उत्तराखंड में टिकट बंटते ही शुरू हुआ बवाल, निर्दलीय ताल ठोक सकते हैं बागी, सियासी दलों का 'प्लान बी' तैयार
10 से ज्यादा सीटों पर बागियों ने दिए चुनाव लड़ने के संकेत
देहरादून, 20 जनवरी। उत्तराखंड में नामांकन प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही भाजपा ने 59 सीटों पर प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। जबकि कांग्रेस शुक्रवार को 45 से ज्यादा प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने जा रही है। उत्तराखंड में शुक्रवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो रही है। ऐसे में टिकट बंटवारे के बाद बगावत की आहट को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने प्लान बी पर वर्कआउट शुरू कर दिया है। इसके लिए पहले से ही रणनीति पर भी काम किया जा रहा है। भाजपा ने अपने सांसदों को पहले ही इसका जिम्मा सौंपा हुआ है। कांग्रेस ने बगावत को थामने के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की हुई है।
10
सीटों
पर
निर्दलीय
ताल
ठोकने
का
दावा
उत्तराखंड
में
अब
चुनावी
मैदान
सजने
लगा
है।
भाजपा
ने
सबसे
पहले
अपने
59
सैनिकों
को
जंग
में
उतार
दिया
है।
लेकिन
सबसे
ज्यादा
डर
चुनावी
मैदान
में
बागियों
से
है।
जो
कि
पिछले
5
साल
से
क्षेत्र
में
अपने
तरीके
से
तैयारियों
में
जुटे
हैं।
गुरुवार
दोपहर
बाद
भाजपा
की
59
प्रत्याशियों
की
पहली
सूची
जारी
होते
ही
भाजपा
के
अंदर
टिकट
के
दूसरे
दावेदारों
ने
बगावती
तेवर
दिखाने
शुरू
कर
दिए
हैं।
पहले
ही
दिन
10
से
ज्यादा
सीटों
पर
भाजपा
के
दूसरे
दावेदारों
ने
पार्टी
के
खिलाफ
बगावत
कर
निर्दलीय
लड़ने
के
संकेत
दे
दिए
हैं।
जिन
सीटों
पर
भाजपा
के
अंदर
सबसे
ज्यादा
बगावती
तेवर
नजर
आ
रहे
हैं।
उनमें
यमुनोत्री,
गंगोत्री,
धर्मपुर,
धनोल्टी,
थराली,
कर्णप्रयाग,
नरेंद्रनगर
प्रमुख
हैं।
यमुनोत्री,
गंगोत्री,
थराली,
कर्णप्रयाग
सीट
पर
अन्य
दावेदारों
से
सोशल
मीडिया
के
जरिए
नाराजगी
भी
दर्ज
की
है।
देहरादून
जिले
की
सबसे
हॉट
सीट
धर्मपुर
सीट
पर
भी
भाजपा
के
दूसरे
नंबर
के
दावेदार
बीर
सिंह
पंवार
ने
निर्दलीय
लड़ने
का
ऐलान
कर
दिया
है।
धर्मपुर
सीट
पर
सिटिंग
विधायक
विनोद
चमोली
का
टिकट
फाइनल
होते
ही
बीर
सिंह
पंवार
के
समर्थकों
ने
बैठक
कर
पार्टी
के
खिलाफ
मोर्चा
खोल
दिया
साथ
ही
सर्वसम्मति
से
चुनाव
लड़ने
का
ऐलान
किया।
नाराज
कार्यकर्ताओं
ने
विधायक
विनोद
चमोली
पर
गंभीर
आरोप
लगाए
कि
5
साल
में
उन्होंने
विकास
के
नाम
पर
कोई
काम
नहीं
किया।
यहां
तक
की
राज्य
सरकार
और
केंद्र
सरकार
की
योजनाओं
को
भी
इस
विधानसभा
में
लागू
नहीं
कर
पाए।
बीर
सिंह
पंवार
समर्थकों
ने
क्षेत्र
मेंं
जनता
की
उपेक्षा
का
आरोप
लगाया
है।
निशंक
संभाल
सकते
हैं
जिम्मा
भाजपा
संगठन
की
ओर
से
टिकट
फाइनल
होने
से
पहले
ही
बगावती
तेवर
को
भांपते
हुए
सभी
सांसदों
को
अपने-अपने
क्षेत्रों
में
नाराज
दावेदारों
को
मनाने
का
जिम्मा
सौंपा
गया
था।
इसके
बाद
अब
माना
जा
रहा
है
कि
भाजपा
की
ओर
से
नाराज
कार्यकर्ताओं
को
मनाने
का
जिम्मा
पूर्व
मुख्यमंत्री
डॉ
रमेश
पोखरियाल
निशंक
को
सौंपा
जा
सकता
है।
जो
कि
डेमेज
कंट्रोल
में
सबसे
माहिर
माने
जाते
हैं।
इधर
कांग्रेस
की
ओर
से
शुक्रवार
को
पहली
सूची
जारी
होनी
है,
लेकिन
कांग्रेस
ने
पहले
ही
नाराज
कार्यकर्ताओं
और
दावेदारों
को
मनाने
के
लिए
पर्यवेक्षक
तैनात
कर
दिए
हैं।
कांग्रेस
में
सबसे
ज्यादा
विरोध
हरक
सिंह
रावत
का
हो
रहा
है।
ऐसे
में
पार्टी
हरक
सिंह
रावत
को
पार्टी
में
लेने
से
बच
रही
है।
कांग्रेस
ने
बगावत
की
आहट
को
देखते
हुए
सभी
70
सीटों
पर
कई
दौर
के
मंथन
कर
दिए
हैं।
जिसमें
से
45
सीटों
पर
शुक्रवार
को
जारी
हो
सकते
हैं।
इसके
लिए
पार्टी
ने
सभी
नाराज
दावेदारों
पर
पहले
ही
नजर
रखने
के
लिए
पर्यवेक्षकों
की
नियुक्ति
कर
दी
है।