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क्या है योगी सरकार का यूपीकोका कानून, आखिर क्यों हो रहा है इसका विरोध

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Yogi Govt के UPCOCA Bill में ऐसा क्या है जो इसे मुस्लिम विरोधी बता रहे हैं | वनइंडिया हिन्दी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अपराध पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार यूपीकोका कानून लाने जा रही है, इस कानून को पास करने के लिए योगी सरकार ने आज विधानसभा में इस बिल को पेश कर दिया है। लेकिन इस बिल के पेश होने के साथ ही विपक्षी दलों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह कानून एक विशेष वर्ग को टार्गेट करने के लिए लाया जा रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस कानून का विरोध किया है, उन्होंने कहा कि यूपी कोका का इस्तेमाल, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के दमन के लिए किया जाएगा, यह कानून जनहित के खिलाफ है, लिहाजा इस बिल को वापस लिया जाना चाहिए।

किसके खिलाफ दर्ज होगा यूपीकोका

किसके खिलाफ दर्ज होगा यूपीकोका

आपको बता दें कि यूपीकोका बिल में अपराधियों के लिए सजा के काफी कड़े प्रावधान हैं। इस प्रस्तावित कानून में गिरफ्तार किए गए अपराधी को छह महीने तक के लिए जमानत नहीं मिलेगी। इस कानून के तहत अपराधी को तभी गिरफ्तार किया जाएगा जब उसे इससे पहले दो संगठित अपराध में शामिल पाया गया हो और उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई हो।

काफी सख्त प्रावधान हैं

काफी सख्त प्रावधान हैं

यूपीकोका कानून के तहत जिन अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा उनके खिलाफ 180 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल करनी होगी। मौजूदा कानून के अनुसार जो अपराधी गिरफ्तार किए जाते हैं उनके खिलाफ 60 से 90 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल करने होती है। ऐसे में यूपीकोका कानून के तहत गिरफ्तार किए गए अपराधी के लिए मुश्किल काफी बढ़ जाएगी और उसे छह महीने से पहले जमानत नहीं मिल सकती है। यही नहीं यूपीकोका कानून के तहत पुलिस अपपराधी को 30 दिन तक रिमांड में ले सकती है, जबकि मौजूदा कानून के तहत पुलिस अपराधी को सिर्फ 15 दिनों तक के लिए ही रिमांड में ले सकती है।

अधिकतम सजा फांसी

अधिकतम सजा फांसी

योगी सरकार के प्रस्तावित कानून के पास होने के बाद इस कानून के तहत अपराधी को कम से कम पांच साल की सजा मिलेगी, जबकि अधिकतम सजा का प्रावधान फांसी की सजा होगी। यह कानून काफी सख्त है, लिहाजा इसका दुरुपयोग नहीं इसके लिए प्रावधान इस कानून में किए गए हैं। इस कानून के तहत मामलों की निगरानी खुद प्रदेश के गृह सचिव करेंगे, साथ ही मंडल स्तर के आईजी रैंक के अधिकारी की संस्तुति के बाद ही आरोपी पर इस कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। यही नहीं जिला स्तर पर अगर कोई संगठित अपराध को अंजाम देने वाला अपराधी है तो उसकी रिपोर्ट कमिश्नर को डीएम देंगे।

अवैध संपत्ति को किया जाएगा जब्त

अवैध संपत्ति को किया जाएगा जब्त

प्रस्तावित बिल में गैरकानूनी तरीके से कमाई गई संपत्ति को भी शामिल किया गया है। गैरकानूनी तरीके से अर्जित की गई संपत्ति को जब्त करने का भी प्रावधान इस बिल में किया गया है। साथ ही इस बिल में यूपीकोका से जुड़े तमाम मामलों की सुनवाई के लिए अलग से विशेष अदालत बनाए जाने का प्रावधान किया गया है। ये अदालतें मुख्य रूप से इसी से जुड़े मामलों की सुनवाई करेंगी और जल्द से जल्द मामलों का निपटारा करके अपराधियों को सजा देने का काम करेंगी। इन आपराधिक मामलों की सुनवाई खुद राज्य के गृह सचिव करेंगे। आपको बता दें कि इससे पहले वर्ष 2007 में मायावती भी यह कानून लाना चाहती थीं लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें इसकी मंजूरी नहीं दी थी।

इसे भी पढ़ें- पुलिस कांस्टेबल ने अपनी ही नाबालिग भांजी के साथ तहसील ऑफिस के पीछे किया रेप, अरेस्ट

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English summary
What is UPCOCA and how will it be stringent law against crime in Uttar Pradesh. Provision of the law are very stringent.
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