यूपी में सरकारी स्कूल पर गिरी बिजली, दो छात्राओं की मौत, दो घायल
दो छात्राओं की मौत हो गई जबकि छात्र समेत दो झुलस उठे। झुलसे छात्रों का इलाज सीएचसी में चल रहा है।
सुल्तानपुर। बुधवार का दिन लम्भुआ कोतवाली के हाजीगंज गांव में बने उच्च प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के लिए काला दिन बनकर आया। हुआ ये के स्कूल से छुट्टी के समय एकाएक बारिश होने लगी, तभी कैम्पस के हैंडपम्प पर पानी पीने गए 4 बच्चे आकाशीय बिजली का शिकार हो गए। इनमें दो छात्राओं की मौत हो गई जबकि छात्र समेत दो झुलस उठे। झुलसे छात्रों का इलाज सीएचसी में चल रहा है।
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हैंडपम्प
पर
स्टूडेंट्स
पी
रहे
थे
पानी
जानकारी
के
अनुसार
बुधवार
दोपहर
क़रीब
12
बजे
के
आसपास
मौसम
ने
रुख
बदला,
आसमान
पर
काले
बदल
छाए
और
तेज़
बारिश
शुरू
हो
गई।
इस
बीच
स्कूलों
में
छुट्टी
का
समय
था,
लम्भुआ
के
उच्च
माध्यमिक
विद्यालय
हाजीगंज
में
भी
बच्चों
की
छुट्टी
हो
चुकी
थी।
तभी
प्यारेपुर
गांव
के
उधरपुर
पुरवा
की
निवासी
खुशनुमा
13
पुत्री
स्व.
इसहाक,
प्रतिभा
14
पुत्री
लालचंद,
शन्नो
13
पुत्री
इस्माईल
और
आरिफ
14
पुत्र
वाजिद
(सभी
कक्षा
8
के
स्टूडेंट
हैं)
एक
साथ
स्कूल
कैम्पस
में
लगे
हैंडपम्प
पर
पानी
पीने
के
लिए
पहुंच
गए।
इस
बीच
तेज़
गरज
के
साथ
आसमान
से
बिजली
गिरी
और
बच्चों
को
अपना
निशाना
बना
लिया।
सीएचसी
में
तोड़ा
प्रतिभा
ने
दम
चारों
बच्चे
बुरी
तरह
झुलस
गए,
जिसमें
खुशनुमा
13
ने
मौके
पर
दमतोड़
दिया।
स्कूल
के
टीचरों
ने
108
डायल
कर
एम्बुलेंस
बुलाया
और
भीगते
हुए
आनन-फानन
में
घायल
तीनों
छात्रों
को
सीएचसी
पहुंचाया।
यहां
डाक्टरों
ने
इन
छात्रों
का
इलाज
शुरू
किया
था
तभी
प्रतिभा
14
एकाएक
गम्भीर
अवस्था
में
पहुंची
और
फिर
उसकी
भी
मौत
हो
गई
जबकि
शन्नो
और
आरिफ
का
इलाज
सीएचसी
में
जारी
है।
एसडीएम
और
बीएसए
पहुंचे
सीएचसी,
जाना
हाल
उधर
4
स्टूडेंट्स
के
एक
साथ
झुलसने
की
ख़बर
जंगल
में
आग
की
तरह
फैली।
थोड़ी
ही
देर
में
एसडीएम
लम्भुआ
सलिल
पटेल
और
बीएसए
कौस्तुभ
कुमार
सीएचसी
पहुंचे,
घायल
स्टूडेंट्स
का
हाल
जाना
और
परिजनों
को
धैर्य
दिलाया।
वहीं
घटना
की
ख़बर
पाकर
पहुंची
पुलिस
ने
दोनों
छात्राओं
के
शव
को
कब्जे
में
लेकर
पोस्टमार्टम
के
लिए
भेजा
है।
मौके
से
फरार
हुए
स्कूल
प्रिंसिपल
वहीं
एसडीएम
लम्भुआ
सलिल
कुमार
ने
मौके
पर
जाकर
स्थलीय
निरीक्षण
किया
और
फिर
पीड़ित
परिवार
के
घर
पहुंचकर
उन्हें
धीरज
दिलाया।
एसडीएम
ने
शासन
स्तर
से
मिलने
वाली
मदद
का
भरोसा
भी
दिलाया
है।
घटना
में
गौर
करने
वाली
बात
ये
है
कि
जहां
स्कूल
के
टीचरों
ने
अपना
कर्तव्य
निभाते
हुए
छात्रों
को
सीएचसी
पहुंचाया
वहीं
स्कूल
के
प्रिंसिपल
राजेश
त्रिपाठी
मौके
से
ऐसे
फरार
हुए
कि
उन्होंने
सीएचसी
तक
पहुंचना
मुनासिब
नहीं
समझा।
6
बहनों
में
5वें
नम्बर
पर
थी
खुशनुमा
दखुशनुमा
के
पिता
इसहाक
की
डेढ़
वर्ष
पहले
कैंसर
रोग
से
मौत
हो
चुकी
है
।
इसहाक
के
6
बेटियाँ
थी
जिसमें
खुशनुमा
5
वें
नम्बर
पर
थी।
पति
की
मौत
और
बेटियों
के
भार
से
इसहाक
की
पत्नी
कुछ
दिन
पहले
ही
डिप्रेशन
का
शिकार
हो
चली
है।
मृतका
खुशनुमा
के
परिवार
पर
तो
दुःख
के
बादल
फट
पड़े
हैं।
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