वाराणसी: भाजपा में नहीं हो सका डैमेज कंट्रोल, अब उत्तरी सीट को लेकर विवाद
वाराणसी में टिकट वितरण का विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार वाराणसी के उत्तरी विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री सुजीत सिंह ने बीजेपी को चेतावनी दी है।
वाराणसी।
पीएम
मोदी
के
संसदीय
क्षेत्र
में
वाराणसी
में
उम्मीदवारों
के
टिकट
वितरण
का
विवाद
शांत
होने
का
नाम
ही
नहीं
ले
रहा
है।
इस
बार
ताजा
मामला
है
वाराणसी
के
उत्तरी
विधानसभा
क्षेत्र
का,
जहां
बीजेपी
के
किसान
मोर्चा
के
प्रदेश
महामंत्री
सुजीत
सिंह
टिका
ने
अपनी
दावेदारी
रखते
हुए
बीजेपी
शीर्ष
नेतृत्व
को
चेतावनी
दी
है।
गौरतलब
है
कि
सुजीत
ने
मौजूदा
विधायक
रविंद्र
जयसवाल
का
टिकट
वापस
लेने
की
मांग
रखी
है।
सुजीत
ने
टिकट
वापस
न
लेने
पर
खुद
को
8
फरवरी
को
निर्दलीय
उम्मीदवार
घोषित
करने
की
चेतावनी
भी
दी
है।
वहीं,
सुजीत
ने
रविंद्र
जायसवाल
से
अपनी
जान
को
खतरा
भी
बताया
है।
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क्या
है
विवाद
?
दरअसल,
सुजीत
सिंह
टिका
1988
से
ही
बीजेपी
में
रहकर
राजनीति
कर
रहे
हैं।
तब
से
आज
तक
वो
भी
बीजेपी
के
सक्रिय
नेताओं
में
से
एक
रहे
हैं।
बता
दें
कि
2012
के
विधानसभा
चुनाव
में
भी
सुजीत
ने
शहर
उत्तरी
से
अपनी
दावेदारी
पेश
की
थी
लेकिन
उस
वक्त
भी
रविंद्र
जयसवाल
को
बीजेपी
ने
टिकट
दिया।
जिसके
बाद
सुजीत
सिंह
टिका
ने
निर्दलीय
नामांकन
दाखिल
कर
दिया
था।
लेकिन
बताया
गया
कि
पिछले
विधानसभा
में
उन्हें
2017
के
लिए
वादा
करते
हुए
बीजेपी
ने
समझा
लिया
था।
लेकिन
इस
बार
भी
जब
इनकी
दावेदारी
को
ठुकराते
हुए
मौजूदा
विधायक
को
ही
टिकट
दिया
गया
तो
एक
बार
फिर
सुजीत
सिंह
टिका
ने
अपनी
नाराजगी
जाहिर
करते
हुए
निर्दलीय
चुनाव
लड़ने
का
फैसला
किया।
जिसके
लिए
उन्होंने
बीजेपी
के
शीर्ष
नेताओं
को
7
फरवरी
तक
का
समय
दिया
है।
सुजित
सिंह
टिका
ने
कहा
मौजूदा
विधायक
से
है
जान
का
खतरा
यहीं
नहीं,
सुजीत
सिंह
टिका
ने
मौजूदा
विधायक
और
बीजेपी
उम्मीदवार
शहर
उत्तरी
रविंद्र
जायसवाल
पर
आरोप
लगाया
है।
उन्होंने
कहा
कि
रविंद्र
जायसवाल
अपराधी
प्रवृत्ति
के
नेता
हैं
और
उनके
ऊपर
हत्या
के
कई
मुक़दमे
दर्ज
हैं।
सुजित
ने
कहा
कि,
"मुझे
भी
अब
अपनी
जान
का
खतरा
है
और
वो
मेरी
भी
हत्या
करवा
सकते
हैं।'
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