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सहारनपुर में एक समुदाय ही क्यों बार-बार बन रहा है उपद्रवियों का टारगेट?

शब्बीरपुर से दो युवक शिमलाना कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे, जिन्हें जुलूस निकालने की अनुमति न होने के चलते पुलिस द्वारा रोक लिया गया। अब इस दौरान इन युवकों पर किसी ने पत्थर फेंक दिया...

By Gaurav Dwivedi
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सहारनपुर। कभी अंबेडकर के नाम पर तो कभी दूसरे अन्य महापुरुष की जयंती को लेकर निकाले जाने वाली शोभायात्राओं को लेकर माहौल बार-बार बिगड़ रहा है। एक महीने के अंदर किसी महापुरुष की जयंती को लेकर हुआ ये दूसरा बवाल है। सबसे बड़ी बात ये है कि गांव सड़क दूधली में हुआ बवाल या फिर शुक्रवार शब्बीरपुर में हुआ उपद्रव, दोनों में ही दलितों को निशाना बनाया गया है।

शब्बीरपुर में अब महाराणा प्रताप जयंती को लेकर बवाल

शब्बीरपुर में अब महाराणा प्रताप जयंती को लेकर बवाल

बड़गांव थाना क्षेत्र के गांव शिमलाना में महाराणा प्रताप की जयंती को लेकर कार्यक्रम का आयोजन होना था, लेकिन विवाद हुआ शब्बीरपुर में। दरअसल शब्बीरपुर से दो युवक शिमलाना कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे, जिन्हें जुलूस निकालने की अनुमति न होने के चलते पुलिस द्वारा रोक लिया गया। अब इस दौरान इन युवकों पर किसी ने पत्थर फेंक दिया। एक पत्थर आना था कि महाराणा प्रताप जयंती में शामिल होने जा रहे ठाकुर समाज के लोगों में गुस्सा भड़क गया। उनका शक दलितों पर गया क्योंकि शब्बीरपुर में जिस स्थान पर पुलिस द्वारा युवकों को रोका गया, वो दलित बाहुल्य बस्ती है।

अभी 20 अप्रैल को ही गांव दूधली में हुआ था उपद्रव

अभी 20 अप्रैल को ही गांव दूधली में हुआ था उपद्रव

इस दौरान किसी ने भी ये सोचने-समझने की जरूरत नहीं समझी कि पत्थरबाजी किसने और क्यों की? बस एक दूसरे को दोषी ठहराते हुए आपस में भिड़ गए। यदि पुलिस उसी वक्त सख्त कदम उठाते हुए कार्रवाई करती तो शब्बीरपुर में आगजनी, फायरिंग और गांव महेशपुर में दुकानों में तोड़फोड़ न होती।

दोनों ही वारदातों में निशाना बने दलित समाज के लोग

दोनों ही वारदातों में निशाना बने दलित समाज के लोग

कुल मिलाकर जो कुछ हुआ वो सही नहीं हुआ, लेकिन इतना तो जरूर कहा जा सकता है कि दोनों ही वारदातों में दलितों को निशाना बनाया गया। गांव सड़क दूधली में भी दलितों को और शब्बीरपुर में भी इन्हें ही निशाने पर रखा गया। दरअसल, प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद राजनीतिक दलों को दलित सॉफ्ट टारगेट नजर आ रहे हैं। चूंकि गांव शिमलाना में आयोजित महाराणा प्रताप जयंती कार्यक्रम में पूरे जिले से समाज के लोगों को आमंत्रित किया गया था। इन लोगों की आड़ में उपद्रवी गांव शब्बीरपुर पहुंचे और एक छोटे से विवाद को विकराल रूप देकर निकल लिए।

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English summary
Why Dalit target in Saharanpur continuously
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