Uttarakhand: धामी सरकार की नई पर्यटन नीति, निजी क्षेत्र को निवेश के साथ ही इन पर किया फोकस
उत्तराखंड में धामी सरकार ने नई पर्यटन नीति मंजूर की है। नई पर्यटन नीति आगामी सात वर्षाें, यानी वर्ष 2030 तक के लिए होगी। नीति में प्रदेश के सभी 13 जिलों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
उत्तराखंड में धामी सरकार नई पर्यटन नीति लेकर आई है। सरकार निजी क्षेत्र को निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगी। राज्य में जो निवेशक हेली टूरिज्म, कैरावेन टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, कैब ऑपरेटर के इलेक्ट्रिक वाहनों में पूंजी निवेश करेगा, उसे सरकार शत-प्रतिशत सब्सिडी देगी। पर्यटन क्षेत्र में निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा। इज ऑफ डूइंग बिजनेस की वेबसाइट पर निवेशकों के लिए कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म पात्रता प्रमाणपत्र के रूप में मान्य होगा।नई पर्यटन नीति में प्रदेश के सभी 13 जिलों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। श्रेणियों के हिसाब से इनमें पर्यटन इकाइयों की स्थापना के लिए 25 से लेकर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी।
नई पर्यटन नीति वर्ष 2030 तक के लिए होगी
नई पर्यटन इकाइयों को स्टांप ड्यूटी में शत-प्रतिशत छूट का प्रविधान किया गया है। विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा देने वाले निजी ऑपरेटरों को भी प्रोत्साहन देने की व्यवस्था की गई है। नई पर्यटन नीति आगामी सात वर्षाें, यानी वर्ष 2030 तक के लिए होगी। नीति में पर्यटन के क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रविधान किए गए हैं। इसके अनुसार साहसिक पर्यटन का ढांचा स्थापित करने वाली नई इकाइयों को 100 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी, लेकिन यह जीएसटी से जुड़ी होगी।
तीन श्रेणियों में वर्गीकृत
पर्यटन विकास के दृष्टिगत प्रदेश को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। ए श्रेणी में हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर और देहरादून के एक बड़े क्षेत्र को शामिल किया गया है। देहरादून के एक बड़े क्षेत्र को भी इसी श्रेणी में रखा गया है। बी श्रेणी में देहरादून के कालसी, चकराता और त्यूणी क्षेत्र, पौड़ी जिले के कोटद्वार, लैंसडौन यमकेश्वर और धुमाकोट, टिहरी गढ़वाल के धनोल्टी और नरेंद्रनगर, बागेश्वर का गरुड़ और अल्मोडा जिले का एक भाग भी बी श्रेणी में शामिल किया गया है। सी श्रेणी में उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ के सारे क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा बागेश्वर, पौड़ी व टिहरी गढ़वाल के ऐसे क्षेत्र भी इसमें रखे गए हैं, जो श्रेणी बी में नहीं हैं। श्रेणी ए में आने वाले क्षेत्रों में पर्यटन निवेश में 25 प्रतिशत, श्रेणी बी में 35 प्रतिशत और श्रेणी सी में आने वाले क्षेत्रों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
इन गतिविधियों पर 100 प्रतिशत सब्सिडी
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- ट्रेकिंग, राकक्लाइंबिंग, वाटर स्पोटर्स, बोट रेस, स्केटिंग, फिशिंग, एयरो स्पोटर्स आदि
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