अगले महीने फ्री में घूम सकेंगे ताजमहल, कुतुब मीनार जैसी इमारतें
आगरा। कैसा हो कि आप दुनिया के 7 अजूबों में शामिल ताजमहल और कुतुब मीनार, फतेहपुर सीकरी समेत देश की कई खूबसूरत इमारतों को बिना किसी शुल्क फैमिली के साथ घूम लें? बिना टिकट के ही स्मारकों में प्रदर्शनी, ड्राइंग-पेंटिंग प्रतियोगिता, निबंध, भाषण और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं भी देख पाएं? किसी ऐतिहासिक स्थल पर घूमने का प्लान आप बना रहे हैं तो यह खुशखबरी आपके लिए ही है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) संस्था 19 से 25 नवंबर तक विश्वदाय सप्ताह का आयोजन करेगी, जिसमें आप ताज जैसी कई विश्वदाय इमारतों को नि:शुल्क घूम पाएंगे। अंदर-बाहर कहीं भी टिकट नहीं खरीदना पड़ेगा।
हफ्तेभर तक फ्री एंट्री ले पाएंगे
19 से 25 नवंबर तक विश्वदाय सप्ताह के मौके पर पहले दिन सभी स्मारकों में पर्यटकों को निशुल्क प्रवेश मिलेगा, जबकि अन्य दिनों कई स्मारकों में प्रदर्शनी, ड्राइंग-पेंटिंग प्रतियोगिता, निबंध, भाषण और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का लुत्फ भी आप ले सकते हैं। इन प्रतियोगिताओं के जरिए लोगों को धरोहरों को सहेजने के प्रति जागरुक किया जाएगा।
देश के सभी संरक्षित स्मारक शामिल
ताजमहल के अलावा कुतुब मीनार, फतेहपुर सीकरी जैसे देश के लगभग संरक्षित स्मारकों में 19 नवबर को फ्री एंट्री कर सकते हैं। इनमें निशुल्क प्रवेश देने का आदेश भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ही जारी किया है। एएसआई अधिकारियों ने कहा है कि संस्था द्वारा आयोजित विश्वदाय सप्ताह के शुभारंभ पर स्मारकों में पर्यटकों को नि:शुल्क घूमने दिया जाएगा।
ताज देखने के 3880 रु. भी बचेंगे
यदि आप इस दौरान ताज विजिट करते हैं तो प्रवेश शुल्क न लगने से काफी पैसे बच जाएंगे। अकेले आगरा में विदेशी पर्यटकों के 3880 रुपये प्रवेश शुल्क के बचेंगे। यदि एक नवंबर से टिकट का शुल्क बढ़ता है तो 4400 रुपये की बचत हो सकती है। देशी पर्यटकों के 285 रुपये बचेंगे, यदि टिकट दर नहीं बढ़ी तो। यदि ताज पर टिकट दर बढ़ी तो 535 रुपये की बचत होगी।
फैमिली सहित जा सकते हैं
पुरातत्वविद अधीक्षण वसंत कुमार स्वर्णकार के मुताबिक, 19 नवंबर को पर्यटकों का प्रवेश नि:शुल्क रहेगा। आप अकेले ही नहीं बल्कि फैमिली को भी सभी केंद्रीय संरक्षित स्मारकों में ले जा पाएंगे।
यह हैं एएसआई की जिम्मेदारी
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग, भारत सरकार के संस्कृति विभाग के अंडर की अथॉरिटी है, जो कि पुरातत्व अध्ययन और सांस्कृतिक स्मारकों के अनुरक्षण के लिये उत्तरदायी होती है। देश के लगभग हर वर्ल्ड हैरिटेज साइट की जिम्मेदारी इसके ही पास है।
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