कांग्रेस के लिए मुसीबत बनती जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष पर करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष पर यशपाल आर्य और उपनेता प्रतिपक्ष पर भुवन कापड़ी की नियुक्ति करते ही कांग्रेस में बगावत के सुर उठने लगे हैं। प्रीतम सिंह खेमा और गढ़वाल के नेताओंं ने अपने नजरअदांज करने को लेकर गुस्सा सार्वजनिक जाहिर करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस में तो इस्तीफों की भी बाढ़ सी आ चुकी है। लेकिन सबसे बड़ा परिवर्तन नेता प्रतिपक्ष रहे प्रीतम सिंह के नाराजगी से नजर आ रहा है। प्रीतम सिंह खुलकर प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन केसी वेणुगोपाल पर निशाना साधा ​है। इससे पहले प्रीतम सिंह की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात के भी सियासी मायने तलाशे जाने लगे थे। पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने हार के कारणों के लिए गुटबाजी और इसमें उनकी भूमिका को जिम्मेदार ठहराने के लिए राष्ट्रीय महामंत्री संगठन केसी वेणुगोपाल व प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को निशाने पर लिया। प्रीतम ने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व को इसकी जांच करानी चाहिए। गुटबाजी के आरोप साबित हुए तो वह विधानसभा सदस्यता से तत्काल इस्तीफा दे देंगे। साथ ही हाईकमान के सामने गलत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आरोप लगाया है। प्रीतम सिंह ने खुद पर लगे आरोप गलत साबित होने तक पार्टी में किसी भी तरह का पद लेने से इनकार कर दिया है।
हरदा की चुप्पी भी दे रहे बड़े संकेत,8 से 10 विधायक नाराज
प्रीतम सिंह के अलावा कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत भी नई ताजपोशी के बाद से नो कमेंट के साथ चुप बैठे हुए हैं। हरीश रावत भी खुद को अब सभी निर्णय से किनारा कर रहे हैं। जब से प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा को जिम्मेदारी सौंपी गई है। हरीश रावत ने सोशल मीडिया से लेकर किसी भी प्लेटफॉर्म पर कोई बयान नहीं दिया है। इसे भी हरीश रावत की नाराजगी से जोड़ा जा रहा है। कांग्रेस में सबसे बड़ी बगावत 8 से 10 विधायकों की मानी जा रही है। जो कि बैठक कर अपनी नाराजगी जताने का ऐलान कर चुके हैं। ऐसे में इन सभी नाराज विधायकों के भाजपा से संपर्क में होने की खबरें भी लगातार सोशल मीडिया में चल रही है। विधायकों की नाराजगी यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बनाने को लेकर सामने आई है। इसमें गढ़वाल और कुमाऊं दोनों मंडलों के विधायक हैं। गढ़वाल के विधायकों की नाराजगी इस बात से भी है कि सारे पद कुमाऊं को दे दिए हैं।

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English summary
With the change in Uttarakhand Congress, revolt, many MLAs including Pritam revolted, speculation of going to BJP
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