पीएम के दौरे से पहले सीएम धामी चल सकते हैं बड़ा दांव, कृषि कानून की तरह इस मुद्दे की लिखी जा चुकी है पटकथा
देवस्थानम बोर्ड को लेेकर राज्य सरकार ले सकती है बडा निर्णय, भंग करने की है तैयारी
देहरादून, 25 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 दिसंबर को उत्तराखंड दौरे पर आ सकते हैं। इसके लिए भाजपा प्रदेश स्तर से तैयारियां शुरू हो गई हैं। लेकिन प्रधानमंत्री के देहरादून आने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक बड़ा दांव चलने जा रहे हैं। राज्य सरकार जल्द ही देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की घोषणा कर सकती है। भाजपा के अंदरखाने इस बात को लेकर संकेत मिल रहे हैं, कि चुनाव में जाने से पहले भाजपा इस मुद्दे को सुलझाना चाहती है। इसके लिए 30 नवंबर को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक को लेकर भी चर्चा है।
एक साल से चल रहा विवाद
करीब एक साल से भाजपा सरकार के लिए देवस्थानम बोर्ड मुश्किलें खड़ी कर रहा है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के शासनकाल में बने देवस्थानम एक्ट को लेकर तीर्थ पुरोहित लगातार आंदोलन कर रहे हैं। चारधाम यात्रा के दौरान पुरोहितों ने तीर्थ स्थलों पर भी आंदोलन जारी रखा। शीतकाल के लिए कपाट बंद हुए तो पुरोहितों ने देहरादून में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ऐसे में एक तरफ जहां सरकार टिकट बंटवारे से लेकर दूसरी चुनावी तैयारियों में जुटी है। वहीं दूसरी और पंडा समाज सरकार की मुश्किलें बढ़ाने का काम कर रहे हैं। ऐसे में अब सरकार ने कदम पीछे खिंचने की तैयारी कर ली है। पहले राज्य सरकार गैरसेंण सत्र में 7 और 8 दिसंबर को देवस्थानम बोर्ड को लेकर ऐलान करने की तैयारी में थी।
मोदी की जनसभा से पहले ऐलान संभव
लेकिन अब पीएम नरेंद्र मोदी के देहरादून दौरे से पहले सरकार इस मुद्दे को शांत कराकर अपना डेमेज कंट्रोल करने में जुटी है। कृषि कानून बिल को लेकर जिस तरह केन्द्र सरकार ने निर्णय लिया, ठीक वैसे ही राज्य सरकार देवस्थानम बोर्ड को लेकर फैसला लेने जा रही है। पहले कैबिनेट में चर्चा और सहमति बनने के बाद 7 और 8 दिसंबर को गैरसेंण सत्र में सरकार एक्ट को लेकर अपना ऐतिहासिक कदम उठा सकती है। इससे भाजपा को चुनाव से पहले बड़ा मुद्दा मिल सकता है। साथ ही एक साल से जिस तरह चारों धामों और इन जिलों की अन्य करीब 15 सीटों पर भाजपा के समीकरण बदल रहे थे, उन पर भाजपा वापसी कर सकती है। भाजपा के अंदरुनी सर्वे में भी उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग जिलों की कम से कम 15 सीटों पर भाजपा को अपनी स्थिति बेहतर नजर नहीं आ रही है। इससे पहले भाजपा तराई सीट पर कृषि कानून वापस लेने के बाद अपने समीकरणों को दोबारा से पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है। देवस्थानम बोर्ड को भंग कर भाजपा कम से कम 15 सीटों पर दोबारा कांग्रेस को टक्कर देने की स्थिति में आ सकती है।
मदन कौशिक ने दिए संकेत
बुधवार को देवस्थानम बोर्ड को लेकर एक बार मीडिया में इस तरह की खबरें भी आई कि मुख्यमंत्री आवास पर देवस्थानम बोर्ड को लेकर बड़ी बैठक चल रही है। जिसमें मुख्यमंत्री, चुनाव प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की अहम बातचीत हो रही है। इसके बाद देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की खबरें तक वायरल होने लगी। बाद में प्रदेश कार्यालय में जब प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने खुद कहा कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर जल्द अच्छी जानकारी मिल सकती है। संकेत साफ है कि सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की तैयारी में हैं।