हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले, 3 किमी तक हिमखंड के रास्ते से गुजरेंगे यात्री
सिखों की आस्था का केंद्र हेमकुंड साहिब के कपाट आज खोल दिए गए हैं। श्रद्धालुओं को इस बार तीन किमी तक हिमखंडों के बीच से गुजरना पड़ेगा। हेमकुंड साहिब में अभी भी करीब आठ फीट से अधिक बर्फ मौजूद है।
सिखों की आस्था का केंद्र हेमकुंड साहिब के कपाट आज श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। शुक्रवार सुबह पंज प्यारों की अगुवाई में पवित्र निशान के साथ गोविंदघाट गुरुद्वारे से 1800 श्रद्धालुओं का पहला जत्था घांघरिया रवाना हुआ था और शनिवार सुबह कपाट खोलने के पावन अवसर के साक्षी बने।
60
साल
से
अधिक
आयु,
बच्चों
को
आने
की
अनुमति
नहीं
हेमकुंड
साहिब
मैनेजमेंट
ट्रस्ट
के
अध्यक्ष
नरेंद्रजीत
सिंह
बिंद्रा
ने
पंज
प्यारों
को
पवित्र
निशान
सरोपा
भेंट
कर
रवाना
किया।
यात्रा
मार्ग
पर
भारी
बर्फ
होने
के
कारण
इस
बार
यात्रा
में
60
साल
से
अधिक
आयु
के
श्रद्धालु
और
बच्चों
को
आने
की
अनुमति
नहीं
है।
एक
दिन
में
हेमकुंड
साहिब
जाने
के
लिए
सिर्फ
ढाई
हजार
यात्रियों
को
ही
अनुमति
दी
जाएगी।
श्रद्धालुओं
को
इस
बार
तीन
किमी
तक
हिमखंडों
के
बीच
से
गुजरना
पड़ेगा।
उत्तराखंड पर्यटन विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन
हेमकुंड साहिब में अभी भी करीब आठ फीट से अधिक बर्फ मौजूद है। हेमकुंड के लिए भी चार धाम यात्रा की तरह रजिस्ट्रेशन करना होगा। जिसके लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन होगा। हेमकुंड के साथ ही लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी खुल गए हैं। हेमकुंड के साथ लोकपाल लक्ष्मण मंदिर धाम के कपाट भी सुबह दस बजे ही खोले जाएंगे। पौराणिक मान्यता है कि लक्ष्मणजी ने पूर्व जन्म में यहां शेषनाग के रूप में तपस्या की थी। हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिला में स्थित सिखों का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है।