हाथरस मामले में सुर्खियों में रहे पंकज की पत्नी चुनाव मैदान में, वोटरों से ट्विटर पर की खास अपील
लखनऊ। पंकज धवरैय्या को तो आप जानते ही होंगे ? चलिए हम बता देते हैं। हाथरस कांड तो याद ही होगा। उस समय इनके कई वीडियो वायरल हुए थे। जिसमें धवरैय्या हाथ-पांव तोड़ने की बात करते नजर आ रहे थे। कई वीडियो ऐसे भी थे जिसमें धवरैय्या पीड़ित परिवार को धमकाते भी सुनाई दे रहे थे। अब आपको समझ आ गया होगा। आगे वीडियो भी देखेंगे तो और अच्छे से समझ जाएंगे। आप सोच रहे होंगे कि आज इनकी बात क्यों हो रही है। धवरैय्या आज फिर चर्चा है। इस बार वजह है यूपी में हो रहा पंचायत चुनाव, जिसमें उनकी पत्नी हाथ आजमा रही हैं।
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धवरैय्या की पत्नी लड़ रही हैं चुनाव
धवरैय्या की पत्नी अम्बिका पाठक हाथरस के वार्ड-14 से जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव मैदान में है। अब पत्नी चुनाव लड़ रही हो तो पति प्रचार करेगा ही। तो पंकज धवरैय्या के सोशल मीडिया पेज पर उनकी पत्नी को जिताने की पोस्ट भरी पड़ी है।
पंकज धवरैय्या ने ट्विटर पर एक पोस्टर शेयर किया है। इस पोस्टर में खुद को गरीबों का मसीहा बताते हुए पत्नी को वोट देने की अपील की है। पत्नी का चुनाव निशान आरी है। इसके साथ ही लिखा है- "अधर्म पर धर्म भारी- अब चलेगी आरी। सभी से निवेदन धर्म की न्याय की विजय के लिए गरीब कमजोर असहाय के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाए। आरी पर मोहर लगाएं।"
वैसे तो हाथरस की इस सीट से पंकज खुद ही चुनाव लड़ना चाह रहे थे लेकिन सीट महिला के लिए आरक्षित हो गई। खुद चुनाव नहीं लड़ सकते थे तो पत्नी को मैदान में उतार दिया है। पत्नी चुनाव लड़ भले रही है लेकिन प्रचार का पूरा जिम्मा पंकज ने खुद ही संभाल रखा है। इसकी गवाही उनका सोशल मीडिया पेज दे रहा है जहां वे प्रचार में जुटे नजर आ रहे हैं लेकिन पत्नी पोस्टर के सिवा कहीं नजर नहीं आ रही है।
वैसे पंकज का सोशल मीडिया पेज भी काफी ध्यान खींचने वाला है। ट्विटर पर बॉयो में वे खुद को राष्ट्रीय सवर्ण परिषद का प्रमुख लिखते हैं और सोशल एक्टिविस्ट बताते हैं। इसके साथ ही साफ-साफ लिखा हुआ है "सनातन विरोधी दूरी बनाकर रखें। पेज पर थोड़ा पीछे जाएं तो आरक्षण पर भी वह काफी कुछ कहते दिख रहे हैं।
'सीबीआई पर भरोसा नहीं है' वाले बयान ने दिलाई चर्चा
पंकज धवरैय्या पहली बार हाथरस गैंगरेप कांड के समय चर्चा में आए थे। जब सारे लोग रेप पीड़िता को न्याय दिलाने की बात कर रहे थे तब पंकज पीड़िता के परिवार को निशाने पर ले रहे थे। खुलेआम धमकी दे रहे थे। पीड़ित परिवार को लेकर ऐसे ही एक बयान ने उन्हें खूब चर्चा दिलाई थी। यह वीडियो खूब वायरल हुआ था जिसमें वह कह रहे थे- "इसको सीबीआई पर भरोसा नहीं है ? इसको एसआईटी पर भरोसा नहीं है ? इसको कानून पर भरोसा नहीं है ? एक बार मुलाकात कर हम तुझे भरोसा दिलाएंगे।"
इस बयान का संदर्भ भी बता देते हैं। सितम्बर 2020 में हाथरस 19 साल की दलित किशोरी के साथ दबंगों ने गैंगरेप किया था। जिसमें पीड़िता की दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। पीड़िता का रात में चुपचाप पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया। अगले दिन सुबह पीड़िता के परिजनों ने कहा पुलिस ने जबरन अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद घटना को लेकर खूब विरोध प्रदर्शन हुए थे। बाद में सीबीआई को मामला सौंपा गया। सीबीआई ने चार्जशीट भी दाखिल कर दी है।
जब सीबीआई को मामला सौंपने की बात चल रही थी उस समय पीड़ित परिवार ने सीबीआई की जगह मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने की मांग की थी। बस इसी बात पर पंकज भड़क गए थे और उन्होंने ये बयान दिया था।
नेताओं के हाथ-पैर तोड़ने की धमकी
हाथरस कांड के समय का ये उनका इकलौता वीडियो नहीं था। एक वीडियो में तो वे हाथरस आने वाले नेताओं का हाथ-पैर तोड़ने की बात करने लगते हैं। पंकज ने कहा था कि हाथरस पहुंचने वाले नेताओं को धमकी देने वाले अंदाज में कहा था कि कान खोलकर सुन लें। इस मुद्दे पर राजनीति की बात न करते हुए उन्होंने कहा था कि जो भी "नेता या संगठन हाथरस आता है तो वह बिना पिटे, बिना सिर फटे, बिना गाड़ी टूटे जाएगा नहीं।"
इस बयान के बाद उनके ऊपर केस भी दर्ज हुआ था। लेकिन इन बयानों के बाद जिस धवरैय्या को कोई जानता नहीं था वह सोशल मीडिया और मीडिया में चर्चा का विषय बन गया था।