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उत्तराखंड में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की तस्वीर से क्यों मचा है शोर, जानिए पूरा मामला

लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से की मुलाकात

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देहरादून, 7 दिसंबर। उत्तराखंड में कांग्रेस के अंदर एक बार फिर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को लेकर सियासी बाजार गर्मा गया है। पहले भाजपा में जाने की अटकलें और अब समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की तस्वीर ने एक बार फिर कांग्रेस के अंदर हलचल ला दी है। जिससे एक बार फिर किशोर उपाध्याय के दूसरे दल से बढ़ती नजदीकियां खबरों में आ गई है।

 Why is the picture of former state president of Congress Kishore Upadhyay creating noise in Uttarakhand, know the whole matter

अखिलेश से मिले किशोर
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय अचानक सोमवार को लखनऊ पहुंच गए। यहां उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। किशोर उपाध्याय के अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद सियासी मायने तलाशे जाने लगे हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस छोड़ने को लेकर एक बार फिर चर्चा होने लगी है। हालांकि समाजवादी पार्टी ने इसका खंडन किया है। सपा के प्रदेश प्रभारी राजेंद्र चौधरी ने बताया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वनाधिकार आंदोलन के प्रणेता किशोर उपाध्याय ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। उन्होंने गंगा-यमुना एवं हिमालय को बचाने व वनवासियों को वनों पर उनके पुश्तैनी अधिकार दिलाने आदि मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने इस संबंध में ज्ञापन भी दिया। उपाध्याय ने अखिलेश यादव से संसद के वर्तमान सत्र में इन मुद्दों को उठाने का आग्रह करते हुए कहा कि इस सद्प्रयास के लिए उन्हें सभी साधुवाद देंगे। इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी एवं उत्तराखंड समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष डॉ.सत्य नारायण सचान भी मौजूद थे। इस मौके पर किशोर ने अखिलेश यादव को इस संबंध में ज्ञापन देकर मांग की गई है कि जल-जंगल और जमीन पर स्थानीय समुदायों का अधिकार हो और उन पर उनके पुश्तैनी अधिकार और हक-हकूक बहाल किए जाएं। हिमालय के लिए सतत समावेशी विकास की नीति बनाई जाए। हिमालयी क्षेत्र के विकास के लिए केन्द्र में अलग मंत्रालय का गठन किया जाए क्योंकि मध्य हिमालय के विकास का कोई मॉडल अभी तक विकसित नहीं हुआ है। अखिलेश यादव ने आश्वस्त किया कि समाजवादी पार्टी हर मंच पर हिमालय, गंगा, यमुना तथा पर्यावरण बचाने के संघर्ष में सहयोगी होगी।
हरदा और किशोर आ चुके हैं आमने सामने
किशोर उपाध्याय का कांग्रेस के उत्तराखंड लीडरशिप के साथ संबंध खुलकर सामने आ चुके हैं। किशोर कई बार हरीश रावत पर निशाना साध चुके हैं। किशोर हरदा पर आरोप लगाया कि 2012 में कांग्रेस सरकार बनने पर अपने विधानसभा क्षेत्र टिहरी में सक्रिय नहीं होने देने का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। 2012 से 2016 के बीच किशोर उपाध्याय हरीश रावत के करीबियों में से एक रह चुके हैं। लेकिन 2017 में सहसपुर से चुनाव हारने के बाद किशोर और हरदा में दूरियां आ गई। अब चुनाव आते ही किशोर ने हरीश रावत पर निशाना साधा। किशोर ने कहा था कि 2017 में सहसपुर सीट से चुनाव वह बड़ी साजिश के चलते हारे थे। इसके जवाब में हरीश रावत ने टिहरी से लेकर कई विधानसभा क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा था कि सहसपुर से टिकट किशोर ने ही तय कराया था। इसके बाद से किशोर और हरदा में रिश्ते तल्ख हो गए। किशोर की नाराजगी टिहरी सीट को लेकर थी, जहां से निर्दलीय विधायक को हरीश रावत सरकार में सबसे ज्यादा तरजीह मिली। इस तरह किशोर और हरीश रावत में दूरियां कांग्रेस के लिए चुनाव में चुनौती हो सकती है।

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English summary
Why is the picture of former state president of Congress Kishore Upadhyay creating noise in Uttarakhand, know the whole matter
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