चंपावत उपचुनाव:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत 4 प्रत्याशी मैदान में, भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला
सीएम धामी के सामने कांग्रेस, सपा और निर्दलीय प्रत्याशी
देहरादून, 13 मई। चंपावत उपचुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत 4 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। नामाकंन सही पाए जाने के बाद भाजपा से पुष्कर सिंह धामी, कांग्रेस से निर्मला गहतोड़ी, सपा से मनोज भट्ट उर्फ एलएम भट्ट और निर्दलीय हिमांशु गड़कोटी के बीच अब मुकाबला होगा। एक निर्दलीय प्रत्याशी दीपक बेलवाल का पर्चा प्रस्तावकों के फर्जी हस्ताक्षर के कारण खारिज कर दिया गया है।
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भाजपा,
कांग्रेस,
सपा
और
निर्दलीय
ही
चुनाव
मैदान
में
चंपावत
उपचुनाव
को
लेकर
अब
मैदान
में
4
प्रत्याशी
ही
रह
गए
हैं।
भाजपा,
कांग्रेस,
सपा
और
निर्दलीय
ही
चुनाव
मैदान
में
है।
आप,
यूकेडी,
बसपा
ने
उपचुनाव
में
प्रत्याशी
नहीं
उतारा
है।
तरह
से
मुख्य
मुकाबले
में
भाजपा
और
कांग्रेस
ही
आमने
सामने
नजर
आ
रहे
हैं।
चंपावत
में
सभी
ने
अपने-अपने
तरीके
से
प्रचार-प्रसार
तेज
कर
दिया
हेै।
हालांकि
अब
तक
चंपावत
में
कोई
बड़ा
नेता
प्रचार
के
लिए
नहीं
पहुंचे
हैं।
लेकिन
कार्यकर्ताओं
और
पदाधिकारियों
ने
चंपावत
में
डेरा
डाल
दिया
है।
20
मई
के
बाद
चंपावत
में
बड़े
चेहरे
नजर
आ
सकते
हैं।
जिसमें
यूपी
के
सीएम
योगी
आदित्यनाथ
का
नाम
भी
बताया
जा
रहा
है।
कांग्रेस
के
पूर्व
सीएम
हरीश
रावत
ने
भी
20
के
बाद
प्रचार
करने
की
सोशल
मीडिया
के
जरिए
जानकारी
दी
है।
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भाजपा, कांग्रेस में वार-पलटवार भी शुरू
भाजपा, कांग्रेस में वार-पलटवार भी शुरू हो गए हैं। भाजपा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि चम्पावत उपचुनाव से पूर्व सीएम हरीश रावत, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समेत उनकी पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेताओं का दूरी बनाना , मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रचंड जीत पर मुहर लगा रहा है । पार्टी प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने दावा किया कि इन तमाम दिग्गजों को भी मुख्यमंत्री के नाम व काम के चलते अपनी पार्टी उम्मीदवार की हार स्पष्ट नज़र आ रही है । कुलदीप कुमार ने व्यंग किया कि जिस तरह प्रदेश कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता खुलेआम एक दूसरे पर षड्यंत्र व विश्वासघात के आरोप लगा रहे हैं उसके बाद उन्हे तो वैसे भी नकली एकता दिखाते हुए चुनाव में जनता को बरगलाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होने कहा कि प्रदेश में सरकार गठन के डेढ़ महीने में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विकास को लेकर जो निर्णय लिए है उससे वह रोड मैप तैयार हो रहा है जिस पर चलकर वर्तमान दशक उत्तराखंड का दशक बनना तय है। देवभूमि की तरह चंपावत की महान जनता भी धामी सरकार के अल्पकाल में लिए जनकल्याणकारी निर्णयों से बेहद प्रसन्न है चाहे वह बुजुर्ग दंपति, दोनों के लिए पेंशन का निर्णय हो या कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने का निर्णय हो या महिला, युवा व बाल कल्याण से संबन्धित निर्णय हो। भाजपा का दावा है कि चंपावत से खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में जीत सुनिश्चित है। इधर कांग्रेस लगातार मुख्यमंत्री के फैसलों को लेकर आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें दर्ज कराने में जुटी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चंपावत के कैंप कार्यालय में नोडल अधिकारी की तैनाती मामले में भाजपा को क्लीन चिट मिल गई है। डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी ने बताया कि इस मामले में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के निर्देश के बाद सीडीओ से जांच कराई गई। इसमें आचार संहिता का उल्लंघन का मामला नहीं बनने की बात सामने आई है। जांच में पता चला कि नोडल अधिकारी इंजीनियर केदार सिंह बृजवाल की तैनाती के आदेश 30 अप्रैल को किए गए थे जबकि उप-चुनाव की तिथि दो मई की शाम घोषित हुई। ऐसे में आचार संहिता उल्लंघन का मामला नहीं बनता है। सीडीओ आरएस रावत ने आचार संहिता को देखते हुए नोडल अधिकारी की तैनाती को अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दिया है।