उत्तराखंड: चुनावी साल में दलबदल पर शुरू हुआ शह और मात का खेल, बीजेपी ने मारी बाजी
बीजेपी और कांग्रेस में दिख रही दलबदल पर उत्सुकता
देहरादून, 9 सितंबर। उत्तराखंड में दलबदल को लेकर बीजेपी ने मुख्य विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को शुरूआती चाल में ही मात दी है। बीजेपी ने निर्दलीय विधायक और कद्दावर नेता प्रीतम सिंह को बीजेपी ज्वाइन कराकर विपक्ष और बगावत करने वालों को भी चुनौती दे डाली है। विपक्ष जहां आए दिन बीजेपी के कुछ विधायकों के कांग्रेस से संपर्क करने का दावा कर रहे हैं, वहीं बीजेपी के अंदर बगावत की खिचड़ी पकाने वाले नेताओं को भी इशारों इशारों में संकेत दे दिए हैं कि बीजेपी पहले से ही विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति पर काम कर रही है। ऐसे में आने वाले समय में दलबदल को लेकर शह और मात की चाल उत्तराखंड की राजनीति में देखने को मिल सकती है।
साढ़े
4
साल
तक
तवज्जो,
अब
नहीं
नजर
आ
रहा
सम्मान
विधानसभा
चुनाव
से
पहले
उत्तराखंड
में
दलबदल
की
राजनीति
शुरू
हो
गई
है।
2017
विधानसभा
चुनाव
से
ठीक
पहले
कांग्रेस
में
बगावत
हुई
और
बागी
विधायकों
ने
पाला
बदलकर
बीजेपी
ज्वाइन
की।
करीब
साढ़े
4
साल
एकाध
विरोध
छोड़कर
सब
सामान्य
चलता
रहा।
बीजेपी
में
कांग्रेस
से
आए
नेताओं
को
खासा
तवज्जो
भी
मिली।
हालात
ये
थे
कि
बीजेपी
की
कैबिनेट
में
आधे
से
ज्यादा
चेहरे
कांग्रेस
छोड़कर
बीजेपी
में
आए
विधायकों
की
थी।
लेकिन
चुनाव
की
आहट
सुनते
ही
बागियों
ने
बगावत
के
सुर
छेड़
दिए।
विरोध
इस
कदर
दिखा
कि
खुलेेआम
धमकी
दी
जाने
लगी।
कांग्रेस
छोड़कर
बीजेपी
में
आए
विधायकों
में
एकजुटता
भी
दिखी।
ऐसे
में
एक
बार
फिर
चुनाव
से
पहले
बड़े
बगावत
की
संकेत
नजर
आ
रहे
हैं।
प्रदेश
में
सत्ता
में
वापसी
की
कोशिश
में
जुटी
कांग्रेस
को
भी
बागी
अब
अच्छे
लगने
लगे
हैं।
हरीश
रावत
ने
कहा
खून
के
आंसू
रोएंगे
संघी
व
भाजपाई
हरीश
रावत
ने
एक
बार
फिर
सोशल
मीडिया
पर
पोस्ट
कर
दलबदल
को
लेकर
नई
बहस
शुरू
कर
दी
है।
हरीश
रावत
ने
दलबदल
को
लेकर
बीजेपी
पर
जमकर
प्रहार
किया
है
हरीश
रावत
ने
कहा
कि
अभी
तो
भाजपाई
लोग
केवल
रो
रहे
हैं
और
देखिएगा
आगे
आने
वाले
दिनों
में
कुछ
खांठी
के
भाजपाई,
संघी
सब
खून
के
आंसू
रोएंगे।
दल
बदल
के
3
कारण
हो
सकते
हैं,
पहला
वैचारिक
कारण,
दूसरा
पारिवारिक
कारण
और
तीसरा
कारण
आर्थिक
या
पदों
का
प्रलोभन।
हरीश
रावत
ने
जनता
से
अपील
भी
की
है
कि
जो
प्रलोभन
के
लिए
दलबदल
कर
रहे
हैं,
उन्हें
जनता
को
सबक
सिखाना
चाहिए।
हरीश
रावत
ने
संकेत
दिए
हैं
कि
बागियों
की
घर
वापसी
भी
संभव
है।
हरीश
रावत
ने
कहा
है
कि
कांग्रेस तो उदार पार्टी है, यदि कोई अपने अपराध के लिए क्षमा मांगे तो क्षमा भी किया जा सकता है, जो अपने पारिवारिक कारणों या वैचारिक मतभेद के कारण से गये हैं, उनके साथ वैचारिक मतभेदों को पाटा जा सकता है।
बीजेपी
ने
हरीश
रावत
को
घेरा
पूर्व
सीएम
हरीश
रावत
के
प्रहार
पर
बीजेपी
ने
भी
हरीश
रावत
को
सवालों
के
घेरे
में
लिया
है।
भारतीय
जनता
पार्टी
के
प्रदेश
प्रवक्ता
बिपिन
कैंथोला
ने
कहा
कि
हरीश रावत ने उत्तराखंड की ईमानदारी की पहचान को धुमिल करने का काम किया है जो कि कभी भी माफी के लायक नही है। हरीश रावत आज प्रलोभन और प्रलोभी की बात कर रहे है, अपने समय में कौन सा टॉपअप कर रहे थे, हरीश रावत अपने समय को भूल जाते हैं। रावत का आंख बन्द कर दूँगा वाला बयान लोकतंत्र पर सबसे बड़ा कलंक है,वे अपने कुकृत्य को भूल गए हैं और आज बसुरे राग अलाप रहे है, विपिन ने कहा कि आज कांग्रेस पूरे तरीके से टूट चुकी है, और उनके व उनकी सहयोगी रहे सभी नेता टूट कर भाजपा में आ रहे हैं। रावत को पहले अपने घर को सम्भालना चाहिये फिर दूसरों के मामले में दखल देना चाहिये,रावत अगर इतने ही अपनी पार्टी में सर्वमान्य नेता होते तो रामनगर में अपनी कलह यात्रा में त्रिदेवता को न नचा रहे होते रावत आज जानते है कि उत्तराखंड में उनकी पार्टी नेताओं में दम बचा नही है इसलिए वह अपनी कुंठा व अपने दर्द को सोशल मीडिया के द्वारा अपनी बनावटी मुस्कान से छिपाना चाहते है।