Uttarakhand :कुदरत के कहर के सामने पुष्कर धामी ने कैसे संभाला रेस्क्यू ऑपरेशन, ये 5 तस्वीरें दे रहीं गवाही
पुष्कर धामी ने खुद संभाला रेस्क्यू ऑपरेशन
देहरादून, 21 अक्टूबर। उत्तराखंड में एक बार फिर कुदरत का कहर बरपा है। आसमानी आफत से उत्तराखंड में जन-जीवन अस्त व्यस्त हो रखा है। प्राकृतिक आपदा से 54 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 1300 लोगों ने सरकारी सिस्टम के प्रयासों से बचाया गया है। इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सबसे अलग जो तस्वीरें सामने आई वो लोगों के लिए थोड़ा सा राहत भरी नजर आई। प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हर पल अपने बीच पाकर पब्लिक ने इस विपरीत समय में भी एक सुखद एहसास किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी 2 घंटे तक आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने के बाद आपदा में एक्टिव होकर मॉनिटरिंग करने और खुद मोर्चा संभालने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पीठ थपथपाई है। आइए तस्वीरों से समझने की कोशिश करते हैं कि अब तक किस तरह रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मुख्यमंत्री आपदाग्रस्त क्षेत्रों में रहे और पीड़ित लोगों का धैर्य बांधते हुए नजर आए।
दो दिनों तक हुई अतिवृष्टि, सीएम तुरंत पहुंचे क्षेत्रों में
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का अतिवृष्टि के कारण उत्पन्न स्थिति का लगातार जायजा लिया और राहत, बचाव कार्यों के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश भी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने समय-समय पर तुरंत राहत और अनुमन्य आर्थिक मदद के साथ ही तीर्थयात्रियों, पर्यटकों की सुविधा का भी ध्यान रखने के निर्देश दिये हैं। सबसे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित राज्य आपदा प्रबन्धन कन्ट्रोल रूम जाकर प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी स्थिति का जायजा लिया।
हवाई सर्वेक्षण से भी जानी हकीकत
मुख्यमंत्री
ने
गढ़वाल
व
कुमांऊ
क्षेत्र
के
आपदा
ग्रस्त
क्षेत्रों
का
हवाई
सर्वेक्षण
कर
स्थिति
का
जायजा
लिया
और
रूद्रप्रयाग
के
जिलाधिकारी
से
यात्रा
व्यवस्थाओं
तथा
विभिन्न
स्थानों
पर
रूके
यात्रियों
को
दी
जा
रही
सुविधाओं
की
जानकारी
प्राप्त
की।
मुख्यमंत्री
ने
निर्देश
दिये
कि
पीडितों
के
साथ
ही
यात्रियां
को
हर
संभव
सहयोग
और
सहायता
उपलब्ध
करायी
जाय।
उन्होंने
बन्द
मार्गो
को
खोलने
के
भी
निर्देश
जिलाधिकारी
को
दिये
मुख्यमंत्री
ने
कुमांऊ
क्षेत्र
के
रामनगर,
बाजपुर,
किच्छा,
सितारगंज
आदि
आपदा
ग्रस्त
क्षेत्रों
का
हवाई
सर्वेक्षण
कर
पंतनगर
एयरपोर्ट
पर
जिलाधिकारी
के
साथ
एयर
फोर्स,
एनडीआरएफ
एवं
एसडीआरएफ
के
अधिकारियों
से
राहत
एवं
बचाव
कार्यो
के
सम्बन्ध
में
विचार
विमर्श
किया।
जमीन पर नुकसान का खुद पहुंचकर लिया जायजा
इसके बाद मुख्यमंत्री ने रूद्रपुर संजयनगर खेड़ा में उत्पन्न जल भराव की स्थिति का जायता लिया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने व रहने, भोजन आदि की समुचित व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें। अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा हर सम्भव सहयोग किया जायेगा। उन्होने कहा कि इस आपदा के कारण जिन परिवारों में जनहानि हुई है उनके आश्रितों को 4 लाख रूपये का मुआवजा दिया जायेगा। उन्होने पीड़ितों से मिलते हुए कहा कि सरकार द्वारा सभी जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं। उन्होने कहा कि यह एक दैवीय आपदा की घड़ी है, इस परिस्थितियों में सभी के सहयोग से इस आपदा से निपटा जायेगा।
जब ट्रैक्टर पर हुए सवार
चंपावत में पैदल और ऊधमसिंह नगर, नैनीताल जनपद में किसान भाइयों के साथ आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करने के लिए सीएम ने ट्रैक्टर से पहुंचकर लोगों से बातचीत की। सीएम ने फसलों को हुए नुकसान का तत्काल आकलन करने के लिए प्रशासन, संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है।मुख्यमंत्री ने आपदा पीडितों को आश्वस्त किया कि संकट की इस घडी में राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है।
रेस्क्यू मे लगे जवानों का हौसला भी बढ़ाया
मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू मे लगे एनडीआरएफ, पुलिस के जवानों का हौसला भी बढ़ाया। अपने बीच मुख्यमंत्री को पाकर जवनों का भी उत्साह दोगुना हुआ। मुख्यमंत्री ने सड़क मार्ग से हल्द्वानी पहुंचकर और अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुए गोला नदी पुल का निरीक्षण किया और नदी से हुए नुकसान का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्यायें भी सुनी। मुख्यमंत्री ने पीडितों को हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया। सर्किट हाउस काठगोदाम में मुख्यमंत्री ने जनपद नैनीताल के अधिकारियों के साथ जनपद में आपदा से हुए नुकसान आदि की समीक्षा की और राहत और बचाव कार्यों में पूरे मनायोग, तत्परता के साथ सम्पादित करने के निर्देश दिये।