शिक्षकों की लापरवाही से तालाब किनारे खेल रहे तीन बच्चों की डूबने से मौत
हरदोई। उत्तर प्रदेश के हरदोई में सरकारी स्कूल के अध्यापकों की लापरवाही के चलते तीन मासूम बच्चे तालाब में डूब गए। बच्चों के तालाब में डूबने की जानकारी मिलते ही हड़कंप मच गया। आनन-फानन में ग्रामीणों ने तालाब में कूदकर तीनों बच्चों को बहार निकाल लिया। तालाब में डूबने से दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। मामले की सूचना मिलने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। वहीं, ग्रामीणों ने अध्यापकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है और हंगामा किया। मौके पर पहुंचे उप जिलाधिकारी दिग्विजय प्रताप सिंह व शाहाबाद सीओ ममता कुरील ने लोगों से वार्ता की जिसके बाद बीएसए ने दो अध्यापकों को सस्पेंड कर दिया और दो शिक्षामित्रों का वेतन रोक दिया। उसके बाद एसडीएम ने मृतकों के परिवारों को भूमि आवंटित करने का भरोसा दिलाया जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए।
मामला हरदोई के पाली थाना क्षेत्र के भरखनी गांव का है। यहां गांव के बाहर बीआरसी कार्यालय प्रांगण के पास जूनियर हाईस्कूल व प्राथमिक स्कूल है। इसी प्राथमिक स्कूल में गांव के ही अशोक सिंह का आठ वर्षीय पुत्र मोहित कक्षा 2 और उससे छोटा 7 वर्षीय हर्षित सिंह आंगनबाड़ी केंद्र पर पढ़ता है। मंगलवार को दोपहर खाना खाने के बाद दोनों भाई सूर्या 6 पुत्र कामेश बाजपेई के साथ स्कूल प्रांगण के बाहर लगे नल पर पानी पीने चले गए, जहां स्कूल की बाउंड्रीवाल से सटे एक तालाब के किनारे खेलने लगे। अचानक तीनों बच्चे तालाब में गिर गए और डूबने लगे। बच्चों का शोर सुनकार मौके पर कुछ ग्रामीण पहुंच गए और हंगामा मच गया।
ग्रामीणों ने तालाब से तीनों बच्चों को बाहर निकाल लिया। लेकिन तालाब में डूबने से मोहित व हर्षित की मौत हो गई, जबकि सूर्या की इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना से परिजनों में कोहराम मचा है। ग्रामीणों ने अध्यापकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। जानकारी पर प्रभारी बीएसए आरपी त्रिपाठी व खण्ड शिक्षा अधिकारी सूचि गुप्ता ने मौके पर ग्रामीणों के बयान दर्ज किए। एसपी विपिन कुमार मिश्र ने बताया कि अगर परिजन तहरीर देंगे तो आरोपी अध्यापकों के विरुद्ध मामला दर्ज किया जाएगा। फिलहाल उप जिलाधिकारी दिग्विजय प्रताप सिंह व शाहाबाद सीओ ममता कुरील ने लोगों से बात कर हंगामा शांत कराया। बीएसए ने दो अध्यापकों को सस्पेंड कर दिया और दो शिक्षामित्रों का वेतन रोक दिया। एसडीएम ने मृतकों के परिवारों को भूमि आवंटित करने का भरोसा दिलाया जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए।