कर्नल अजय कोठियाल के चुनाव लड़ने के ऐलान से गंगोत्री सीट पर दिलचस्प हुआ मुकाबला, जानिए समीकरण
गंगोत्री से चुनाव लडेंगे कर्नल अजय कोठियाल, दिलचस्प हुआ मुकाबला
देहरादून, 18 नवंबर। उत्तराखंड में अभी चुनाव की तारीखों का ऐलान तो नहीं हुआ, लेकिन आम आदमी पार्टी ने सीएम प्रत्याशी से लेकर गंगोत्री विधानसभा सीट से प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। आम आदमी पार्टी ने कर्नल अजय कोठियाल को सीएम पद का प्रत्याशी और गंगोत्री का टिकट दे दिया है। कर्नल गंगोत्री सीट से चुनाव मैदान में उतर गए हैं। कर्नल ने गंगोत्री से दावा ठोककर मुकाबले को दिलचस्प कर दिया है। जिससे मुकाबला अब त्रिकोणीय हो गया है।
भाजपा, कांग्रेस को ही मिला है मौका
गंगोत्री विधानसभा सीट का इतिहास उत्तराखंड की विधानसभा के लिए अहम माना जाता रहा है। कारण है गंगोत्री सीट के साथ जुड़ा अनोखा मिथक। गंगोत्री से जो विधायक चुनकर आया सत्ता की चाबी उसी दल के पास रही। ये बात अलग है कि 21 साल में यहां के प्रतिनिधियों को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली। 2002 में पहला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर विजयपाल सजवाण ने जीता, सत्ता में कांग्रेस आई। इसके बाद 2007 में भाजपा के गोपाल रावत विधायक बने और सूबे में भाजपा ने सरकार बनाई। 2012 में फिर से कांग्रेस के विजयपाल सजवाण विधायक बने और कांग्रेस सत्ता में काबिज हुई। 2017 में जनता ने फिर से भाजपा के गोपाल रावत को चुनाव में जिताकर भेजा और सरकार भाजपा ने ही बनाई।
भाजपा का भी होगा नया चेहरा
लेकिन इस बार गंगोत्री सीट पर समीकरण बदल गई है। विधायक गोपाल रावत का निधन होने से भाजपा नए चेहरे पर दांव खेलेगी। जिसमें भाजपा के दिग्गज नेता और 2017 में निर्दलीय चुनाव लड़कर करीब 10 हजार वोट लाने वाले सूरतराम नौटियाल की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। नौटियाल के अलावा विधायक रहे स्वर्गीय गोपाल रावत की पत्नी समेत दर्जनभर नेता भी दावेदारी कर रहे हैं। कांग्रेस विजयपाल सजवाण को ही चुनाव लड़ाती आ रही है तो कांग्रेस में कोई बड़ा उलटफेर होना मुश्किल है। ऐसे में कर्नल अजय कोठियाल का गंगोत्री सीट से चुनाव लड़ना आम आदमी पार्टी का बड़ा दांव माना जा रहा है। लेकिन जिस तरह से आम आदमी पार्टी के वोटबैंक और विजन है, उससे कांग्रेस के वोट पर बड़ा सेंधमारी होना तय है।
कांग्रेस के वोटबैंक पर हो सकती है सेंधमारी
कर्नल अजय कोठियाल का गंगोत्री सीट से चुनाव लड़ने के पीछे का कारण उत्तरकाशी में कर्म स्थली रहना है। कर्नल उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रिंसिपल रह चुके हैं। ऐसे में कर्नल की छवि उत्तरकाशी में काफी लोकप्रिय रही है। कर्नल गंगोत्री सीट से उपचुनाव में भी दावा कर चुके हैं। जब गोपाल रावत के निधन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के चुनाव लड़ने की खबरें सामने आने लगी तो कर्नल ने गंगोत्री से उपचुनाव लड़ने की सीएम को चुनौती दी थी। हालांकि तब उपचुनाव नहीं हुए और अब कर्नल ने गंगोत्री सीट से ही अपना दावा ठोक दिया है। जिससे भाजपा, कांग्रेस के लिए चुनावी समीकरण बदल गए हैं। अब तक गंगोत्री सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला रहा है। लेकिन इस बार कांग्रेस का चेहरा पुराना होगा लेकिन भाजपा और आम आदमी पार्टी का चेहरा नया। कांग्रेस की और से विजयपाल सजवाण ही चेहरा हो सकते हैं और आम आदमी पार्टी ने कर्नल को टिकट दे दिया है तो अब सबकी नजर भाजपा पर ही टिकी है।
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