UPTET परीक्षा में सेंध लगा रहा सॉल्वर गैंग पकड़ाया, पढ़िए कैसे डिवाइस से कराते हैं चोरी
इलाहाबाद। यूपी में रविवार को हुई टीईटी परीक्षा में भी सेंधमारी की तैयारी पूरी हो चुकी थी। पेपर को लीक करने में एक्सपोर्ट एक साल्वर गैंग को इलाहाबाद में गिरफ्तार किया गया है। गैंग के दो सदस्य एसटीएफ के हत्थे चढे हैं। यह उसी गैंग के सदस्य हैं जिन्होंने मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले का जाल बुना था और जेल भी गये थे। दोनों से लगातार पूछताछ की जा रही है। साथ ही उनके साथियों की लोकेशन भी ट्रेस किया जा रहा है। पुलिस के अनुसार इन लोगों ने कयी परीक्षा में सेंधमारी की है और पेपर हल कराया है। पकड़े गये युवक इलाहाबाद के ही रहने वाले हैं। इनके पास से तीन मोबाइल, 31 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, 25 डिवाइस स्टीकर, 28 ब्लूटूथ डिवाइस, सात सिम कार्ड और करीब 10 हजार रुपये बरामद हुए हैं।
इस
तरह
आये
पकड़
में
एसटीएफ
के
एडिशनल
एसपी
त्रिवेणी
सिंह
ने
बताया
कि
इस
गिरोह
का
सरगना
केएल
पटेल
है।
जो
मध्य
प्रदेश
के
चर्चित
व्यापमं
घोटाले
में
भी
जेल
जा
चुका
है।
टीईटी
परीक्षा
में
पेपर
सॉल्व
कराने
की
भनक
लगने
के
बाद
इस
गैंग
की
लोकेशन
लगातार
ट्रेस
की
जा
रही
थी।
इलाहाबाद
में
यह
अपने
रहने
और
पेपर
सॉल्व
कराने
के
काम
को
अंजाम
देने
के
लिए
जगह
भी
ढूंढ
चुके
थे।
यह
तीन
कमरों
में
इस
ऑपरेशन
को
चलाते
और
पेपर
लीक
करते
लेकिन
इनका
पीछा
लगातार
एसटीएफ
कर
रही
थी।
इलाहाबाद
में
जब
यह
रूके
तो
दूसरे
दिन
हासिमपुर
इलाके
के
स्कूल
की
रेकी
कर
रहे
थे
तभी
घेराबंदी
कर
इन्हें
दबोच
लिया
गया।
इनकी
पहचान
इलाहाबाद
के
बहरिया
डिहवा
निवासी
संदीप
पटेल
व
मऊआइमा
किराव
निवासी
शिवजी
पटेल
के
रूप
में
हुई
है।
इस
तरह
होता
था
खेल
पुलिस
के
अनुसार
यह
गिरोह
पहले
अभ्यार्थी
तलाशता
है।
फिर
पैसे
पर
परीक्षा
पास
कराने
के
बजाय
मार्कशीट
पर
मामला
सेट
किया
जाता
है।
यह
इसलिये
किया
जाता
है
ताकि
कैन्डिडेट
को
भरोसा
रहे।
अभ्यर्थी
को
ओरिजनल
मार्कशीट
इस
गैंग
को
देनी
होती
है।
पेपर
सॉल्व
होने
के
बाद
पैसा
देने
पर
मार्कशीट
वापस
की
जाती
है।
गिरोह
के
सदस्यों
को
इलाका
बांटा
जाता
है।
वह
परीक्षा
केंद्र
के
नजदीकी
इलाके
में
कमरा
लेते
हैं
या
उस
शहर
में
कमरा
लेते
हैं।
फिर
दिल्ली
से
एक
आधुनिक
इलेक्ट्रॉनिक
किट
मंगाई
जाती
है।
परीक्षार्थी
और
सॉल्वर
परीक्षा
के
दौरान
इसी
खास
स्पाई
डिवाइस
के
साथ
जुड़े
होते
हैं।
यह
सीधे
कान
में
इयरप्लग
के
रूप
में
एकदम
अंदर
होता
है
यानी
वायरलेस
इयरफोन
की
तरह
इस्तेमाल
किया
जाता
है।
बिल्कुल
चिपक
कर
भी
अगर
कोई
दूसरा
शख्स
खड़ा
हो
जाये
तब
भी
वह
आवाज
नहीं
सुन
सकता
है।
यह
साथ
तरीके
से
बोलकर
प्रश्न
हल
कराते
हैं।
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