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उत्‍तर प्रदेश में केवल ये तीन मुख्‍यमंत्री ही पूरा कर पाए पांच साल का कार्यकाल, जानें पूरा इतिहास

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लखनऊ, 8 जनवरी। उत्‍तर प्रदेश समेत देश के कुल पांच राज्‍यों में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा शनिवार को केंद्रीय चुनाव आयोग ने कर दी हैं। गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्‍तराखंड और उत्‍तर प्रदेश में चुनाव हो रहे हैं। इस सभी चुनावों में सबसे अहम उत्‍तर प्रदेश का चुनाव माना जा रहा है क्‍योंकि ये देश का सबसे अधिक सीटों वाला प्रदेश है। आजादी के बाद से लेकर अब तक वर्तमान मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ समेत कुल तीन मुख्‍यमंत्री ही ऐसे रहे जो पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा सके।

सियासी खींचतान और गुटबाजी की शिकार रही यूपी

सियासी खींचतान और गुटबाजी की शिकार रही यूपी

दरअसल, यूपी सियासी खींचतान और गुटबाजी का हमेशा से शिकार रहा है। यहीं कारण है कि यूपी में पिछले 70 सालों में मुख्‍यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले तीन सीएम को छोड़कर अन्‍य सभी को अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले विभिन्‍न कारणों से इस्‍तीफा देना पड़ा।

ये तीन सीएम पूरा कर पाए पांच साल का कार्यकाल

ये तीन सीएम पूरा कर पाए पांच साल का कार्यकाल

पहले हम बात करेंगे उन मुखमंत्रियों की जो अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर सके। प्रदेश में अपना कार्यकाल पूरा करने का रिकार्ड सर्वप्रथम 2007 में यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद मुख्‍यमंत्री बनी मायावती ने बनाया था। इसके बाद 2012 में यूपी में समाजवादी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी और अखिलेश यादव मुख्‍यमंत्री बने और पूरे पांच साल तक उन्‍होंने बिना विघ्‍न के अपना कार्यकाल पूरा किया। इसके बाद 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की और योगी आदित्‍यनाथ मुख्‍यमंत्री बनाएं गए और उन्‍होंने बिना किसी कठिनाई का कार्यकाल पूरा किया। यानी कि पिछले 15 सालों में लगातार देश की तीन प्रमुख पार्टियों ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई और यही कारण है था कि मुख्‍यमंत्री बिना किसी कठिनाई और खींचतान के बिना अपना कार्यकाल पूरा कर सके।

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 यूपी में मुख्‍यमंत्री नहीं पूरा कर पाए पांच साल का कार्यकाल

यूपी में मुख्‍यमंत्री नहीं पूरा कर पाए पांच साल का कार्यकाल

  • देश की आजादी के बाद सबसे पहले उत्‍तर प्रदेश पहले मुख्यमंत्री पं. गोविंद वल्लभ पंत ने मई 1952 से दिसंबर 1954 तक सीएम रहे लेकिन 1954 में पंत को दिल्ली का बुलावा आ गया जिसके कारण उनकी जगह डॉ. संपूर्णानंद को र्निविरोध सीएम बनाया गया।

  • 1957 में डॉ. संपूर्णानंद सीएम बने लेकिन पं. कमलापति त्रिपाठी और चंद्रभानु गुप्ता के कारण दिसंबर 1960 में उन्‍हें इस्‍तीफा देना पड़ा
  • 1962 में तीसरी विधान सभा के चुनाव में भी कांग्रेस जीती और चंद्रभानु गुप्ता फिर मुख्यमंत्री बने, लेकिन पार्टी के अंदर विरोध के चलते उन्हें हटाकर अक्तूबर 1963 में सुचेता कृपलानी को सीएम बनाया गया।
  • मार्च 1967 में कांग्रेस को बड़ी कठिनाई से बहुमत मिला लेकिन चौधरी चरण सिंह जो कांग्रेस से नाराज थे उन्‍होंने चंद्रभानु गुप्ता को सीएम
    बनने पर पार्टी तोड़ दी और 16 विधायकों को लेकर अलग हो गए, अल्‍पमत में आने के कारण 2 अप्रैल 1967 को केवल 10 दिन में चंद्रभानु गुप्‍ता को सीएम पद से हटना पड़ा।
  • 3 अप्रैल 1967 को चौधरी चरण सिंह मुख्‍यमंत्री बने 25 फरवरी 1968 तक ही उनकी सरकार चली और गिर गई। 1968 में प्रदेश में राष्‍ट्रपति शासन लग गया।1969 पांचवीं विधानसभा में कांग्रेस की सरकार में चंद्रभानू दूसरी बार सीएम बने उन्‍हें पद छोड़ना पड़ा और चौधरी चरण सिंह सीएम बने और महज 8 माह तक सीएम रहे लेकिन 1970 में त्रिभुवन नारायण सिंह जोड़-तोड़ की राजनीति करके सीएम बने। महज साढ़े तीन महीने बाद ही उन्‍हें भी हटाया गया और पंडित कमलापति त्रिपाठी को उनकी जगह सीएम बनाया गया। त्रिापाठी भी दो साल तक सीएम की कुर्सी संभाल पाए फिर राष्‍ट्रपति शासन लग गया। इसके बाद हेमवती नंदन बहुगुणा सीएम बने और 1973 से 1974 और मुख्‍यमंत्री की कुर्सी संभाली
  • 1974 में छठीं विधानसभा में हेमवती नंदन बहुगुणा को सीएम बने। वह 29 नवंबर 1975 तक मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद नारायण दत्त तिवारी 21 जनवरी 1976 से 30 अप्रैल 1977 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद इमरजेंसी के बाद यूपी की राजननीति में बड़ा बदलाव आया और 1977 में पिछड़ी जाति के रामनरेश सीएम बने और वो भी एक साल ककुछ महीने मुख्‍ख्‍यमंत्री रहे।
  • इसके बाद बाबूबनारसी दास से लेकर 2007 तक‍ जो भी मुख्‍यमंत्री बने वो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।
  • 2007 में मायावती की जब बहुमत की सरकार प्रदेश में बनी तब उन्‍होंने यूपी में सीएम के रूप में पांच साल पूरा करने का इतिहास रचा।

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English summary
Uttar Pradesh, only these three chief ministers were able to complete their five-year tenure, know the full history
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