उत्तराखंड बीजेपी में हरक और त्रिवेंद्र में जुबानी जंग, चुनाव प्रभारियों के आने से पहले मामला गर्माया
बीजेपी के लिए मुश्किलें खडी कर रही आला नेताओं का बयानबाजी
देहरादून, 16 सितंबर। उत्तराखंड के चुनावी समर में बीजेपी ने अपने सभी दांव, पेंच खेलने शुरू कर दिए हैं। इसके लिए केन्द्रीय नेताओं को चुनाव प्रभारियों की जिम्मेदारी सौंपने के साथ ही चुनाव तैयारियों की समीक्षा भी शुरू हो गई है। बीजेपी के चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, सह प्रभारी चुनाव सरदार आरपी सिंह व सांसद लॉकेट चटर्जी अपने दो दिवसीय प्रवास पर उत्तराखंड आ गए हैं। लेकिन प्रभारियों के उत्तराखंड पहुंचने से पहले बीजेपी के बयानवीर दिग्गज नेताओं ने पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। बीजेपी के नेता पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच जुबानी जंग से पार्टी के अंदर सियासत गर्मा गई है। ऐसे में चुनाव प्रभारियों के सामने बीजेपी के अंदरूनी लड़ाई के का मामले पर भी चर्चा होना तय है।
उत्तराखंड
पहुंचे
चुनाव
प्रभारी
उत्तराखंड
में
चुनावी
तैयारियों
की
समीक्षा
करने
और
कार्यकर्ताओं
की
नब्ज
टटोलने
केन्द्रीय
चुनाव
प्रभारियों
की
टीम
उत्तराखंड
पहुंच
चुकी
है।
जौलीग्रांट
एयरपोर्ट
पर
सीएम
पुष्कर
सिंह
धामी,
प्रदेश
अध्यक्ष
मदन
कौशिक
समेत
बीजेपी
के
आला
नेता
मौजूद
रहेा
चुनाव
प्रभारी
केंद्रीय
मंत्री
प्रह्लाद
जोशी,
सह
प्रभारी
चुनाव
सरदार
आरपी
सिंह
व
सांसद
लॉकेट
चटर्जी
का
कार्यकर्ताओं
ने
जोरदार
स्वागत
कियाा
एयरपोर्ट
से
देहरादून
तक
पार्टी
ने
प्रभारियों
के
जोरदार
स्वागत
किया
हैा
इस
दौरान
प्रभारियों
की
टीम
10
कार्यक्रमो
में
भाग
लेंगे।
इनमें
4
संग़ठन
की
बैठकों
सहित
6
अन्य
प्रकार
के
सार्वजनिक
कार्यक्रम
है।
चुनाव
प्रभारियों
ने
उत्तराखंड
में
कार्यकर्ताओं
से
फीडबैक
लेने
के
साथ
ही
पार्टी
के
अंदरूनी
मामलों
को
लेकर
भी
सीनियर
नेताओं
से
बातचीत
होगी।
इधर
उत्तराखंड
बीजेपी
में
दो
सीनियर
नेताओं
के
जुबानी
जंग
से
बीजेपी
के
लिए
मुश्किलें
खड़ी
हो
गई
हैं।
हरक
सिंह
ने
उठाया
ढेंचा
बीज
घोटाला
का
मामला
ढेंचा
बीज
घोटाले
को
लेकर
हरक
सिंह
और
पूर्व
सीएम
त्रिवेंद्र
सिंह
रावत
आमने
सामने
हैं।
कैबिनेट
मंत्री
हरक
सिंह
रावत
ने
त्रिवेंद
रावत
के
कृषि
मंत्री
रहते
हुए
सामने
आए
ढेंचा
बीज
घोटाले
को
लेकर
मीडिया
में
कहा
था
कि
हमारी
सरकार
आने
पर
हरीश
रावत
त्रिवेंद्र
रावत
को
जेल
भेजना
चाहते
थे।
उन्होंने
कहा
कि
बतौर
कृषि
मंत्री
त्रिवेंद्र
रावत
के
समर्थन
में
दो
पेज
की
नोटिंग
की,
जिसके
चलते
उनके
खिलाफ
मुकदमा
दर्ज
नहीं
हो
पाया
और
वो
जेल
जाने
से
बच
गए।
हरक
ने
कहा
था
कि
यदि
वो
जेल
चले
जाते
तो
2017
में
मुख्यमंत्री
भी
नहीं
बन
पाते।
त्रिवेंद्र
ने
बयान
से
गर्मायी
राजनीति
हरक
सिंह
रावत
के
बयान
के
बाद
बीजेपी
संगठन
ने
भी
इस
मामले
को
लेकर
हरक
सिंह
रावत
से
बीजेपी
मुख्यालय
में
बातचीत
कर
मामले
को
खत्म
करने
की
कोशिश
की।
हरक
सिंह
के
बयान
के
बाद
जब
त्रिवेंद्र
सिंह
रावत
से
हरक
सिंह
के
बयान
पर
जवाब
मांगा
गया
तो
त्रिवेंद्र
रावत
ने
कहा
कि
हमारे
यहां
कहते
हैं
कि
गधा
ढ़ेंचा
ढेंचा
करता
है।
त्रिवेंद्र
रावत
के
इस
बयान
के
बाद
सोशल
मीडिया
से
लेकर
पार्टी
संगठन
में
मामला
गर्मा
गया
है।
साफ
है
कि
हरक
सिंह
और
त्रिवेंद्र
रावत
के
बीच
जुबानी
जंग
का
असर
चुनाव
से
पहले
बीजेपी
के
अंदर
चल
रही
अंदरुनी
लड़ाई
में
भी
नजर
आएगी।