मृत पीसीएस अधिकारी का योगी सरकार ने किया प्रमोशन, फिर ट्रांसफर
यूपी में पीसीएस अधिकारियों की प्रमोशन, बहाली और ट्रांसफर देखने वाली नियुक्ति विभाग ने एक मृत पीसीएस अफसर का न सिर्फ प्रमोशन कर दिया बल्कि उसका ट्रांसफर भी कर दिया।
बुलंदशहर। यूपी में पीसीएस अधिकारियों की प्रमोशन, बहाली और ट्रांसफर देखने वाली नियुक्ति विभाग ने एक ऐसा काम किया जिससे कि न सिर्फ नियुक्ति विभाग बल्कि योगी सरकार को भी शर्मिंदा होना पड़ रहा है। बता दें कि नियुक्ति विभाग ने एक मृत पीसीएस अफसर का न सिर्फ प्रमोशन कर दिया बल्कि उसका ट्रांसफर भी कर दिया।
222 अधिकारियों की एक साथ हुआ था ट्रांसफर
सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने प्रशासन में भारी फेरबदल किया है। इस के तहत सरकार ने 222 पीसीएस अधिकारियों के ट्रांसफर कर दिए। इसी क्रम में गिरीश कुमार को एसडीएम वाराणसी से नगर मजिस्ट्रेट बुलंदशहर प्रोमोट कर तबादला किया गया। बता दें कि गिरीश कुमार शर्मा की मृत्यु 29 नवम्बर, 2016 को हो चुकी है। उनके बेटे राजुल शर्मा को 4 जनवरी 2017 को लिपिक पद पर नौकरी दे दी गई। इसके अलावा सेवाकाल के फण्ड का कुछ हिस्सा भी परिवार को भुगतान किया जा चूका है।
हकीकत से अनजान अधिकारी उनके ज्वाइंनिंग का इंतजार कर रहे थे
खास बात यह है कि पीसीएस अफसर की मौत से अनजान बुलंदशहर प्रशासन भी नगर मजिस्ट्रेट गिरीश कुमार की ज्वांइनिग का इंतजार कर रहे है। बता दें कि मूलतः झारखण्ड के रहने वाले गिरीश कुमार वाराणसी में एसडीएम के पद पर तैनात थे। पिछले साल 29 नवंबर, 2016 में उनकी गंभीर बिमारी की वजह से निधन हो गया था। उनकी मौत के बाद बेटे को मृतक आश्रित कोटे से बेटे राहुल को वाराणसी जिला मुख्यालय पर रिकॉर्ड रूम में नौकरी भी दे दी गई।
दो दिन तक प्रशासन को गलती का नहीं हुआ अहसास
इसे नियुक्ति कार्मिक विभाग की लापरवाही ही कहेंगे कि वहां मौजूद कर्मचारी पीसीएस अफसर के निधन को ही भूल गए। बता दें रविवार को सरकार ने बड़ी तादाद में पीसीएस अफसरों के तबादले किए थे। जिसमे गिरीश कुमार का नाम भी शामिल है। गिरीश कुमार को बुलंदशहर का सिटी मजिस्ट्रेट बनाया गया है। लापरवाही की हद तो तब हो गई जब तबादले के दो दिन बाद भी नियुक्ति कार्मिक विभाग के अधिकारी नहीं चेते।