Uttar Pradesh Mainpuri By-elections Results 2022: डिंपल को मिली निर्णायक बढ़त, सपा में खुशी का माहौल
उत्तर प्रदेश दो विधानसभा सीटों के साथ ही मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था। इस बार मैनपुरी में बीजेपी ने सपा को कड़ी टक्कर दी है। अब देखना है कि समाजवाद का किला बरकरार रहता है या बीजेपी सेंध लगाने में कामयाब रहती है।
Mainpuri-Rampur-Khatauli bypolls Result 2022 Updates: उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा सीट के साथ ही खतौली और रामपुर सदर सीटों पर उपचुनाव के दौरान हुए वोटों की गिनती गुरुवार सुबह 8 बजे शुरू हो गई है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ आज इन उपचुनावों के नतीजे घोषित आ जाएंगे। सपा की उम्मीदवार डिंपल यादव ने अपने बीजेपी के उम्मीदवार से 75 हजार से अधिक मतों की निर्णायक बढ़त बना ली है। इस शानदार प्रदर्शन के बाद अब सपा खेमे में खुशी की लहर दिखाई दे रही है।
जानकारी के अनुसार मैनपुरी में डिंपल यादव सभी विधानसभा सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। करहल और जसवंतनगर विधानसभा सीटों पर भी वो अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य से आगे चल रही हैं। हालांकि अभी मतों की गिनती शुरू हुई है। मतगणना जैसे जैसे आगे बढ़ रही है डिंपल यादव अपने निकटतम उम्मीदवार पर भारी बढ़त हासिल करती जा रही हैं।
मैनपुरी में 53 फीसदी हुआ था मतदान
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुए मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में 54.37 प्रतिशत मतदान हुआ था। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सपा उस सीट को बरकरार रख पाएगी जिसे मुलायम ने 1996 से पांच बार जीता है, जिसमें 2019 का लोकसभा चुनाव भी शामिल है। बीजेपी की जीत विपक्षी दल के लिए एक बड़ा झटका होगी, जिसने कुछ महीने पहले अपना गढ़ आजमगढ़ खो दिया था।
रामपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में मतदान सुस्त रहा था। यहां पहले समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान का कब्जा था, जहां करीब 33.94 प्रतिशत मतदान हुआ। इस बीच खतौली में 56.46 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। उत्तर प्रदेश में रामपुर सदर और खतौली और मैनपुरी लोकसभा सीट पर सोमवार को उपचुनाव हुए थे।
लेकिन सभी की निगाहें मैनपुरी लोकसभा सीट पर हैं, जिसका प्रतिनिधित्व समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव पांच बार कर चुके हैं। चुनाव अखिलेश यादव के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है, जिनकी पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं। उनका मुकाबला भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य से है, जो मुलायम के भाई शिवपाल सिंह यादव के पूर्व विश्वासपात्र रहे हैं।
रामपुर सदर में बीजेपी-सपा में कांटे की टक्कर
रामपुर में सपा और भाजपा के बीच करीबी मुकाबला होता दिखाई दे रहा है। रामपुर सदर और खतौली विधानसभा सीटों पर सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। बसपा और कांग्रेस इन सीटों पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। सपा विधायक आजम खान और भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद रामपुर सदर और खतौली में उपचुनाव की आवश्यकता थी।
आजम खान को 2019 के अभद्र भाषा के मामले में एक अदालत द्वारा तीन साल के कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था जबकि सैनी ने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के एक मामले में अपनी सजा के बाद विधानसभा की सदस्यता खो दी थी। उपचुनावों के नतीजों का केंद्र या राज्य सरकारों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि भाजपा को दोनों स्तरों पर पर्याप्त बहुमत प्राप्त है। हालाँकि, एक जीत 2024 के संसदीय चुनावों से पहले एक मनोवैज्ञानिक लाभ प्रदान करेगी।
इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में हार और जून के उपचुनावों में आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों पर भाजपा की हार के बाद सपा की जीत अखिलेश यादव के लिए भी कुछ सांत्वना प्रदान कर सकती है।
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