यूपी के सीएम योगी की राह पर उत्तराखंड के सीएम धामी, आरोपी के रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलवाकर पेश की नजीर
CM धामी ने रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलवाकर दिया सख्त संदेश
देहरादून, 24 सितंबर। पहाड़ की बेटी अंकिता मर्डर केस में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के एक्शन से एक बार फिर अपराधियों को सख्त संदेश दिया गया है। सीएम धामी ने मुख्य आरोपी के रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलवाकर साफ कर दिया कि आरोपियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। सीएम धामी के इस फैसले को उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के काम करने के तरीके से जोड़ा जा रहा है।
पहाड़ की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए लोग सड़कों पर उतर गए
पौड़़ी गढ़वाल की 19 वर्षीय युवती अंकिता भंडारी संदिग्ध परिस्थितियों में 5 से 6 दिन तक एक रिजॉर्ट से लापता हुई तो सोशल मीडिया में जमकर बवाल मच गया। पहाड़ की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए लोग सड़कों पर उतर गए। मीडिया में जानकारी आई कि जिस वनंतरा रिजॉर्ट से युवती लापता हुई वो भाजपा के नेता और पूर्व दायित्वधारी का बेटा है। इसके बाद इस मामले को सियासी रंग से भी जोड़ा जाने लगा।
चीला नहर से युवती का शव बरामद
पहले ये मामला राजस्व पुलिस देख रही थी। इसके बाद पुलिस को मामला ट्रांसफर किया गया। पुलिस ने 24 घंटे में रिजॉर्ट के मालिक पुलकित के अलावा, रिसॉर्ट मैनेजर 35 वर्षीय सौरभ भास्कर और 19 वर्षीय कर्मचारी अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया। पुलिस को अब युवती की बॉडी रिकवर करनी थी। जिसको लेकर एसडीआरएफ ने लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर चीला नहर से युवती का शव बरामद कर लिया।
सीएम धामी ने बुलडोजर चलाकर आरोपी के रिजॉर्ट को ध्वस्त करवा दिया
इस बीच सीएम धामी ने बुलडोजर चलाकर सख्त कदम उठाते हुए आरोपी के रिजॉर्ट को ध्वस्त करवा दिया। जिससे साफ संकेत दिया गया कि उत्तराखंड में किसी अपराधी को इस तरह गलत काम में संदिग्ध पाए जाने पर यही सजा दी जाएगी। साथ ही इस पूरे मामले में एसआईटी जांच बैठा दी है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में सीएम योगी का बुलडोजर अभियान काफी चर्चा में है। जिसके जरिए किसी भी आरोपी पर कार्रवाई के लिए संपत्ति पर बुलडोजर चलवा दिया जाता है। ऐसा ही कुछ उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी रात में कार्रवाई कर राजनीतिक इच्छाशक्ति को जाहिर किया है।
हरीश रावत बोले, थाईलैंड से ली गई रिजॉर्ट संस्कृति ध्वस्त करने की आवश्यकता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के रिजॉर्ट पर की गई कार्रवाई को सियासत पर शुरू हो गई है। इस कार्रवाई को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने फेबसुक पोस्ट के जरिए बयान जारी किया है। हरीश रावत का कहना है कि उत्तराखंड को अपराध चिन्हित चर्चा में आए अपराध स्थल को ध्वस्त करने की नहीं, बल्कि तथाकथित रिजॉर्ट संस्कृति को थाईलैंड से ली गई है उसको ध्वस्त करने की आवश्यकता है। हरीश रावत ने आगे लिखा कि कुछ समाचार पत्रों में अंकिता ने अपने दोस्तों को जो कुछ मैसेज दिए हैं, उससे एक बात स्पष्ट हो जाती है कि हरीश रावत यूं ही दूर-दूर गांव गांव में बन रहे अंधाधुंध रिजॉर्टों से क्षुब्ध है जो कुछ ऋषिकेश में हुआ वह मोहनरी में नहीं होगा या और मुख्यमंत्रियों के घर.गांव में नहीं होगा इसकी क्या गारंटी है।
गुस्से में नहीं, ठंडे दिल से दोनों फ्रेंट्स रिजॉर्ट संस्कृति को कैसे विनियमित किया जाए
हमको निवेश चाहिए, हमको पर्यटन भी चाहिए, मगर अपनी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक पहचान और प्राकृतिक कीमत पर नहीं चाहिए। एक बार मैंने केदारनाथ और बद्रीनाथ के दिव्य स्थलों के आस पास स्नो आध्यात्मिक टूरिज्म मतलब उन स्थलों में बर्फबारी के साथ लोग ध्यान लगाएं,उसकी चर्चा की। सौभाग्य था मेरा कि मैं अपने सहृद तीर्थ पुरोहित से भी इसकी चर्चा कर बैठा। उन्होंने मुझे सावधान किया। कहीं ऐसा न हो आपकी अच्छी भावना कल उत्तराखंड के लिए, एक गलत निर्णय करने से बचें। हरीश रावत का कहना है कि मुख्यमंत्री के गुस्से को समझ सकता हूं क्योंकि अंकिता में हम सब अपनी बेटी देख रहे हैं। इस समय गुस्से में नहीं, ठंडे दिल से दोनों फ्रेंट्स पर कि अंधाधुंध रिजॉर्ट संस्कृति को कैसे विनियमित किया जाए। कैसे ऐसे मानक और नियामक खड़े किए जाएं ताकि जो चाहे वह आकर के जमीन खरीदे और रिजॉर्ट बनाकर के वही खेल शुरू करें, जो ऋषिकेश में लोग शुरू कर चुके थे। जिसके लिए अंकिता को उसके विरोध करने पर अपने प्राण गंवाने पड़े। इस समय साक्ष्यों को बचाना है। मैं लोगों से भी प्रार्थना करना चाहूंगा कि गुस्से में रिजॉर्ट की मिट्टी भी नहीं उखाड़ दें, यदि साक्ष्य मिट गये तो फिर हमारी बेटी की हत्या करने वाले और उसके अपराधी बच न निकलें। कानून-कानून है। कोर्ट-कोर्ट है।