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Uttarakhand news: कोटद्वार प्रवास के जरिए कई समीकरण साधने की कोशिश में जुटे हरीश रावत

पुर्व सीएम हरीश रावत ने अपने प्रवास कार्यक्रम के लिए चुना कोटद्वार

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देहरादून, 28 सितंबर। चुनाव से पहले कांग्रेस अपनी जमीन मजबूत करने में जुट गई है। इसके लिए कांग्रेसी गांवों में प्रवास करने जा रहे हैं। कांग्रेस ने अपने सभी सीनियर नेताओं को प्रवास करने के ​भी निर्देश दिए हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत भी प्रवास कार्यक्रम में हिस्सा ​लेंगे। पूर्व सीएम हरीश रावत ने इस बार प्रवास के लिए कोटद्वार के लिए चुना है। हरीश रावत के कोटद्वार क्षेत्र को चुनने के पीछे की समीकरण को लेकर नई बहस शुरू हो गई है।

Harish Rawat trying to solve many equations through Kotdwar migration

कोटद्वार के बहाने कई समीकरण साधने में जुटे हरदा
उत्तराखंड में कांग्रेस के नेता हरीश रावत के राजनैतिक फैसलों के अपने मायने होते हैं। जिससे वे कई समीकरण साधने की कोशिश करते हैं। इस बार हरीश रावत ने अपने फैसले से सबको चौंका दिया है। हरीश रावत ने प्रवास कार्यक्रम के लिए कोटद्वार जिला चुना है। जिसको लेकर राजनीति के जानकार इसे हरीश रावत का चुनाव को देखते हुए नया फैसला बता रहे हैं। हरीश रावत ने गढ़वाल के द्वार कहे जाने वाले कोटद्वार को चुना है। कोटद्वार तराई और गढ़वाल का सेंटर भी माना जाता है। इससे हरीश रावत जनता को ये संदेश देने में कामयाब हुए हैं कि वे गढ़वाल और तराई दोनों क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इसके साथ ही कोटद्वार को चुनने के पीछे का कारण 2016 में बागी हुए हरक सिंह रावत को उनके क्षेत्र में चुनौती देना है। हरीश रावत ने कोटद्वार क्षेत्र में प्रवास करने की बात की है, जहां से हरक सिंह रावत विधायक हैं। हरक ​सिंह 2017 में कोटद्वार से विधायक चुनकर आए ​थे। जो कि हरीश रावत के खिलाफ बगावत करने वालों में शामिल थे। अब हरीश रावत ने बागियों के खिलाफ मोर्चा खोलकर खुली चुनौती दी है। साफ है कि आने वाले दिनों में हरीश रावत के कोटद्वार में प्रवास की रणनीति का असर चुनाव में भी दिखना तय है।

उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत का कहना है कि

हरीश रावत कोटद्वार के जरिए पहाड़ और मैदान के समीकरणों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा एक प्रमुख कारण हरक सिंह को सीधे चुनौती देना भी है।

हरदा बोले मैनिफेस्टो पर भी करेंगे संवाद
उत्तराखंड में कांग्रेस ने पंचायत स्तर पर कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों से संवाद स्थापित करने के लिए जनता के द्वार कार्यक्रम बनाया है। जिसमें सभी सीनियर नेताओं की जिम्मेदारी तय की गई है। इस कार्यक्रम के लिए 2 अक्टूबर का दिन तय किया है। इससे पूर्व सभी सीनियर नेता 1 अक्टूबर की रात गांव में जाकर प्रवास करेंगे। साथ ही गरीब, दलित व्यक्ति के घर रात का भोजन भी करेंगे। इसके बाद अगले दिन गांधी जयंती पर कार्यक्रम में भाग लेने के बाद ग्रामीणों से संवाद भी करेंगे। हरीश रावत ने सोशल मीडिया में भी कोटद्वार में प्रवास करने और दलितों की बस्तियों में सहभोजन करने की बात की है। उन्होंने कहा है कि वे प्रवास के दौरान मैनिफेस्टो पर भी जनता से संवाद करेंगें।

हरीश रावत ने अपने प्रवास को लेकर कहा है कि

कांग्रेस पार्टी का एक बहुत ही उत्साहपूर्ण परंपरागत सिद्धांतों पर आधारित निर्णय, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के जन्मदिन पर कांग्रेस के प्रत्येक नेता एक रात गांव में बिताएंगे, दलित बस्तियों में सहभोज में भाग लेंगे। गांव की चौपाल लगाएंगे, कांग्रेसजन अपने घरों पर झंडा रोहण करेंगे। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, राज्य आंदोलनकारियों और उस न्याय पंचायत क्षेत्र के महत्वपूर्ण व्यक्तियों जिनमें पूर्व सैनिक भी सम्मिलित हैं, का अभिनंदन करेंगे, शाल ओढ़ाकर उनको सम्मानित करेंगे। उस क्षेत्र के लोगों से राज्य के चुनावों के लिए कांग्रेस के मेनिफेस्टो हेतु सुझाव भी लेंगे। मैंने प्रवास के लिए कोटद्वार क्षेत्र का चयन किया है। मैं कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण अंचल में प्रवास करूंगा।

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English summary
Harish Rawat trying to solve many equations through Kotdwar migration
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